यूपी में मई के बाद अब जून में भी मौसमी उलटफेर बना हुआ है। सोमवार को भी यूपी के सभी 75 जिलों में आंधी-बारिश के आसार बने हैं। अनुमान है कि अभी 3 दिन यानी 7 जून तक तेजी से मौसमी बदलाव होते रहेंगे। हालांकि, विभाग का यह भी पूर्वानुमान है कि कुछ शहरों में दिन में जहां हीट वेव यानी लू चल सकती है। वहीं, शाम को आंधी-हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में हरदोई, सीतापुर और लखीमपुर खीरी जैसे तराई क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना जताई है। इस दौरान 30-50 KM/h की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। फिलहाल मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि 75 शहरों में बादलों के आवाजाही का सिलसिला देखने को मिलेगा। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ में हवाओं के दबाव कम पड़ने की वजह से कुछ ही स्थान पर हल्की बारिश होगी।
रविवार रात को कई जिलों में बारिश हुई
इससे पहले, रविवार शाम को एकाएक मौसम बदल गया था। 10 से ज्यादा शहरों में आंधी और हल्की बारिश हुई। प्रयागराज में आंधी से संगम में बना जेटी बह गया। हादसे में 5 लोग गंगा में डूब गए। कानपुर-लखनऊ में भी कुछ देर लिए तेज हवाएं चलीं। उधर, फतेहपुर, जालौन, मथुरा, अलीगढ़, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा में बारिश हुई। अलीगढ़-आगरा में 1 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई।
प्रयागराज में दिन में तपिश, शाम को आंधी
रविवार को प्रयागराज का तापमान यूपी में सबसे अधिक 43°C दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक, औरैया, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर देहात और कानपुर नगर में सोमवार को हल्की बारिश हो सकती है।
केरल में और लेट हुआ मानसून, 4 दिन देरी से आएगा
कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन पांडेय के मुताबिक, 4 जून को केरल के तट से मानसून टकराने का पूर्वानुमान था। अब लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, अब यह लेट हो गया है। मानसून को केरल पहुंचने में 3 से 4 दिन लग सकते हैं। ऐसे में यूपी में भी मानसून लेट होगा। मानसून की बारिश अब 27 जून के बाद शुरू हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं के बढ़ने से मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। इसके अलावा, अरब सागर के ऊपर भी बादल बढ़ रहे हैं। स्पष्ट तौर पर कहें तो मानसून के लिए मौसम बन रहा है।
मानसून में देरी से किसानों को नुकसान
साल 2022 में कम मानसूनी बारिश के चलते किसानों को काफी नुकसान हुआ था। समय पर बारिश न होने के चलते धान की बुवाई में देरी हुई थी। जिन किसानों ने समय से बुवाई कर भी दी थी, उन्हें सिंचाई की संकट के चलते खासा नुकसान उठाना पड़ा था। इस साल भी मानसून की देरी की मार किसानों पर पड़ सकती है। मानसून में देरी के चलते किसानों को अपनी फसलों की बुवाई के लिए इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में किसानों की फसल समय से तैयार नहीं हो पाएगी।