तीन कृषि कानून के खिलाफ लम्बे समय से चल रहा भारतीय किसान यूनियन का प्रदर्शन अब चक्का जाम तक आ गया है। भारतीय किसान यूनियन के चक्का जाम का असर उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड में होगा। किसान देश भर में छह फरवरी को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक नेशनल हाइ-वे से लेकर स्टेट हाइ-वे बंद करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन छह फरवरी यानी आज देश भर में चक्का जाम करेगा। भारतीय किसान यूनियन ने अपने इस आंदोलन से उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड को बाहर कर दिया है। इन दोनों राज्यों में किसानों का चक्का भारतीय किसान यूनियन के नेता तथा प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड को छोड़कर आज किसानों का चक्का जाम पूरे देश में होगा। भारतीय किसान यूनियन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कृषि कार्य तथा परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर छह फरवरी को होने वाला चक्का जाम वापस कर जिलाधिकारी/ उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देने। दोनों राज्यों के अलावा पूरे देश मे चक्का जाम किया जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि छह फरवरी को यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा। किसान नेता 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से उपद्रव को लेकर काफी सतर्क हैं। माना जा रहा है कि इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश में चक्का जाम न करने का फैसला किया गया है। छह फरवरी को देश भर में तीन घंटे तक यानी दोपहर 12 से तीन बजे तक किसान यूनियनों का चक्का जाम होगा। इस दौरान जाएंगे नेशनल और स्टेट हाइवे पर जाम लगाया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन का राष्ट्रव्यापी चक्का छह फरवरी को दोपहर दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक होगा। इस दौरान प्रमुख सड़कों पर कोई गाड़ी नहीं चलने दी जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा इस चक्का जाम से किसानों की ताकत दिखाना चाहते हैं। किसान नेताओं के मुताबिक दोपहर तीन बजे तक चक्का जाम खत्म होगा तो वह एक साथ एक मिनट के लिए अपनी गाडिय़ों के हॉर्न बजाएंगे।
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 12 दौर की बातचीत बेनतीजा होने के बाद सरकार ने डेढ़ साल के लिए कानूनों को टालने का प्रस्ताव दिया था मगर किसान नेता कानूनों को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को राज्यसभा में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसपर बयान दिया। उन्होंने कहा सरकार नये कृषि कानूनों में किसी भी संशोधन को तैयार है। इसके यह मायने नहीं है कि कानून में किसी भी प्रकार की गलती है।
आरएलडी की किसान पंचायत सीरीज: इसके साथ ही किसान आंदोलन का मजबूती देने के लिए शुक्रवार से उत्तर प्रदेश में किसान पंचायतों की सीरीज शुरू की जाएगी, जो फरवरी के अंत तक चलेगी। इन पंचायतों का आयोजन राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की तरफ से किया जा रहा है। आरएलडी ने पिछले हफ्ते किसान आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की थी।