IIT-बनारस में 1 नवंबर की रात बीटेक की छात्रा के साथ छेड़छाड़ हुई थी। बुलेट से आए 3 बदमाशों ने छात्रा और उसके दोस्त को गन प्वाइंट पर अलग किया, फिर छात्रा के साथ बदसलूकी की, उसके कपड़े उतरवाए और वीडियो बनाया। घटना के खिलाफ गुरुवार को 2500 छात्रों ने कैंपस में प्रदर्शन किया।
इस मामले से दो दिन पहले यानी 30 अक्टूबर को भी छेड़छाड़ की एक और घटना का दावा किया जा रहा है। IIT-BHU स्टूडेंट पार्लियामेंट के मेंबर प्रणव ने बताया कि दोनों घटनाएं एक ही जगह की हैं। तब बदमाशों ने क्लासमेट के साथ जा रही एक छात्रा को जबरदस्ती छुआ था। हालांकि, प्राइवेसी के कारण छात्रा चुप रही। इसकी लिखित शिकायत नहीं की गई।
प्रणव ने बताया कि 30 अक्टूबर को हुई घटना को लेकर कुछ लड़कों की पहचान हुई है, लेकिन पुलिस की ओर से इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। इधर, भेलूपुर के ACP प्रवीण सिंह ने बताया कि कई संदिग्धों को कस्टडी में लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपी अलर्ट न हो, इसलिए अभी किसी की पहचान जाहिर नहीं कर सकते।
छेड़छाड़ की पुरानी घटना की भी अब कंप्लेन की
स्टूडेंट पार्लियामेंट के सदस्य प्रणव ने बताया कि पहली घटना के दो दिन बाद जब फिर से छेड़खानी हुई तो कैंपस में हड़कंप मच गया। फिर, हमने प्रोटेस्ट का फैसला किया। अब हमने पुलिस को पुराने वाले मामले की भी कंप्लेन भेजी है। पुलिस कह रही है कि इसमें शामिल 1 या 2 आरोपियों को आइडेंटिफाई कर लिया है। कैंपस की सुरक्षा के लिए 2 SP- एक मेल और फीमेल, 5 कॉन्स्टेबल प्रॉक्टोरियल बोर्ड ऑफिस में तैनात रहेंगे।
IIT प्रशासन बोला- वारदात वाली जगह को ब्लॉक करेंगे
IIT में प्रेस एंड पब्लिसिटी सेल के इंचार्ज प्रो. विकास दुबे ने कहा कि क्लोज यानी बंद कैंपस की डिमांड को पूरा करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने शिक्षा मंत्रालय से बात की है। उनकी ओर से जो भी निर्देश मिलेंगे, उसी आधार पर एक बाउंड्री वॉल तैयार की जाएगी। वहीं, जिस जगह पर छेड़खानी की घटना हुई, उस जगह को रात में ब्लॉक किया जाएगा।
बाउंड्री वॉल को लेकर बंद कर दिया BHU का सिंह द्वार
वहीं, दूसरी तरफ IIT-BHU और BHU के बीच बाउंड्री वॉल का विरोध हो रहा है। कैंपस सिक्योरिटी के नाम पर बाउंड्री वॉल को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। IIT के 2500 छात्रों ने इसी आश्वासन पर धरना खत्म किया कि उनको क्लोज कैंपस मिले। चारों ओर बाउंड्री हो।
दूसरी ओर BHU के 20 हजार से ज्यादा छात्र इस बाउंड्री वॉल का विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार देर रात AISA और भगत सिंह मोर्चा के सदस्यों ने BHU के मेन गेट सिंह द्वार को ही बंद करा दिया। NSUI ने भी वीसी का पुतला फूंका।
इसके पहले ABVP संगठन ने सेंट्रल ऑफिस में तालाबंदी की। वहीं, उनके ऊपर आरोपियों से मिले होने की बात करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का पुतला भी फूंका गया। हॉस्टल के बाहर भी सड़कों को जाम कर दिया।
सभी छात्र संगठन BHU गेट से लेकर सेंट्रल ऑफिस और हॉस्टलों के बाहर विरोध करने जुट गए हैं। पूर्व छात्र से लेकर कई पूर्व प्रोफेसर भी विरोध पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि कैंपस को बांटकर सुरक्षा की बात करनी बेइमानी है। क्या पहले के अधिकारियों ने दोनों कैंपस को सुरक्षित नहीं रखा था।
IIT-BHU की सुरक्षा दीवार नहीं भेद पाएगा कोई शोहदा या अपराधी
IIT-BHU कैंपस की सुरक्षा अब किसी अभेद्य किले की तर्ज पर करने का दावा किया गया है। हर 2 घंटे सभी स्थानों पर पुलिस और सिक्योरिटी वैन पेट्रोलिंग करेगी। पिंक बूथ स्थापित होगा। 40 से ज्यादा चेक प्वाइंट्स पर रिटायर्ड मिलिट्री गार्ड और पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे। भेलूपुर ACP प्रवीण सिंह ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड के गार्डों को एक साथ खड़ा करके ट्रेनिंग दी है। उन्हें कैंपस की सुरक्षा को दुरुस्त करने का प्लान दिया गया है।
