क्रिमिनल केस के अलावा ट्रम्प पर 19 और मामले:पूर्व प्रेसिडेंट पर हिंसा, चुनाव में धांधली और रेप-मानहानि जैसे आरोप; सजा एक में भी नहीं

30 मार्च 2023, न्यूयॉर्क के मैनहैटन कोर्ट ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर क्रिमिनल केस चलाने की घोषणा की। 4 अप्रैल को मैनहैटन की कोर्ट ने पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल को पैसे देकर चुप कराने और आर्थिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के केस में 34 आरोप लगाए गए। ट्रम्प ने कोर्ट में कहा कि वो दोषी नहीं हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।

अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी राष्ट्रपति के खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जा रहा है। ट्रम्प पर यह केस 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स के साथ अफेयर और उन्हें चुप रहने के लिए पैसे देने के आरोप में चलेगा।

बड़ी बात ये है कि ट्रम्प पर ये इकलौता केस नहीं है। उन पर कुल 19 केस चल रहे हैं। इनमें से आधे मामलों में उन पर राष्ट्रपति रहते हुए गलत आचरण के आरोप हैं। ट्रम्प पर चल रहे ज्यादातर केस 3 मामलों से जुड़े हुए हैं। पहला वित्तीय गड़बड़ी जिससे उन्होंने ज्यादा पैसे कमाए। दूसरा 6 जनवरी 2021 को संसद में हुई हिंसा में ट्रम्प की भूमिका। तीसरा केस है 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में दखलअंदाजी की कोशिश।

हालांकि पूर्व राष्ट्रपति ने सभी मामलों को खारिज किया है। कुछ मामलों को बंद करने के लिए ट्रम्प ने याचिका भी लगा रखी है और कुछ में उन्होंने काउंटर केस दायर किया है।

वकील कोहेन ने मानी पॉर्न स्टार को पैसे देने की बात
डोनाल्ड ट्रम्प और पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स की मुलाकात पहली बार 2006 में एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान हुई थी। तब ट्रम्प एक रियल एस्टेट कारोबारी थे। स्टॉर्मी ने अपनी किताब फुल डिस्क्लोजर में इस मुलाकात का जिक्र किया है।

अपनी किताब में स्टॉर्मी ने बताया कि ट्रम्प ने उन्हें पेंटहाउस में डिनर के लिए बुलाया था। किताब में उन्होंने ट्रम्प के साथ बने संबंधों और उनकी शारीरिक बनावट का भी जिक्र किया था। इसके बाद दोनों के बीच अफेयर शुरू हो गया था। आरोप है कि 2016 में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले ट्रम्प ने स्टॉर्मी को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे।

ट्रम्प के वकील माइकल कोहेन ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि उसने ट्रम्प की तरफ से पॉर्न स्टार को 1 लाख 30 हजार डॉलर (करीब 1 करोड़ 7 लाख रुपए) दिए थे। इस पेमेंट का खुलासा जनवरी 2018 में वॉलस्ट्रीट जर्नल ने किया था। इसी के आधार पर ट्रम्प के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने का फैसला किया गया और कोर्ट में उन पर 34 आरोप लगाए गए।

ट्रम्प पर समर्थकों को भड़काने का आरोप
अमेरिका में 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद में ट्रम्प के समर्थकों ने हिंसा की थी। 3 नवंबर 2020 को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग में बाइडेन को 306 और ट्रम्प को 232 इलेक्टोरल वोट मिले। नतीजे सामने आते ही ट्रम्प और उनके समर्थकों ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाए।

वोटिंग के 64 दिन बाद जब अमेरिकी संसद बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने में जुटी तो ट्रम्प के समर्थक संसद में घुस गए। वहां तोड़फोड़ और हिंसा की। इसमें एक पुलिस अफसर समेत 5 लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा के बाद ट्रम्प पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगा था।

18 महीने तक मामले की जांच चली। पिछले साल दिसंबर में जांच कमेटी ने एक 845 पेज की रिपोर्ट तैयार की। इसमें ट्रम्प को दोषी ठहराया गया। उनके खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने की सिफारिश की गई। इसके लिए 1000 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए थे।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जांच कमेटी ने ट्रम्प पर राष्ट्रपति चुनाव में हार के फैसले को पलटने, विद्रोह भड़काने, आधिकारिक कार्रवाई में बाधा डालने, साजिश रचने, झूठे बयान देने और देश को धोखा देने के आरोप लगाए। इसके बाद कमेटी ने मामले को जस्टिस डिपार्टमेंट को रेफर कर दिया।

अब ग्रैंड ज्यूरी के सामने ट्रम्प के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहे माइक पेंस और व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रहे मार्क मीडोज के बयान दर्ज किए जाएंगे।

