डिप्रेशन से गुजर रहे थे विराट कोहली, बताया इस भारतीय दिग्गज ने की मदद

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को मानसिक तौर पर काफी मजबूत खिलाड़ी माना जाता है। उनके बल्ले से लगातार रन निकलते हैं और इसी वजह से उनको दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिना जाता है। वैसे एक समय ऐसा भी था जब उनके रन हीं बन रहे थे और इस समय वह डिप्रेश हो गए थे। कोहली ने 2014 के इंग्लैंड दौरे के बारे में बताया कि रन नहीं बना पाने के बाद कैसे वह डिप्रेशन में चले गए थे।

मैंने उनसे मानसिक तौर पर चीजों को लेकर भी बात की और जो बातें उन्होंने मुझे बताई वो अपने क्रिकेट करियर के दौरान जो अनुभव किया उसके आधार पर था। उन्होंने कहा, अगर आप हद से ज्यादा नेगेटिव एहसास से गुजर रहे हैं और अगर यह लगातार आपके अंदर बस जाता है तो इसे निकाल देना ही अच्छा है। अगर आप इस चीज से लड़ने का एहसास पैदा करेंगे तो आपको यह और भी मजबूत बनाएगा। तो यह वो सलाह थी जिसको मैंने अमल में लाया और तब से अब तक मैं मानसिक तौर पर बहुत ज्यादा खुल गया हूं।

विराट कोहली ने सचिन तेंदुलकर के साथ भारतीय टीम में साल 2009 से 2013 तक खेला था। इस दौरान उन्होंने इस महान खिलाड़ी से काफी कुछ सीखा। सचिन के संन्यास लेने से पहले कुल 17 टेस्ट और 31 वनडे मैचों के दौरान विराट कोहली टीम का हिस्सा रहे जिसमें 2011 का आइसीसी विश्व कप भी था जिसका भारत चैंपियन बना था।

मैं भी डिप्रेस होता हूं, यह कोई अच्छी चीज नहीं है कि जब आप सुबह उठते हैं और जानते हैं कि रन नहीं बना पाएंगे और मुझे लगता है कि सभी बल्लेबाज कभी ना कभी ऐसा जरूर महसूस करता है। या तो ऐसा ख्याल आता है कि आप किसी भी चीज पर नियंत्रण नहीं बना पा रहे हैं और आपको पता नहीं चल रहा होता है कि इन सभी चीजों से कैसे निपटा जाए।

मुझे लगता है कि जब आप पीछे मुड़कर अपने मुश्किल वक्त को देखते हैं तो आप समझते हैं है कि ऐसे वक्त से गुजरना जरूरी था यह समझने के लिए कि क्या गलत था और चीजो के सुधाने और आगे बढ़ने के लिए। अपने आप में बदलाव लाने के लिए ये वक्त जरूरी होता है। वो एक ऐसा वक्त था जहां मैं वाकई कुछ भी नहीं कर पाया था जिससे इसको बदल पाता, मैं वाकई बहुत मुश्किल वक्त से गुजर रहा था। मुझे ऐसा लगा था कि दुनिया में मैं बहुत ही अकेला हूं।