किस तरह की रहेगी कैंपस में सिक्योरिटी
- IIT-BHU कैंपस में एक पुलिस पिंक बूथ होगा। इसमें महिला पुलिसकर्मी 24 घंटे मौजूद रहेंगी।
- CCTV सर्विलांस को लेकर सर्वे शुरू हो गए हैं। सभी संदिग्ध जगह पर हाई क्वालिटी वाले कैमरे लगाए जाएंगे। 72 घंटे में सर्वे पूरा कर कैमरे इन्स्टॉल कर लिए जाएंगे।
- संस्थान के सभी 30 से ज्यादा चौराहों, तिराहों, बैरियर प्वाइंट्स और इंट्री पर संस्थान के मिलिट्री गार्ड सहित पुलिस के जवान भी तैनात होंगे। प्रॉक्टोरियल बोर्ड की हर संभव मदद करेंगे।
- IIT-BHU के 3 और BHU की 4 नाइट पेट्रोलिंग पार्टी के साथ चेकिंग रजिस्टर भी रखे जाएंगे। सभी ड्यूटी पाॅइंट पर हर 2 घंटे पर निगरानी करेंगे।
- नाइट शिफ्ट में सुरक्षाकर्मियों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। BHU और IIT के सुरक्षा गार्ड ड्यूटी चार्ट का रिवीजन करेंगे। जरूरत के अनुसार, उसमें फेरबदल भी कर सकेंगे।
- हेलीपैड से लेकर एग्रीकल्चर रोड वाले सुनसान और अंधेरे वाले एरिया में लाइटिंग की व्यवस्था शुरू कर दी गई है जो कि अगले 3 दिन में पूरी कर ली जाएगी।
- 3 दिन के अंदर संस्थान की इंटरनल कंप्लेन कमेटी को रि-कन्स्ट्रक्ट कर लिया जाए। इसमें छात्रों को भी मेंबर बनाए।
- IIT और BHU प्रॉक्टोरियल बोर्ड के साथ पुलिस प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम होगा। छात्रों की शिकायतों का रजिस्ट्रेशन और निपटारा किया जाएगा। छात्रों को विधिक सलाह भी दिए जाएंगे।
- BHU कैंपस के सभी एंट्री प्वाइंट्स पर रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक बाहरी लोगों के वाहनों के नंबर नोट किए जाएंगे। जिससे उनकी जांच हो सके।
संसद में कहा गया था- दोनों संस्थानों का कैंपस एक ही होगा
BHU के पूर्व विशेष कार्याधिकारी डॉ. विश्वनाथ पांडेय बताते हैं कि मेन कैंपस का क्षेत्रफल 1300 एकड़ है, जिसके 425 एकड़ में IIT-BHU का कैंपस फैला है। इसको अलग करना जैविक रूप से संभव नहीं है। मंत्रालय द्वारा संसदीय कानून द्वारा 2012 में IT-BHU को IIT-BHU दर्जा दिया गया। लेकिन, इसके पीछे कहानी बहुत बड़ी है। वह यह है कि उस समय इसका नाम IIT-वाराणसी किया जा रहा था।
प्रो. सीएनआर रॉव ने भी किया था विरोध
डॉ. पांडेय ने बताया कि BHU अलग न हो इसके लिए एक के बाद एक इलाहाबाद हाई कोर्ट में 3 रिट दायर किए। रिट में कहा गया था कि BHU से अलग IIT ही नहीं बनना चाहिए। उस समय भारतरत्न और महान केमिस्ट प्रो. सीएनआर रॉव जो BHU के पूर्व छात्र भी थे उन्होंने भी कहा था कि IT को BHU से अलग न करें। बल्कि, IIT से ज्यादा बड़ा और बेहतर इंस्टीट्यूट बनाना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद के फाउंडर डॉ. अशोक सिंहल ने भी मंत्रियों और सरकार को चिट्ठियां लिखी।
तत्कालीन मंत्री कपिल सिब्बल ने दोनों संस्थान का कैंपस एक होने का किया था वादा
डॉ. पांडेय ने कहा कि इस दबाव के बाद तब की संसद में कांग्रेस सरकार की ओर से तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री (MHRD) कपिल सिब्बल ने वादा किया गया था कि दोनों संस्थान का कैंपस एक ही रहेगा। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की मूल भावना का सम्मान किया जाएगा।
छात्र बोले- क्या बदला जाएगा कुलगीत
BHU के बिड़ला हॉस्टल के बाहर दोनों ओर सड़क जाम करके धरने पर बैठे छात्रों की मांग है कि BHU विभाजन न हो। यदि यह टूट गया तो क्या फिर महामना के सपने प्राची-प्रतीची का संगम हो पाएगा। BHU के कुलगीत में महामना की पूरी परिकल्पना है कि एक शिक्षण संस्थान को कैसा होना चाहिए।
“विविध, कला, अर्थशास्त्र, गायन और गणित, खनिज, औषधि रसायन। प्रतीचि-प्राची का मेल सुन्दर, यह विश्वविद्या की राजधानी।” इस कुलगीत की लाइन से यदि गणित, खनिज हट जाएगा तो क्या महामना के सपने को नहीं उजाड़ा जा रहा है। हम इस विभाजन का कैंपस में रहे या न रहे विरोध जारी रखेंगे। कैंपस की सुरक्षा बढ़े, वो हमारी भी मांग है। यही महामना की मूल भावना है, जिसे दीवार बनाकर मिटाया जा रहा है।