राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)के सरसंघचालक मोहन भागवत आज पांच दिवसीय दौरे पर वाराणसी आएंगे। संघ प्रमुख काशी समेत आसपास के जनपदों में भी प्रवास करेंगे। वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर में प्रवास के दौरान संतों से मुलाकात और संवाद करेंगे, मठ और मंदिरों में आशीर्वाद लेंगे। पांच दिवसीय प्रवास में संगठन, धर्म और सामाजिक समरस्ता के विषय केंद्र में रहेंगे। लंका स्थित विश्व संवाद केंद्र में रात्रि विश्राम करेंगे।
वाराणसी में आज मंगलवार को पांच दिवसीय प्रवास पर आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत ट्रेन से वाराणसी जंक्शन पहुंचेंगे। वे 19 जुलाई को गाजीपुर के जखनिया स्थित हथियाराम मठ जाएंगे। सिद्धपीठ हथियाराम मठ में प्रवास के दौरान चतुर्मास के अनुष्ठान के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। मठ के महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति महाराज से मुलाकात करेंगे, अक्षय वट, मौलश्री, चंदन सहित दुर्लभ प्रजाति के पौधे लगाएंगे। वे बुढिया माता मंदिर में पूजा के बाद देर रात वाराणसी पहुंचेंगे। सरसंघचालक मोहन भागवत लंका स्थित विश्व संवाद केंद्र में प्रवास करेंगे।
मिर्जापुर में भी जाएंगे भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत 20 जुलाई को सक्तेशगढ़ स्थित आश्रम में स्वामी अड़गड़ानंद महाराज का आशीर्वाद लेंगे। मिर्जापुर में कार्यक्रम के दौरान 21 जुलाई को मिर्जापुर के विंध्याचल के पास स्थित देवरहा बाबा के आश्रम में देवरहा हंस बाबा का आशीर्वाद लेने जाएंगे। वे विगत वर्ष अक्तूबर में वाराणसी आए थे और मीरजापुर में माता विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने के अलावा देवरहा हंस बाबा आश्रम में 51 मन लड्डू का हनुमान मंदिर में भोग लगाया था।
मंदिरों के सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे भागवत
वाराणसी में पहली बार टेंपल कनेक्ट कीओर से इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो (आईटीसीएक्स) का आयोजन किया जा रहा है।आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत 22 जुलाई को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में शुभारंभ करेंगे। 22 से 24 जुलाई के बीच सम्मेलन में 25 देशों के 450 से ज्यादा मंदिरों के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। हिंदू के साथ ही सिख, बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित मठ, मंदिर व गुरुद्वारों के पदाधिकारियों को आमंत्रण भेजा गया है। इसमें मंदिरों के न्यासी, त्रावणकोर का राजकुमार (पद्मनाभस्वामी मंदिर), गोवा के पर्यटन मंत्री रोहण ए. खुन्ते, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी धर्म रेड्डी रहेंगे।
समृद्ध पूजा स्थल परंपरा से रूबरू होगी दुनिया
सत्रों को काशी विश्वनाथ मंदिर, महाकाल ज्योतिर्लिंग, अयोध्या राम मंदिर, पटना साहेब गुरुद्वारा, चिदंबरम मंदिर और विरूपक्ष मंदिर हम्पी के प्रतिनिधि संचालित करेंगे। जैन धर्मशालाओं, प्रमुख भक्ति धर्मार्थ संगठन, यूनाइटेड किंगडम के हिंदू मंदिरों के संघ, इस्कॉन मंदिर, अन्न क्षेत्र प्रबंधन, विभिन्न तीर्थ स्थलों के पुरोहित महासंघ और विभिन्न तीर्थयात्रा संवर्धन परिषद के प्रतिनिधि भाग लेंगे। हरित ऊर्जा, पुरातात्विक वास्तुशिल्प, लंगर प्रबंधन, प्रकाश व्यवस्था, धर्मस्थलों की विविध संस्कृतियों, परंपराओं, कला और शिल्प समेत समृद्ध पूजास्थल धरोहर से दुनिया भी रूबरू होगी।