नसीरुद्दीन सर के सामने उर्दू बोलना थोड़ा कठिन था:पहले दिन तो उनके सामने मेरी आवाज ही नहीं निकल रही थी: अदिति राव हैदरी

सीरीज ‘ताज- डिवाइडेड बाय ब्लड’ में एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी अनारकली का किरदार निभाती हुई नजर आएंगी। अदिति की मानें तो वह अनारकली जैसी आईकॉनिक किरदार को लेने से नहीं डरती, वही वह हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री मधुबाला से तुलना करने के लिए तैयार हैं। दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान, अभिनेत्री ने इस सीरीज और अपने प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी खास बातें शेयर की हैं।

एक और पीरियाडिक सीरीज को आपने चुना, कोई खास वजह?

बेशक मुझे पीरियाडिक फिल्में पसंद हैं लेकिन ऐसा नहीं की मुझे सिर्फ पीरियाडिक करना पसंद हैं, मैं हर तरह की फिल्में करना चाहती हूँ। ये निर्भर करता हैं की आप किसके साथ काम कर रहे हैं, आपकी टीम कैसी हैं। हम अपना बहुत ज्यादा समय एक प्रोजेक्ट को देते हैं, जाहिर है अपने काम से संतुष्टि होना बहुत जरूरी हैं। मेरे लिए क्रिएटिव सेटिस्फेक्शन बहुत मायने रखता हैं। मुझे लगता है की हम एक्टर्स भी बहुत मेहनत करते हैं, कई बार लोगों को वो शायद दिखता नहीं। हमें पता है की कैसे कई बार हम बिना सोए अपना काम पूरा करते हैं, लेकिन हां हमें मजा भी आता हैं।

बेशक, मुझे पीरियाडिक फिल्में अच्छी लगती हैं खास तौर पर इसलिए क्योंकि कई अनसुनी एलिमेंट जानने को मिलता है। जिस तरह से फिल्ममेकर्स अपनी कल्पना के साथ खेलते हैं, उसमे काफी मजा आता है। हमारी सीरीज में कई आईकॉनिक किरदार हैं, मेकर्स ने उनकी बड़ी-बाड़ी बातों को थोड़ा साइड में रखकर ये बताने की कोशिश की हैं की वो भी नॉर्मल इंसान थे। कुल मिलाकर, मजा आया।

फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में मधुबाला अनारकली का किरदार निभा चुकी हैं। तुलना के लिए कितनी तैयार हैं?

अनारकली का किरदार निभाते वक्त मुझे उनका ह्यूमन एस्पेक्ट देखने को मिला। ऐसा डर बिल्कुल नहीं था की ये अनारकली का किरदार हैं, जोकि अपने आप में बहुत बड़ा हैं, वो मैं कैसे निभाऊंगी? मुझे पता हैं की मधुबाला जैसे वेटेरन एक्ट्रेस ने ये किरदार निभाया हैं, लेकिन मैंने इसका स्ट्रेस बिलकुल नहीं लिया। मैंने इसे एक कहानी की तरह लिया।

अनारकली एक आम लड़की थी जिसे शहजादे से प्यार हो जाता है, अब जाहिर हैं इससे वो खतरे में तो आएगी ही। हमारी कहानी में अब ये दिखाने की कोशिश की गई की उसके इर्द-गिर्द कैसा माहौल रहा होगा, उसने कैसे इसे झेला होगा। वैसे सभी लोग अनारकली को ट्रैजिक क्वीन कहते हैं लेकिन मैं इस बात को नहीं मानती। मेरा मानना है की वो बहुत ही साहसी थी। उसने प्यार किया था जिसके लिए वो डरी बिलकुल नहीं थी।

नसीरुद्दीन शाह के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

बहुत अमेजिंग अनुभव रहा। उनके सामने खड़ा रहना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात हैं। मेरे लिए ये किसी सपने से कम नहीं था। ये देखना की सर इतने अनुभवी हैं, इतने जानकार हैं फिर भी टीम को साथ लेकर चलते हैं। इसमें एक अनोखा टीम स्पिरिट है। वो साथ में काम करने पर विश्वास रखते हैं। साथ ही उन्हें लोगों को खिलाना बहुत पसंद है। सेट पर हम सभी को अपने घर का खाना खिलाया करते थे।

उर्दू बोलना वो भी नसीरुद्दीन सर के सामने थोड़ा कठिन था। एक तो सर की आवाज बहुत स्ट्रॉन्ग हैं। पहले दिन तो उनके सामने मेरी आवाज ही नहीं निकल रही थी। लेकिन फिर काफी कंफर्टेबल हो गई। मुझे कई बार उर्दू शब्द को लेकर शंका होती थी लेकिन सर मुझे पूरी आजादी देते थे अपने तरीके से बोलने के लिए। कई बार तो सर ही स्क्रिप्ट में लाइन बदल दिया करते थे।

सीरीज डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज होगी, कैसा लग रहा?

ओटीटी पर मुझे हर शैली को एन्जॉय करती हूं। मुझे याद हैं मेरी एक मलयालम फिल्म थी जो पहले तो थिएटर में रिलीज होने वाली थी लेकिन फिर अचानक से मेकर्स ने उसे ओटीटी पर रिलीज करने का फैसला लिया। उस वक्त मुझे नहीं अच्छा लगा, मैं खूब रोई भी थी। मुझे लगता था की मेरे साथ सही नहीं हो रहा हैं, हमारी फिल्म थिएटर में रिलीज होनी चाहिए थी। लेकिन फिर जो हुआ वो तो शानदार अनुभव रहा। हमारी फिल्म सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रही, गानों के रील्स बने, फिल्म हिट रही। मुझे तो बहुत अच्छा लगा। बिना प्रमोशन के ही हिट हो गई।