हिसार में पेट्रोल पंप मालिक ने की आत्महत्या:3 पन्ने का सुसाइड नोट; BJP नेता तंग कर रहा था, कहा- परिवार भी साथ नहीं

हिसार में रामायण गांव के पेट्रोल पंप मालिक रोशन लाल ने सुसाइड कर लिया। पंप मालिक ने परसों रात को अपने घर पर जहरीला पदार्थ निगला था। वह आदमपुर की सीसवाल नहर के पास पड़ा था। जिसके बाद उसे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में दाखिल करवाया था। रात को रोशन लाल की इलाज के दौरान मौत हो गई। मरने से पहले उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा।

सुसाइड नोट में भाजपा नेता का नाम लिखा है। मामला पंप में हिस्सेदारी को लेकर था। भाजपा नेता के पास पंप मालिक के ब्लैक चैक थे, जिसे वह बैंक में लगाने की धमकी देता था। वह इन चैकों का दुरुपयोग कर रहा है। मेरे परिवार ने मेरा साथ नहीं दिया, इसलिए भाजपा नेता को मौका मिल गया। मेरी जीवन लीला खत्म कर रहा हूं और जिसका जिम्मेदार वह है।

पेट्रोल पंप मालिक के सुसाइड नोट में लिखी 5 बड़ी बातें…

1. भाजपा नेता ने लिए 3 ब्लैंक चैक
जब मैंने राधे कृष्ण नाम से पेट्रोल पंप खोला था तो उस समय मंदीप मलिक ने खाता खोला था जो कि सेविंग अकाउंट था। फिर मंदीप ने उस खाते की चेक बुक इश्यू करवाई, जो कि मैं बैंक में लिखकर दे आया था। फिर मेरी चेक बुक आ गई। इसके बाद मंदीप ने मुझसे इस चैक बुक से तीन चैक ब्लैंक साइन किए हुए ले लिए। उसके बाद हमारे बाकी चैक से पंप के काम लिए, जो चैक उसने लिए मैंने उसका सारा हिसाब कर दिया।

2. चार लाख रुपए देकर हिसाब किया
मंदीप ने कहा कि अभी मेरे पास आपके तीन ब्लैक चैक रखे हैं। वह इन चैकों को किसी और को देकर कोर्ट के हिसाब से पैसे लेकर रहूंगा। मैंने उसका हिसाब 4 जून 2021 को चार लाख रुपए देकर कर दिया था। वह हिस्सा मेरी बहन ने ले लिया था। जिसमें उनके साइन व फोन नंबर लिखे हैं।

3. चैक बाउंस करवाकर सम्मन भेजे
इसके बाद मंदीप ने किसी आदमी को फोन करके कहा मैं यह चैक लगा रहा हूं। अगर आप ने साथ आना है तो मैं आपको हिस्सा दे दूंगा। मगर उस आदमी ने मना कर दिया। फिर उसने चैक किसी और को जिसको मैं कभी जानता नहीं, देकर उन्हें बाउंस करवाकर मेरे पास सम्मन भेज दिए।

4. पंप से 20 से 25 लाख रुपए निकाले
अब मेरे ऊपर बार बार दबाव बना रहा है कि अभी तो मैंने पैसे और लेने हैं। जब तक आप जिंदा रहोगे, तब तक मैं आपका पीछा छोड़ने वाला नहीं हूं। क्योंकि आप तो मेरे कमाऊ पूत थे। उसने कभी भी पूंजी पंप पर नहीं लगाई और जो लगाई शुरू शुरू में तीन लाख रुपए केवल। जब भी सप्लाई आती तो उसने कोई पैसा नहीं दिया। उसका काम डरा- धमकाकर पैसे निकालना था। वह 2012 से लेकर अब तक 20 से 25 लाख रुपए पंप से निकाल कर ले गया।

5. जयेश बगा और मंदीप मलिक जिम्मेदार
अब मैं मंदीप मलिक के डर से आत्महत्या कर रहा हूं। उसके साथ जयेश बगा जिम्मेदार है। मंदीप मलिक भाजपा का नेता है। वह कहता है कि जो मैं बोलता हूं, उससे पैसे से ही हिसाब होता। हमारी यही बोलने की कमाई है। यदि आपने पैसे नहीं दिए तो हमारे से बुरा आपके लिए कोई नहीं होगा। सारे परिवार को उठा लेंगे। इसलिए अत्यंत दुखी होकर मैंने यह कदम उठाया है। मेरा परिवार मेरे साथ नहीं था। इसलिए मंदीप को मौका मिल गया। जिसकी वजह से मैं जीवन लीला खत्म कर रहा हूं।