किसान संगठनों द्वारा दिल्ली में चक्का जाम नहीं करने के एलान के बावजूद कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है। 50,000 सुरक्षा कर्मी सड़कों पर हैं। इस बीच केंद्रीय सचिवालय, जामा मस्जिद, लाल किला, जनपथ और विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र समेत पूरे देश में चक्का जाम का एलान किया है। वहीं, 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस भी हाई अलर्ट पर है। 6 फरवरी को किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए चक्का जाम को लेकर दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने कमर कस ली है, क्योंकि दिल्ली-हरियाणा के 2 बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के किसान जमा हैं। 26 जनवरी को टीकरी बॉर्डर से ही हिंसा की शुरुआत हुई थी, जो बाद में दिल्ली के कई इलाकों में फैल गई थी।
आलोक कुमार (संयुक्त सीपी, दिल्ली पुलिस) का कहना है कि 26 जनवरी जैसे हालात पैदा नहीं हों, इसके लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने किए कड़े इंतजाम
6 फरवरी को किसानों के चक्का जाम के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने निर्णय किया है कि अगर किसान प्रदर्शनकारी जबरन यातायात को रोकते हैं तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एलान किया है कि दिल्ली में किसान चक्का जाम नहीं करें। इसके अलावा, जहां भी किसान प्रदर्शन करेंगे वहां पर शांति रखी जाएगी। वहीं, सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर जमा किसाने नेताओं की ओर से ऐसा कोई बयान नहीं आया है कि कहां वे प्रदर्शन करेंगे और कहां नहीं? ऐसे में दिल्ली पुलिस ने जगह-जगह पुलिस जवानों की तैनाती का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इसमें सीआइएसएफ और आरएएफ के जवान भी उनकी मदद करेंगे।
वहीं, हरियाणा सरकार ने भी अपने आदेश में कहा है कि स्थानीय नेताओं से संपर्क कर उनसे समन्वय किया जाएगा। 6 फरवरी को चक्का जाम के चलते जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया जाएगा।