अनु कपूर बोले- अब भी करना पड़ता है स्ट्रगल:18 अगस्त को नॉन स्टॉप धमाल में दिखेंगे, ड्रीम गर्ल-2 में भी आएंगे नजर

फिल्म नॉन स्टॉप धमाल के डायरेक्टर इरशाद खान को पता था कि फिल्म में असरानी, मनोज जोशी, राजपाल जैसे अनुभवी कलाकार हैं और कोई भी किसी के काम में व्यवधान नहीं डालेगा, इसलिए वे सेफ जोन में थे। यह कहना है, अनु कपूर का।

जल्द ही अनु कपूर फिल्म नॉन स्टॉप धमाल में दिखेंगे। ये फिल्म थिएटर्स में 18 अगस्त को रिलीज हो रही है। इसके बाद अनु कपूर फिल्म ड्रीम गर्ल-2 में भी दिखाई देंगे। हाल ही में अनु कपूर ने अपनी अपकमिंग फिल्मों पर खास बातचीत की:

सवाल- फिल्म नॉन स्टॉप धमाल में किस तरह का किरदार और कहानी है ?
जवाब- नॉन स्टॉप धमाल में फिल्म इंडस्ट्री के दो स्ट्रलिंग आर्टिस्ट हैं, एक डायरेक्टर और दूसरा राइटर है। दोनों एक ब्रेक की तलाश कर रहे हैं ताकि अपनी फिल्म बना सकें। बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें एक एजेंट जस्सूभाई (असरानी) मिल जाता है, जो राइटर-डायरेक्टर को एक अरबपति से मिलवाता है।

वह अरबपति फिल्म को फाइनेंस करने के लिए तैयार हो जाता है। उसे 10-20 करोड़ से फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन उसने अजीब-अजीब तरह की शर्तें रख दी हैं।

उसकी शर्तों पर एक ही व्यक्ति खरा उतरता है, वह एक कबाड़ी वाला है। इस कबाड़ीवाले का रोल राजपाल यादव ने प्ले किया है। आगे फिल्म बनती है और राजपाल यादव भंगारवाले से हीरो बन जाते हैं।

सवाल- पर्दे पर स्ट्रगल डायरेक्टर का रोल निभाना कितना चैलेंजिंग रहा? अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में भी कुछ बताइए।
जवाब – मुझे तो सारी चीजें बड़ी मुश्किल लगती हैं, इसलिए पूरी मेहनत और समर्पण के भाव से काम करता हूं। जनता को क्या पसंद आता है या नहीं आता है, यह तो आगे की बात है। स्ट्रगल तो अभी भी है, पर अलग तरह का स्ट्रगल है।

पहले रोटी, कपड़ा और मकान का स्ट्रगल होता है, उसके खत्म होते ही दूसरा संघर्ष शुरू होता है। पूरे जीवन का अस्तित्व एक स्ट्रगल है। जवानी का स्ट्रगल था, तब ज्यादा शक्ति हुआ करती थी। अब 68 की उम्र में वह शक्ति कम हो गई है। कुल मिलाकर अलग तरह का स्ट्रगल है।

सवाल- इस फिल्म में ज्यादातर NSD के कलाकार हैं। क्या इनके साथ काम करने में ज्यादा सहूलियत रही ?
जवाब-
 हां, सभी अपना काम ईमानदारी के साथ करते हैं। कोई किसी पर चढ़ने की कोशिश नहीं करता है। यही अच्छे एक्टर और अच्छे इंसान होने की निशानी है।

सवाल- मुंबई जैसे भीड़ भरे रियल लोकेशन में शूट करने का एक्सपीरियंस कितना अलग रहा ?
जवाब- इसके लिए डायरेक्टर साहब की तारीफ करनी पड़ेगी, जिन्होंने मोहम्मद अली रोड पर दिन में शूट किया। इतनी भीड़ में शूट करना मुश्किल काम होता है। यह अपने आप में मुश्किल भी रहा है और कॉस्टली भी रहा है। हमारे लिए शूटिंग का अनुभव अच्छा ही रहा है।

सबसे ज्यादा चैलेंज प्रोडक्शन टीम और डायरेक्टर को झेलना पड़ा। डायरेक्टर बेचारा बहुत चिल्लाता था कि लोग फ्रेम में आ रहे हैं, एक्टर दिख नहीं रहे हैं। भारत के अंदर रियल लोकेशन पर काम करना बहुत बड़ी चुनौती है। इसमें पुलिस कुछ नहीं कर सकती है।

सवाल- अच्छा, अब तक निभाए किरदारों में से किस कैरेक्टर से निकलना मुश्किल रहा ?
जवाब- साल 2006 में एक फिल्म में काम किया था- ‘द फकीर ऑफ वेनिस’। इसकी कहानी और अपने व्यक्तिगत जीवन में जिस दौर से से गुजर रहा था वो उसके साथ इतना मैच कर गया कि किरदार से निकलना मुश्किल हो गया था। इसकी शूटिंग वेनिस में एक महीने चलती रही। वहां से लौटने के बाद भी उस किरदार से निकलने में दो-तीन दिन लगे।

सवाल- क्या कभी कैरेक्टर के लुक की कंटीन्यूटी को लेकर कोई प्रॉब्लम आई ?
जवाब- नहीं, ऐसा कभी नहीं हुआ। दरअसल, मैं किसी भी फिल्म को साइन करने से पहले अपने प्रोडक्शन, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर से चीजें एकदम साफ-साफ कह देता हूं, इसलिए कभी किसी रोल को कोई गड़बड़ नहीं होती है।

सवाल- डायरेक्टर इरशाद खान का कहना है कि सेट पर अनु कपूर 20-22 साल के युवा जैसी एनर्जी के साथ होते हैं! इस बारे में क्या कहेंगे ?
जवाब- अच्छे लोगों के साथ काम करके अपने आप एनर्जी आ जाती है। इसमें अच्छे लोग हैं। अगर वही थोड़े-से नेगेटिव मेंटालिटी के लोग होते हैं, तब बहुत घबरा जाता हूं। उनसे हाथ जोड़ लेता हूं।