FBI के वारंट में 3 क्रिमिनल लॉ तोड़ने का जिक्र
राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद जब ट्रम्प ने व्हाइट हाउस छोड़ा, तब उन पर आरोप लगे कि वो कई क्लासिफाइड डॉक्युमेंट अपने साथ ले गए। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, नेशनल आर्काइव्स ने कई बार डॉक्युमेंट मांगे लेकिन ट्रम्प ने इसे अनदेखा कर दिया। इसके बाद अगस्त में FBI ने ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित रिजॉर्ट मार-ए-लागो और पाम हाउस पर छापा मारा।

रॉयटर्स के मुताबिक, सर्चिंग के दौरान 13 हजार दस्तावेज जब्त किए गए जिनमें से 100 पर क्लासिफाइड लिखा हुआ था। इनमें CIA, नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी और FBI से जुड़ी फाइल्स थीं। साथ ही ईरान, चीन से जुड़े खूफिया जानकारी सहित ईरान के मिसाइल प्रोग्राम की डीटेल्स भी थीं।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, FBI के छापे के लिए जो वारंट इस्तेमाल किए गए उनमें 3 क्रिमिनल लॉ से संबंधित थे। इनमें जासूस करने (राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज को बिना इजाजत अपने पास रखने), सरकारी दस्तावेजों को छिपाने या नष्ट करने और कामकाज में दखल डालने का जिक्र था।

जस्टिस डिपार्टमेंट ने दावा किया था कि ट्रम्प ने कार्रवाई के दौरान सीक्रेट दस्तावेज छिपाने की कोशिश की थी। साथ ही उनके पास इस बात के भी सबूत हैं कि ट्रम्प के प्रतिनिधियों ने सभी दस्तावेज लौटने का झूठा दावा किया था।

हाल ही मामले पर फैसला सुनाते हुए जिला कोर्ट की जज ने कहा- शुरुआती तौर पर प्रॉसिक्यूटर्स ने दिखाया है कि ट्रम्प ने अपराध किया। हालांकि, इस दौरान जज कौन से अपराध का जिक्र कर रही थीं, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

ट्रम्प ने रैफेंसपर्गर को दी थी क्रिमिनल केस में फंसाने की धमकी
2020 में राष्ट्रपति चुनाव के बाद ट्रम्प पर नतीजों को पलटने की कोशिश करने के आरोप लगे थे। BBC के मुताबिक, 2 जनवरी 2021 को ट्रम्प और जॉर्जिया के इलेक्शन ऑफिसर ब्रैड रैफेंसपर्गर के बीच कॉल पर करीब एक घंटे बात हुई। व्हाइट हाउस के ऑफिस से यह कॉल 3 जनवरी दोपहर 2:41 पर की गई थी।

ट्रम्प ने रैफेंसपर्गर से फोन पर कहा कि उन्हें वोटों की दोबारा गिनती करनी चाहिए, ताकि राज्य के 16 इलेक्टोरल वोट उनके हिस्से में आएं। कॉल रिकॉर्डिंग वॉशिंगटन पोस्ट ने सबसे पहले पब्लिश की थी। इसके मुताबिक, ट्रम्प ने कहा था कि मैं सिर्फ 11,780 वोट चाहता हूं। यह जीत के अंतर से एक वोट ज्यादा है। इस दौरान ट्रम्प ने रैफेंसपर्गर को बात नहीं मानने पर क्रिमिनल केस की धमकी भी दी थी।

पिछले साल एक स्पेशल ग्रैंड ज्यूरी ने कई महीनों तक इस मामले में 75 गवाहों के बयान दर्ज किए थे। इसकी रिपोर्ट भी तैयार की जा चुकी है। हालांकि, इसमें किसे दोषी ठहराया गया है और उस पर कौन से आरोप लगे हैं इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ग्रैंड ज्यूरी की एक सदस्य एमिली कोहर्स ने कहा था कि इस मामले में 12 से ज्यादा लोगों पर क्रिमिनल केस दर्ज हुआ है।

मैगजीन राइटर ने लगाया रेप-मानहानि का आरोप
मैगजीन राइटर ई. जीन कैरोल ने ट्रम्प पर 1995-96 में उनका रेप करने का आरोप लगाया था। कैरोल के मुताबिक, ट्रम्प ने न्यूयॉर्क डिपार्टमेंट स्टोर के ड्रेसिंग रूम में रेप किया। जब उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की तो ट्रम्प ने उन्हें बदनाम किया। ट्रम्प ने कहा था कि कैरोल अपनी बुक की सेल बढ़ाने के लिए उन पर झूठे आरोप लगा रही हैं।

इसके बाद कैरोल ने ट्रम्प पर बैटरी और मानहानि का भी केस लगाया। पिछले साल सितंबर में, न्यूयॉर्क की एक अदालत ने फैसला सुनाया था कि जब ट्रम्प ने कैरोल के रेप के आरोपों को खारिज किया था तब वे एक फेडरल कर्मचारी थे। 25 अप्रैल को सुनवाई के दौरान वॉशिंगटन कोर्ट ये तय करेगी कि क्या ट्रम्प ने अपने पद के दायरे में रहते हुए कथित रूप से मानहानि से जुड़े बयान दिए थे।