‘मैं एक्टिंग की दुनिया में कुछ कर दिखाने की चाहत में मुंबई आई थी। पहले से सुना तो था कि यहां पर रहना आसान नहीं है, लेकिन सपने इतने बड़े थे कि इन सब बातों को दरकिनार कर यहां पहुंची।
मुंबई में मेरा कोई अपना नहीं था। यहां आने के बाद मैं एक चॉल में रहने लगी। चाॅल की हालत इतनी खराब थी कि रात में सोते वक्त चूहे काटने लगते थे। इससे बचने के लिए गर्मी में भी मैं खुद को चादर से पूरी तरह से ढंक लेती थी। उस घर की छत ऐसी थी कि दोपहर में बहुत गर्मी हो जाती थी। हालात इतने खराब थे कि मैं न तो सो सकती थी और न ही अंदर रह सकती थी।
इस वक्त कुछ काम भी नहीं था, न ही कमाई का कोई जरिया था। परिवार की आर्थिक हालत भी खराब थी, जिस कारण उसका सपोर्ट भी नहीं मिल पाता था। इसी के चलते कई दिन बिना पूरा खाना खाए गुजारे हैं। कभी रात में दाबेली खा लेती तो कभी वड़ा पाव और वही खाकर सो जाती थी।’
ये कहना है एक्ट्रेस और पॉलिटिशियन अर्चना गौतम का, जिन्हें इस साल खतरों के खिलाड़ी 13 में देखा गया था। इससे पहले वो बिग बाॅस 16 में भी नजर आई थीं। आज की स्ट्रगल स्टोरी में इन्हीं की कहानी है।
दोपहर करीब 3 बजे हम उनके घर पहुंचे। अर्चना ने बहुत गर्मजोशी के साथ हमारा स्वागत किया। उन्होंने पहले से ही इंटरव्यू का सारा इंतजाम कर रखा था। जब हमारी टीम कैमरा और लाइट की तैयारी कर रही थी, तब उन्होंने हमसे थोड़ी बहुत बातचीत की। इसके बाद हमने उनके अब तक के सफर के बारे में जानना चाहा…
जन्म से गांव वाले दुखी हो गए थे
मेरा जन्म हस्तिनापुर में हुआ था। मैं जन्माष्टमी पर पैदा हुई थी, सुबह से बारिश हो रही थी। मेरे जन्म के पहले परिवार समेत गांव वालों को उम्मीद थी कि लड़का ही होगा। उस समय अल्ट्रासाउंड जैसी चीजें तो नहीं थीं, लेकिन फिर भी उन लोगों को अनुमान था कि लड़का ही होगा। मैं जिस घर में पैदा हुई थी वो टूटा हुआ था, छत भी टूटी हुई थी। सोने के लिए घर में सिर्फ चारपाई थी।
जब गांव वालों को पता चला कि लड़का नहीं, एक लड़की पैदा हुई है, तो वो लोग बहुत निराश हो गए। कहने लगे कि अब क्या दावत होगी। तब मेरे पापा ने कहा- अभी भी जश्न होगा। लड़का नहीं, पर लक्ष्मी जी तो मेरे घर आई हैं ना। इसके बाद पापा ने पूरे गांव में मिठाई और मटन बंटवाया था। दरअसल, हमारे यहां किसी शुभ काम के बाद मटन बंटवाने की परंपरा रही है।
पापा चाहते थे कि 14 साल की उम्र में शादी हो जाए
कुछ समय बाद हमारा पूरा परिवार मेरठ शिफ्ट हो गया। हमारे परिवार में सभी लड़कियों की शादी 14 साल की उम्र में हो जाती थी। पापा भी चाहते थे कि मेरी भी शादी हो जाए, लेकिन मां इसके खिलाफ थीं। उनका कहना था कि इतनी कम उम्र में वो शादी नहीं कराएंगी। दरअसल, जो सपने उनके अधूरे रह गए थे, वो चाहती थीं कि मैं उन्हें पूरा करूं। किसी तरह लड़-झगड़कर उन्होंने मुझे पढ़ाया।
मैं 11वीं में फेल हो गई थी। तब पापा ने कहा कि अब तो शादी होकर ही रहेगी। उस वक्त भी मां ने मुझे ही सपोर्ट किया और 11वीं में दोबारा पढ़ाया। फिर मैं 12वीं अच्छे नंबर से पास हुई।
गहने रखकर मां ने कॉलेज में एडमिशन करवाया
12वीं के बाद मां ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि अब वो मेरी मदद नहीं कर पाएंगी, लेकिन मेरे सपने तो बहुत बड़े थे। मैं मेरठ के IIMT यूनिवर्सिटी से पढ़ना चाहती थीं। ये बात जब मां को बताई, तो उन्होंने फीस पता करने के लिए कहा। वहां पर एक सेमेस्टर की फीस 25 हजार रुपए थी। मां ने कहा कि वो इतने रुपयों की व्यवस्था कैसे कर पाएंगी। हालांकि वो भी मुझे आगे बढ़ता हुआ देखना चाहती थीं। उन्होंने अपने गहने गिरवी रखे और कॉलेज की फीस भरी। फिर बाकी सेमेस्टर की फीस मैंने स्काॅलरशिप से भरी।
