UPSSSC ने 2019 में सहायक सांख्यिकी अधिकारी यानी ASO और सहायक शोध अधिकारी सांख्यिकी यानी AROS की भर्ती निकाली। कुल पद 896 थे। इसमें 225 सीएम योगी के अर्थ एवं संख्या प्रभाग में था, तो 620 पद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के विभाग में भरे जाने थे। फॉर्म भरवाने से लेकर आखिरी रिजल्ट जारी करने तक 4 साल बीत गए, लेकिन युवाओं को सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला।
फाइनल रिजल्ट को लेकर युवा अब सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। कभी ईको गार्डन में धरना देते हैं, तो कभी पिकअप भवन के सामने। 11 दिसंबर को भी करीब 200 की संख्या में युवा अपनी मांग को लेकर यहां पहुंचे थे। भास्कर की टीम से उन्होंने अपनी पूरी पीड़ा बताई। आइए इस भर्ती और उन युवाओं के संघर्ष को एक तरफ से जानते हैं…
2019 में भर्ती निकली..2022 में परीक्षा हुई
19 सितंबर 2019 को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने सहायक सांख्यिकी अधिकारी और सहायक शोध अधिकारी सांख्यिकी के 904 पदों पर भर्ती निकाली गई। परीक्षा 2019 के आखिर में या फिर 2020 के शुरुआत में होनी थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मार्च 2020 में कोरोना आया और यह भर्ती ठंडे बस्ते में डाल दी गई। हालात सही हुए तो 22 मई 2022 को परीक्षा करवाई गई। रिजल्ट आया तो अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया। अब 896 पदों पर भर्ती होनी है।
19 मई 2023 तक 2248 अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पूरे हो गए। कहा गया कि जून-जुलाई में फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अभ्यर्थियों ने संगठन बनाया और अपनी मांगों को लेकर कभी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मिलते तो कभी केशव प्रसाद से। लेकिन फाइनल रिजल्ट नहीं आया। परेशान अभ्यर्थियों ने ईको गार्डन में डेरा डाल दिया। 2 नवंबर से वह धरने पर बैठ गए। सोमवार को अपनी मांगों को लेकर पिकअप भवन पहुंचे।
दबाव के बीच परीक्षा करवाई अब रिजल्ट नहीं दे रहे
चित्रकूट के अनिल कुमार गुप्ता इस भर्ती के अभ्यर्थी हैं। वह कहते हैं, कोरोना का बहाना लेकर परीक्षा में बहुत देरी की गई। जबकि उसी बीच कई चुनाव करवाए गए। हम परीक्षा करवाने को लेकर आयोग के सामने कई बार धरने पर बैठे तब जाकर इन्होंने परीक्षा करवाई। परीक्षा के एक साल बाद इन्होंने परिणाम जारी किया। जबकि यह एक हफ्ते में ही संभव था। परिणाम के बाद इन्होंने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाया। 9 महीने बीत गए लेकिन इन्होंने फाइनल परिणाम जारी नहीं किया।
बहराइच से आए रितेश मौर्य कहते हैं, हम 22 दिसंबर को सचिव जी से मिले थे। उन्होंने कहा कि आपका जो मामला कार्मिक डिपार्टमेंट में फंसा हुआ है जैसे ही वह क्लियर होगा, हम 5 दिन में रिजल्ट जारी कर देंगे। हमने सब कुछ क्लियर करवाया लेकिन अब सचिव जी हमारी बात नहीं सुन रहे।
लेखपाल भर्ती को लेकर शासन का दबाव इसलिए हो रही देरी
इसी भर्ती के अभ्यर्थी विजय सिंह अधिकारियों से मिले। कहते हैं, अधिकारी कहते हैं कि आपकी भर्ती जनवरी 2024 तक क्लियर कर देंगे। लेकिन साथ ही वह कहते हैं कि हमारे ऊपर लेखपाल भर्ती को लेकर शासन से दबाव है इसलिए हम उसे प्राथमिकता में रख रहे हैं। इससे तो यही समझा जाएगा कि हमारी भर्ती वह नहीं चाहते। हम शासन से भी लगातार मिल रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे एक युवा कहते हैं कि कुल 896 पद भरे जाने हैं। इसमें 98% पद सीएम योगी और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के विभाग के अंतर्गत आते हैं। संख्या की बात करें तो 620 पद ब्रजेश पाठक के विभाग का और 250 पद सीएम के विभाग से आते हैं। बाकी की भर्ती ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के विभाग से आती है। यह पद 2019 से खाली हैं।
हरदोई से आई पूनम प्रजापति अपने एक साल के बच्चे को लेकर आई थीं। कहती हैं कि इस भर्ती में शामिल लगभग लोग 30 साल के पार हो गए हैं। उनके पास नौकरी के लगभग विकल्प खत्म हो गए हैं। लगातार हो रही देरी चिंतित करती है। परिवार के लोग भी अब कहने लगे हैं कि कब तक इसके इंतजार में लखनऊ आती रहोगी। लेकिन एक उम्मीद है कि आगे चलकर भला होगा।