चीन ने अरुणाचल, अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताया:संजय राउत बोले- सरकार सर्जिकल स्ट्राइक करे; कांग्रेस ने कहा- जी20 में जिनपिंग को बुलाना गलत

चीन ने सोमवार (28 अगस्त) को अपना ऑफिशियल मैप जारी किया है। इसमें भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया है। चीन के सरकारी न्यूज पेपर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर दोपहर 3:47 बजे नया मैप पोस्ट किया।

नेचुरल रिर्सोसेस मिनिस्ट्री की ओर से होस्ट की जाने वाली स्टैंडर्ड मैप सर्विस की वेबसाइट पर भी नया मैप लॉन्च किया गया है। यह मैप चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की सीमाओं की ड्रॉइंग पद्धति के आधार पर तैयार किया गया है।

चीन के इस दावे के बाद शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत बोले- कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि लद्दाख के पैंगोंग घाटी में चीन ने घुसपैठ की है। मतलब राहुल गांधी ने लद्दाख दौरे पर चीन को लेकर जो बातें कही थीं, वो सही हैं।

राउत ने कहा- हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया और शी जिनपिंग को बधाई दी थी। उसके बाद चीन का ये नक्शा आता है। अगर केंद्र सरकार में हिम्मत है तो वह चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करे।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा- चीन का दावा बेतुका
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के दावे को बेतुका बताया है। तिवारी ने कहा- चीनी मैप मानक मानचित्र नहीं हैं। ये चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से मेल नहीं खाते। ऐसे में चीन का दावा बेतुका है। आज असली मुद्दा यह है चीनियों ने थिएटर स्तर पर कई बिंदुओं पर वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है।

तिवारी ने कहा- सितंबर में होने वाले G20 मीटिंग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आ रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में सरकार को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या जिनपिंग की मेजबानी करना भारत के स्वाभिमान के अनुरूप होगा।

चीन ने एलएसी के साथ 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है, जिसे खाली करने की जरूरत है। संक्षेप में कहें तो, चीनी मानचित्र बेतुके हैं, वे चीन के इतिहास के साथ मेल नहीं खाते हैं।

चीन ने अप्रैल में अरुणाचल के 11 जगहों के नाम बदले थे
इससे पहले चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया है। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।

भारत ने कहा था- नाम बदलने से हकीकत नहीं बदल जाएगी
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की इस हरकत पर पलटवार किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था- हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।