MP के नए CM मोहन यादव का सुल्तानपुर में ससुराल:6 महीने पहले पत्नी के साथ आए थे, रिटायर्ड प्रिंसिपल ससुर बोले- जीवन धन्य हुआ

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव होंगे। उज्जैन दक्षिण विधानसभा से विधायक मोहन यादव की पत्नी सीमा यादव का घर यूपी के सुल्तानपुर में हैं। सोमवार को जैसे ही मोहन यादव के सीएम बनने का ऐलान हुआ। सुल्तानपुर में उनके ससुराल में बधाई देने वालों की भीड़ लग गई। 96 साल के ससुर ब्रह्मादीन यादव ने फोन करके बेटी-दामाद को बधाई दी। कहा, ”जीवन धन्य हो गया।”

मोहन यादव अपनी पत्नी के साथ पिछले साल अगस्त 2022 में सुल्तानपुर आए थे। तब ससुर ब्रह्मादीन यादव की तबीयत खराब थी। उसके बाद 6 महीने पहले सास के निधन पर आए थे। बुजुर्ग ब्रह्मलीन उस पल को याद करते दिखाई दिए।

ससुर बोले-महाकाल का दर्शन कर बधाई देंगे
नगर के ओमनगर में विवेकानंद यादव का घर है। विवेकानंद मोहन यादव के साले हैं। वह सरस्वती विद्या मंदिर में शारीरिक शिक्षक (पीजीटी) हैं। उनके साथ 96 साल के पिता ब्रह्मालीन यादव रहते हैं। ब्रह्मालीन यादव के तीन बेटे और एक बेटी है। इकलौती बेटी सीमा की शादी 1994 में मोहन यादव से उज्जैन में हुई थी। उम्र के कारण ब्रह्मालीन यादव ज्यादा बात नहीं करते हैं। लेकिन, मोहन यादव का नाम सुनते ही कहा कि अब महाकाल के दर्शन कर बधाई देंगे।

पहले मध्यप्रदेश के रीवा में रहता था परिवार
नए सीएम मोहन यादव के साले विवेकानंद यादव ने बताया कि वह घर में सबसे छोटे हैं। उनसे बड़े दो भाई और बहन सीमा (मोहन यादव की पत्नी) हैं। मूल रूप से परिवार अंबेडकरनगर जिले की भीटी तहसील के कोडड़ा डड़वा गांव से हैं।

विवेकानंद ने बताया कि उनके पिता शुरुआत से संघ से जुड़े थे। विद्यार्थी जीवन में उन्होंने कई आंदोलन किए। इसके बाद पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए घर से भागकर मुंबई चले गए। उनका असली नाम ब्रह्मानंद था, लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने बाद में अपना नाम ब्रह्मादीन रख लिया।

आंदोलन में नाम नहीं आने के बाद इधर गांव में हमारी जमीनें पुलिस-प्रशासन ने जब्त कर ली। ज्यादा कुछ बचा नहीं। इसके बाद पिता ने मुंबई में पढ़ाई शुरू की। पढ़ाई पूरी करके फिर यूपी आ गए। नौकरी के लिए मध्य प्रदेश के रीवा पहुंच गए। वहां एक राजकीय स्कूल में नौकरी मिल गई। 1987 में वो प्रिंसिपल के पद से रिटायर्ड हुए हैं।

बहन सीमा यादव भी संघ से जुड़ी रहीं
विवेकानंद ने बताया, ”हम तीनों भाई और बहन सीमा यादव भले ही यूपी में पैदा हुए हैं। लेकिन हमारी पूरी पढ़ाई मध्य प्रदेश से हुई है। बहन सीमा यादव ने रीवां से 1989 में भूगोल से एमए किया है। वह शुरू से संघ से जुड़ी रही। 1984 से हम मोहन यादव के संपर्क में थे। इसके बाद विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम के दौरान हम सभी की मुलाकात मोहन यादव से हुई। वह उस समय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री थे। इसी साल उज्जैन में परिवार वालों की सहमति के बाद बहन की शादी उनसे करा दी गई।

यकीन कर पाना हमारे लिए मुश्किल हो रहा है
विवेकानंद ने कहा, ” हमारे बहनोई मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इस पर यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है। वह पिछली सरकार में कैबिनेट का हिस्सा थे। शिक्षा मंत्री थे। उम्मीद थी कि इस बार भी उन्हें एमपी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। लेकिन इससे बहुत बड़ा हो गया। उन्होंने एमपी में बहुत अच्छे काम किए हैं। उम्मीद है कि वह मध्य प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे।

वह और आगे बढ़े बस यही कामना है
विवेकानंद की पत्नी पद्मा यादव भी जीजा के सीएम बनने से बेहद खुश हैं। वह कहती हैं, ”वह (मोहन यादव) हमारे जीजा जी हैं। यहां तक पहुंच जाएंगे हमें अंदाजा नहीं था। जबसे सुना है तब से बहुत अच्छा लग रहा है। पीएम मोदी को धन्यवाद। बहुत खुशी हो रही है। बस और आगे बढ़े, हम सभी लोग यही चाहते हैं।”

एक भाई अभी भी रीवा में रहता है
विवेकानंद ने बताया कि बड़े भाई रामानंद यादव इंडियन एयरफोर्स से रिटायर्ड होकर जबलपुर में फैमली के साथ शिफ्ट हैं। उसके बाद के सदानंद यादव रीवा में विद्या भारती में जॉब कर रहे हैं। मैं यहां टीचर हूं और करीब 23 साल से यहां रह रहा हूं।