मां के गहने छुड़ाने के लिए कॉल सेंटर में नौकरी की
मां ने गहने तो गिरवी रख दिए थे, लेकिन उन्हें छुड़ाना भी जरूरी था। इसके लिए मैं टेलीकॉलिंग सेंटर में जाॅब करने लगी। यहां मुझे हर महीने 6 हजार रुपए मिलते थे, लेकिन इंग्लिश नहीं आने की वजह से मैं अपना टारगेट पूरा नहीं कर पाती थी। इस कारण मुझे नौकरी से निकाल दिया गया। फिर मैंने दूसरी जगह नौकरी की, जहां पर 12 हजार रुपए महीने मिलते थे। कुछ समय बाद ये कंपनी ही बंद हो गई। शायद भगवान की भी ख्वाहिश थी कि इन चीजों पर ध्यान ना लगाकर मैं मुंबई जाऊं।
रवि किशन ने एक्टिंग से परिचय कराया
ये वो वक्त था जब मेरठ में शो सेल्स का बाजीगर के लिए ऑडिशन चल रहा था। इस शो के जज रवि किशन थे। मैंने भी बिना कुछ सोचे इसका ऑडिशन दे दिया। ऑडिशन के दौरान रवि किशन ने कहा था कि मैं एक बेहतरीन एक्ट्रेस बन सकती हूं। उनकी ये बात सुन मैं हैरान रह गई थी। मैंने कभी सपने में भी एक्टर बनने के बारे में नहीं सोचा था। लगता था कि इतनी खूबसूरत तो नहीं हूं कि एक्टर बन जाऊं। हालांकि उनकी बातों ने बहुत हौसला दिया और लगा कि मैं भी कुछ बेहतर कर सकती हूं।
फिर मैं रियलिटी शो को बीच में छोड़ मुंबई आ गई। यहां पर मेरी मुलाकात रवि किशन से हुई। उन्होंने वादा किया कि वो मेरे लिए कुछ ना कुछ जरूर करेंगे, पर इस मुलाकात के बाद उनका कभी कॉल नहीं आया। एक महीने तक उनके कॉल का इंतजार किया। शायद वो किसी काम में बिजी रहे होंगे, इसलिए नहीं कर पाए।
मुंबई आने का किस्सा
मुंबई आने का भी एक रोचक किस्सा है। मुंबई आने के लिए मेरे पास बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे। तभी किसी आंटी के अकाउंट से मेरे अकाउंट में 25 हजार रुपए आ गए थे। इन पैसों को मैंने तुरंत ही निकाल लिया और कुछ पैसे मां के गहने गिरवी रख कर इकट्ठा किए, जिसके बाद मुंबई आई।
मुंबई में ठग वालों ने बंधक बना लिया था, 10 लाख फिरौती की डिमांड की थी
एक दूसरा किस्सा ये है कि मुंबई आए हुए मुझे कुछ ही दिन हुए थे। यहां के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। एक दिन कहीं जा रही थी, तभी एक गाड़ी से कुछ लोग आए और उन्होंने खुद को CBI ऑफिसर बताया। फिर पुलिस स्टेशन चलने के लिए कहा। पुलिस का नाम सुन मैं भी घबरा गई और उनके साथ गाड़ी में बैठ गई।
कुछ समय बाद मुझे पता चला कि वो लोग ठग हैं। उन्होंने मेरे सारे गहने उतरवा लिए। फिर 10 लाख फिरौती की डिमांड की। उस समय मेरे पास इतने पैसे नहीं थे। मुंबई में स्ट्रगल ही कर रही थी। फिर भी उनको सच बता दिया कि मेरे पास सिर्फ 2 लाख रुपए हैं। वो इतने में ही राजी हो गए और घर से उन पैसों को मंगवाने के लिए कहा।
मैंने भाई गुलशन को कॉल किया और 2 लाख रुपए लेकर एयरपोर्ट के पास आने के लिए कहा। भाई भी उस लोकेशन पर थोड़ी देर में पहुंच गया और ठग मुझे भी वहां पर ले गए। मैं गाड़ी में ही बैठी थी, फिर उनमें से एक आदमी पैसे लेने के लिए भाई के पास गया, तभी मैंने चिल्ला दिया- गुलशन उसे पैसे मत देना, वो ठग है। ये बात सुन गुलशन ने उस आदमी को पकड़ लिया और इधर मैं किसी तरह दूसरे ठगों से बचकर कार से बाहर निकल आई।
इसके बाद गुलशन और मैं उस आदमी को पुलिस स्टेशन ले गए, जिसे गुलशन ने दबोच कर रखा था। पहले तो पुलिस वाले भी शिकायत दर्ज नहीं कर रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने की।