रूस की प्राइवेट मिलिट्री वैगनर को गोला-बारूदों की कमी:पुतिन के करीबी प्रिगोजिन बोले- रोज हजारों लड़ाकों के शव घर भेजने को मजबूर

यूक्रेन के बाखमुत में जंग लड़ रही रूस की प्राइवेट मिलिट्री वैगनर ने गोला-बारूद की कमी होने की शिकायत की है। प्राइवेट मिलिट्री के मालिक और पुतिन के करीबी येवगेनी प्रिगोजिन ने कहा है कि उनके लड़ाकों के पास हथियार नहीं हैं। इससे यूक्रेन का अगला हमला उनके लिए घातक साबित हो सकता है। प्रिगोजिन ने ये बातें एक पत्रकार को दिए इंटरव्यू में कही हैं।

वैगनर चीफ प्रिगोजिन ने कहा कि हमारे पास केवल 10 से 15% गोला-बारूद बचा है। जबकि यूक्रेन 15 मई तक हम पर बड़ा हमला कर सकता है। प्रिगोजिन ने उनकी इस हालत का जिम्मेदार रूसी सेना की लीडरशिप को ठहराया है।

‘हम रोज अपने लड़ाकों के शव घर भेज रहे’
इंटरव्यू के दौरान प्रिगोजिन ने कहा कि हम रोजाना हजारों लड़ाकों के शव घर भेजने को मजबूर हैं। गोला-बारूदों की कमी पर उन्होंने रक्षा मंत्री सर्गेई शोईगू को भी लेटर लिखा है।

उन्होंने कहा कि ऐसे हालात भी हो सकते हैं कि हम डरपोक चूहों की तरह भागना नहीं चाहते ऐसे में हमारे पास मरने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है।

4 हजार की जगह केवल 800 गोला-बारूद मिल रहे
अमेरिका के इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर के मुताबिक प्रिगोजिन ने रूसी सरकार से रोजाना के लिए 4000 गोला-बारूदों की मांग की थी। इनमें से उन्हें केवल 800 मिल पा रहे हैं।

रूसी सेना पिछले 10 महीनों से बाखमुत पर कब्जा करने के लिए लड़ रही है। इस इलाके में ज्यादा सैनिकों की मौत होने की वजह से इसे ‘मीट ग्राइंडर’ नाम दिया गया है। वहीं, यूक्रेन की सेना को डर है कि अगर रूस बाखमुत पर कब्जा करने में कामयाब रहता है तो उसका अगला शिकार यूक्रेन का चासिव यार शहर होगा।

रूसी सेना को चुनौती दे रही वैगनर आर्मी
ये ग्रुप रूस की आधिकारिक सेना के सामने चुनौती पेश कर रहा है। संडे गार्जियन लाइव की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन की सीमा से लगे रूसी इलाके बेलगोरोड और कुर्स्क में येवगेनी प्रिगोजिन ने सेना के बराबर का मिलिट्री स्ट्रक्चर खड़ा कर रखा है। यहीं पर वैगनर आर्मी की ट्रेनिंग फैसिलिटी और रिक्रूटमेंट सेंटर भी है। इस वजह से रूसी सेना के अधिकारियों और वैगनर के फाउंडर येवगेनी प्रिगोजिन के बीच तनाव भी बढ़ गया है।

येवगेनी प्रिगोजिन को कहा जाता है पुतिन का रसोइया
वैगनर ग्रुप के फाउंडर येवगेनी प्रिगोजिन को रूसी राष्ट्रपति पुतिन का रसोईया भी कहा जाता है। वे पहले एक रेस्तरां चलाते थे जहां पुतिन अक्सर खाने के लिए जाया करते थे। वे धीरे-धीरे पुतिन के करीबी सहयोगी बन गए। उन्हें रूसी सरकार से करोड़ों रुपए के कॉन्ट्रैक्ट मिलने लगे।

येवगेनी ही वैगनर ग्रुप को फंड करते हैं। पहले वे इस ग्रुप से अपने संबंधों को नकारते थे, लेकिन 2022 में उन्होंने माना कि वे इससे जुड़े हुए हैं।