बंगाल में पंचायत चुनाव से 6 दिन पहले हिंसा:24 परगना में TMC कैंडिडेट के पिता की हत्या, मुर्शिदाबाद में कांग्रेस समर्थक को गोली मारी

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने है। वोटिंग से छह दिन पहले हिंसा की दो घटनाओं में एक की मौत हो गई। वहीं दूसरा घायल है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 52 साल के टीमएसी कार्यकर्ता जियारुल मोल्ला शनिवार को घर लौट रहे थे। तभी साउथ 24 परगना जिले के फुलमलंचा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

वह कथलबेरिया ग्राम पंचायत में टीएमसी उम्मीदवार मनवारा के पिता थे। पिता की हत्या के बाद बेटी ने बताया, विरोधी दलों से हमें लगातार धमकियां मिल रहीं थीं। इसके बारे में पुलिस से शिकायत की थी। मैं अपने पिता की हत्या की उच्च स्तरीय जांच की मांग करती हूं।

स्थानीय तृणमूल विधायक शौकत मोल्ला ने कहा कि पुलिस मामले की जांच करेगी और जो भी जिम्मेदार है उसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई करेगी।

उधर सोमवार को पुलिस ने पुरुलिया जिले के बोडो इलाके से बंकिम हांसदा नाम के बीजेपी नेता का शव भी बरामद किया है। मामले की आगे की जांच जारी है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर भी चली गोली, TMC पर आरोप
वहीं रविवार रात मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज में एक अन्य घटना में, कांग्रेस कार्यकर्ता आरिफ शेख को अज्ञात लोगों ने गोली मार दी। वह गंभीर रूप से घायल हैं। घटना के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समसेरगंज में सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिससे कई घंटों तक वाहनों की आवाजाही बाधित रही।

समसेरगंज ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बी शेख ने आरोप लगाया कि बिना कारण गोलीबारी की घटना के पीछे तृणमूल का हाथ है। तृणमूल ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि गोलीबारी की घटना प्रतिद्वंद्विता के कारण हुई और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

इस बीच रविवार देर रात नॉर्थ 24 परगना जिले के हरोआ इलाके के गांव में देशी बम बनाने के दौरान विस्फोट हो गया। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

बंगाल पंचायत चुनाव में अब तक 10 की मौत
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 9 जून को नामांकन दाखिल करने की शुरुआत के बाद से पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हिंसा में अब तक 10 लोग मारे गए हैं।

इस बीच, रविवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले में एक तरफ CPI (M) और ISF समर्थकों और दूसरी तरफ तृणमूल समर्थकों के बीच झड़प में कम से कम 10 लोग घायल हो गए।

यह घटना सुबह चंद्रकोना के कृष्णापुर इलाके में हुई जब तृणमूल सदस्यों ने पार्टी के झंडे लगाने की कोशिश की और विपक्षी कार्यकर्ताओं के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों शिविरों के 10 घायल लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है, उनकी हालत स्थिर बताई गई है।

राज्य में तैनात सेंट्रल फोर्सेज की 822 कंपनियां
राज्य में पंचायत चुनाव की वोटिंग से पहले सेंट्रल फोर्सेज की 822 कंपनियां तैनात की गई हैं। स्टेट इलेक्शन कमिशन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इन कंपनियों की मांग की थी।

दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 21 जून को राज्य चुनाव आयोग को राज्य में 24 घंटे के भीतर सेंट्रल फोर्स के 82 हजार जवान तैनात करने का आदेश दिया था। बढ़ती हिंसा के चलते हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था।