किसानों की स्किल बढ़ाने की 8 योजनाएं:सरकार दे रही है मौका…स्किल डेवलपमेंट से ही बढ़ेगी हर किसान की आमदनी

भारत का सालाना कृषि उत्पादन 310 मिलियन टन से अधिक होने लगा है, और बागवानी (हॉर्टिकल्चर) उत्पादन 330 मिलियन टन से ज्यादा। ये 50 सालों की बड़ी उपलब्धि है, और इसे आगे बढ़ाते रहने, और हर किसान की आय बढ़ाने के लिए, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम का अपना महत्व है।

एग्रीकल्चर सेक्टर में भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्किल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम्स की जानकारी आज मैं आपको दूंगा।

झारखण्ड में रहने वाली शर्मिला देवी हों, हरियाणा के अनिल कुमार या फिर आंध्र के राजा रेड्डी, बिहार के संतोष कुमार हों या तेलंगाना के रहने वाले भानु प्रकाश…ऐसे हजारों हजार युवा और बुजुर्ग किसान हैं जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न सरकारी स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर अपनी कृषि उपज और आमदनी को बढ़ाया है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ स्किल डेवलपमेंट योजनाओं के बारे में बताएंगे।

आधी आबादी का सीधा पैरोकार

भारत में कृषि सदियों से एक महत्वपूर्ण सेक्टर रहा है। आज भी हम एक कृषि प्रधान देश हैं जहां लगभग 50% आबादी रोजगार के लिए कृषि पर निर्भर है। सरकारों ने हमेशा से ही किसानों का समर्थन करने और उनकी प्रोडक्टिविटी में सुधार करने का लक्ष्य रखा है।

हालांकि, किसानों के सामने भी कई चुनौतियां हैं। जैसे संसाधनों की कमी, पुरानी तकनीकों और जलवायु परिवर्तन… ऐसे ही कारणों से उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों में प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों की जरूरत महसूस की गई।

भारत में सरकारों ने किसानों को कृषि के क्षेत्र में अपने स्किल और नॉलेज को बढ़ाने में मदद करने के लिए कई कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य है- किसानों, कृषि-उद्यमियों और ग्रामीण युवाओं को नई कृषि तकनीकों विकसित करने में मदद देना। आधुनिक तकनीकें अपनाने के लिए किसानों को मदद देना और किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद देना।

8 बड़े प्रोग्राम कृषि सेक्टर के

1) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)

इस कार्यक्रम को 2015 में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में 1 करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करना है। PMKVY कृषि से संबंधित स्किल जैसे जैविक खेती, डेयरी फार्मिंग और फूड प्रोसेसिंग में प्रशिक्षण प्रदान करता है। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को स्व-रोजगार के लिए आवश्यक स्किल सिखाकर उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाना है।

2) दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY)

यह कार्यक्रम ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 2014 में शुरू किया था। कार्यक्रम का उद्देश्य गरीब परिवारों के ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। कार्यक्रम कृषि से संबंधित स्किल जैसे बागवानी, कृषि वानिकी और पशुपालन में ट्रेनिंग देने पर केंद्रित है।

3) कौशल भारत कार्यक्रम (Skill India)

भारत सरकार ने 2015 में कौशल भारत कार्यक्रम भी शुरू किया, जिसका लक्ष्य 2022 तक 40 करोड़ लोगों को स्किल ट्रेनिंग देना था। यह कार्यक्रम कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में ट्रेनिंग देने पर केंद्रित है। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रोडक्शन और आमदनी के स्तर में सुधार के लिए कृषि क्षेत्र में एक स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करना है।

4) भारतीय कृषि कौशल परिषद (ASCI)

यह कृषि क्षेत्र में वर्कफोर्स के स्किल्स में सुधार के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई एक और पहल है। ASCI एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसे 2013 में कृषि में विभिन्न नौकरी भूमिकाओं के लिए योग्यता मानकों और कौशल सेटों को विकसित करने और प्रमाणित करने के लिए स्थापित किया गया था। ASCI किसानों, कृषि-उद्यमियों और ग्रामीण युवाओं को कृषि में उनके स्किल और नॉलेज में सुधार करने के लिए ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन कोर्स मुहैया कराता है।

5) स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (SVEP)

2015 में शुरू किए गए इस प्रोग्राम का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमियों को कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सहायता और धन उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम ग्रामीण उद्यमियों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि उन्हें अपने व्यवसायों को विकसित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिल सके।

6) MANAGE – Hyderabad

नेशनल सेंटर फॉर मैनेजमेंट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (MANAGE) – हैदराबाद किसानों और कृषि विस्तार श्रमिकों के कौशल में सुधार के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई एक और महत्वपूर्ण पहल है। MANAGE, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत 1987 में स्थापित एक स्वायत्त संस्थान है। संस्थान कृषि क्षेत्र में किसानों, विस्तार कार्यकर्ताओं और अन्य हितधारकों को कृषि में उनके कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रदान करता है।

7) परम्परागत कृषि विकास योजना

2015 में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम का उद्देश्य जैविक खेती के तरीकों के लिए किसानों को सहायता और धन उपलब्ध कराकर देश में जैविक खेती को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम किसानों को जैविक कृषि पद्धतियों को अपनाने में मदद करने के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण भी प्रदान करता है।

8) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) 2007 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख योजना है। इस योजना का उद्देश्य कृषि विकास में तेजी लाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता प्रदान करना है। RKVY का प्राथमिक उद्देश्य राज्यों को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

समझने वाली 4 बड़ी बातें

1) आप अपनी फसलों और कृषि उत्पादों का डाइवर्सिफिकेशन कर आय बढ़ा सकते हैं

2) नई कृषि तकनीकें इन प्रोग्राम के जरिये सीखकर आप गलतियां करने से बच सकते हैं

3) बदलते दौर में हर मुमकिन सरकारी सहयोग और सब्सिडी की जानकारी ले सकते हैं

4) एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर की डिमांड बढ़ती ही जानी है, ये समझकर प्रोडक्ट प्लानिंग कर सकते हैं