साउथ अफ्रीका में गुरुवार को BRICS (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकवाद का मुद्दा उठाया।
विदेश मंत्री ने कहा- आतंकवाद दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। इसकी फंडिंग और प्रचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों से डटकर मुकाबला किया जाना चाहिए। इसे जड़ से उखाड़ना जरूरी है।
भारत ने की UNSC में बदलावों की मांग
BRICS देशों की बैठक में भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में बदलावों की मांग उठाई। जयशंकर ने कहा- हम 20 सालों से बदलावों की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारे हाथ निराशा ही लगी है। इसलिए ब्रिक्स देशों के लिए ऐसे मामलों में एकजुटता दिखाना जरूरी है।
दरअसल, भारत को UNSC का परमानेंट मेंबर बनने में चीन सबसे बड़ा रोड़ा है। अभी तक UNSC में भारत की परमानेंट मेम्बरशिप के लिए चीन ने विरोध ही किया है। चीन अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं है। अगर चीन अपना स्टैंड नहीं बदलता तो फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस के समर्थन के बाद भी भारत UNSC में परमानेंट मेंबर नहीं बन सकता है।
पश्चिमी देशों के दबदबे के खिलाफ उठी आवाज
BRICS देशों की बैठक में दुनिया में पश्चिमी देशों के दबदबे के खिलाफ चर्चा की गई और उनके दबदबे से दूर एक नया ग्लोबल ऑर्डर कायम करने की बात कही गई। बैठक में भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि अब दुनिया बदल रही है, पुराने तरीकों से नई समस्याओं के समाधान नहीं निकाले जा सकते हैं।
वहीं, ब्राजील की विदेश मंत्री मउरो वियरा ने कहा कि BRICS दुनिया को मल्टीपोलर यानी बहुध्रुवीय बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। बैठक में चीन के उप विदेश मंत्री और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी शामिल हुए। लावरोव ने कहा कि सऊदी समेत दर्जनों देश ब्रिक्स संगठन में शामिल होना चाहते हैं।