GST Compensation: राज्यों को उधारी के बोझ से बचाने को तैयार वित्त मंत्री, राज्य सरकारों को पत्र लिखकर किया आश्वस्त

जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार और गैर-भापजा शासित राज्यों के बीच के विवाद ने समूचे जीएसटी ढांचे को लेकर जिस तरह का सवाल उठाया था उससे चिंतित केंद्र सरकार अब कदम आगे बढ़ कर राज्यों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश में है। गुरुवार को राज्यों की क्षतिपूर्ति राशि के लिए स्वयं उधारी लेने का फैसला लेने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों को पत्र लिख कर उन्हें आश्वस्त किया है कि केंद्र की यह कोशिश होगी कि राज्यों पर उधारी कार्यक्रम का बोझ न पड़े।

उन्होंने राज्यों को यह भी कहा है कि राज्यों को भविष्य में जो ब्याज देना पड़ेगा वह केंद्र की तरफ से देय ब्याज के करीब ही होगा। आम तौर पर केंद्र सरकार अपने उपयोग के लिए जो उधारी लेती है उस पर ब्याज दर काफी कम होती है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जीएसटी से जुड़े मुद्दों पर पहले भी राज्यों को पत्र लिखा जाता रहा है लेकिन अगर 5 और 12 अक्टूबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार के रवैये से इस पत्र की भाषा की तुलना करें तो अंतर साफ हो जाता है।

अभी तक केंद्र सरकार अपने स्तर पर उधारी ले कर राज्यों को देने को बिल्कुल भी तैयार नहीं था। माना जाता है कि जिस तरह से कुछ विपक्षी दल शासित राज्यों ने पूरे मामले को कानूनी विवाद में तब्दील करने की कोशिश शुरु की थी उससे यह बदलाव दिखाई दिया है। राजग सरकार हमेशा से जीएसटी को केंद्र व राज्यों के बीच सहयोग की सबसे बड़े सुधारवादी उदाहरण के तौर पर पेश करती रही है। इसे कानूनी पचड़े में फंसने से बचाने के लिए क्षतिपूर्ति विवाद का समाधान निकालने का रास्ता खोजा गया है।

वित्त मंत्री ने अपने पत्र में सभी राज्यों को क्षतिपूर्ति विवाद का समाधान करने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया है। उधर, आरबीआइ ने स्टेट डेवलपमेंट लोंस (एसडीएल) के तहत सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद व बिक्री कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है जिसकी शुरुआत 22 अक्टूबर होगी। 22 अक्टूबर को 10 हजार करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों की बिक्री की जाएगी।

ओपन मार्केट आपरेशन (ओएमओ) के तहत प्रतिभूतियों या सरकारी बिल की खरीद-बिक्री बाजार में तरलता प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है लेकिन इस बारे में केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट कहा है कि पहली बार एसडीएल के तहत यह किया जा रहा है। यह भी कहा है कि पहले चरण के आपरेशन को लेकर निवेशकों की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए आगे के लिए फैसला किया जाएगा।