फिनलैंड के बाद अब स्वीडन भी जल्द ही नॉर्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) में शामिल होने वाला है। गुरुवार को कोलोराडो में US एयरफोर्स एकेडमी को संबोधित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करके NATO को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन हम अब भी मजबूत हैं। फिनलैंड के साथ आने से हम और सशक्त हुए हैं और मैं वादा करता हूं कि बहुत जल्द स्वीडन भी हमारे साथ होगा।
बाइडेन ने अमेरिकी एयरफोर्स में शामिल होने वाले लोगों से कहा- आप ऐसे माहौल में सर्विस जॉइन कर रहे हैं जब दुनिया में अस्थिरता है। अमेरिका-चीन के रिश्तों में बढ़ते तनाव के बीच उन्होंने कहा- हम चीन की तरफ से पेश की जा रही चुनौतियों से पीछे नहीं हटेंगे। हम उनसे टकराव नहीं चाहते हैं लेकिन कड़े मुकाबले के लिए तैयार हैं। अमेरिका और चीन क्लाइमेट चेंज जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए साथ काम करते रहेंगे।
स्वीडन की मेंबरशिप का विरोध करते हैं तुर्किये-हंगरी
नॉर्डिक देशों को NATO में शामिल करने को लेकर तुर्किये और हंगरी लगातार विरोध करते रहे हैं। हालांकि, इस बार बाइडेन ने संकेत दिए कि इस मामले में दोनों देशों के साथ डील हो गई है। दरअसल, सोमवार को बाइडेन ने एर्दोगन को फिर से तुर्किये का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी थी। इस दौरान उन्होंने बताया था कि एर्दोगन ने अमेरिका से F-16 फाइटर जेट खरीदने की इच्छा दोहराई है। वहीं उन्होंने तुर्किये से स्वीडन के NATO में शामिल होने पर सहमति जताने की अपील की।
जुलाई में होगा NATO का शिखर सम्मेलन
जो बाइडेन ने बताया कि वो जल्द ही एर्दोगन से दोबारा बात करेंगे। NATO शिखर सम्मेलन जुलाई में लिथुआनिया के विलनियस में होगा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को तुर्किये से NATO में स्वीडन की एंट्री को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने की अपील की। उन्होंने कहा- स्वीडन अपनी सदस्यता के लिए पहले ही तुर्किये की आपत्तियों को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठा चुका है। हालांकि, व्हाइट हाउस ने इस बात से इनकार किया कि वो इसके बदले तुर्किये को F-16 देंगे।
जेलेंस्की बोले- यूक्रेन की सदस्यता पर फैसला करे NATO-EU
दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की मोल्दोवा में यूरोपीय देशों की एक बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा- EU और NATO को इस बात पर जल्द फैसला लेना चाहिए कि यूक्रेन उनका सदस्य बनेगा या नहीं। जेलेंस्की ने कहा- रूस से बॉर्डर शेयर करने वाले हर देश को EU-NATO में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि रूस इन सब पर कब्जा करने की कोशिश करता है।
अप्रैल में NATO में शामिल हुआ था फिनलैंड
इससे पहले 4 अप्रैल को फिनलैंड NATO का मेंबर बन गया था। वो इस मिलिट्री अलायंस में शामिल होने वाला 31वां देश था। रूस ने इस फैसले का विरोध किया था। क्रेमलिन ने कहा था कि ये रूस की सिक्योरिटी पर हमला है। नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलनबर्ग ने कहा था- हमारे लिए यह हफ्ता ऐतिहासिक है। नाटो देश एक प्लेटफॉर्म पर आ रहे हैं। फिनलैंड नाटो फैमिली का नया मेंबर बन चुका है। बहुत जल्द स्वीडन भी इसका हिस्सा बनेगा।
क्या है NATO
- NATO का पूरा नाम नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन है। यह यूरोप और उत्तरी अमेरिकी देशों का एक सैन्य और राजनीतिक गठबंधन है।
- NATO की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी। इसका हेडक्वार्टर बेल्जियम के ब्रसेल्स में है।
- NATO की स्थापना के समय अमेरिका समेत 12 देश इसके सदस्य थे। अब 31 सदस्य देश हैं, जिनमें 29 यूरोपीय और दो उत्तर अमेरिकी देश हैं।
- इस संगठन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी NATO देशों और उसकी आबादी की रक्षा करना है।
- NATO के आर्टिकल 5 के मुताबिक, इसके किसी भी सदस्य देश पर हमले को NATO के सभी देशों पर हमला माना जाएगा।
- 1952 में NATO से जुड़ा तुर्किये इसका एकमात्र मुस्लिम सदस्य देश है।