SC ने ‘शाही ईदगाह सर्वे’ पर लगाई रोक:हिंदू पक्ष ने कहा-ऑर्डर देखेंगे; मुस्लिम पक्ष बोला-पहले तय हो केस सुनने योग्य भी या नहीं

श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह विवादित परिसर में कोर्ट कमिश्नर सर्वे करने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोक लगा दी। कोर्ट के आदेश के बाद हिंदू और मुस्लिम पक्ष, अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। हिंदू पक्ष अब 23 जनवरी को होने वाली सुनवाई में जवाब दाखिल करेगा। वहीं, मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि यह केस सुनने योग्य भी है या नहीं, यह कोर्ट तय करे।

डबल बेंच ने दिया मुस्लिम पक्ष को स्टे
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर की गई एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के 14 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाते हुए कहा कि हाई कोर्ट मामले की सुनवाई जारी रखे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक एडवोकेट कमिश्नर (कोर्ट कमिश्नर) नियुक्त करने का आदेश दिया था। इस एडवोकेट कमिश्नर को मस्जिद परिसर का सर्वे करना था। इसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। मस्जिद कमेटी की तरफ से वकील तसनीम अहमदी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुईं।

वकील ने तर्क दिया कि जब पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत मथुरा मामले को खारिज करने की याचिका अभी तक लंबित है, ऐसे में हाईकोर्ट सर्वे का आदेश नहीं दे सकता। इस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने तर्क को सही माना और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।

हिंदू पक्ष बोला-आदेश की कॉपी देखेंगे
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जो ऑर्डर दिया गया है, उसको देखा जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई तय करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे किया है लेकिन प्रोसिडिंग पर स्टे नहीं किया है। इन सभी तथ्यों को देखेंगे। इसके बाद हाई कोर्ट से अनुरोध करेंगे कि शीघ्र सुनवाई की जाए।

23 जनवरी को होने वाली सुनवाई में जवाब दाखिल करेंगे। मुस्लिम पक्ष की SLP पर और स्टे दोनों पर जवाब देंगे। वरिष्ठ एडवोकेट सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि यह केवल स्टे है। अगली सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष जवाब दाखिल कर सकता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट स्टे ऑर्डर को खारिज भी कर सकता है और आगे भी बढ़ा सकता है।

मुस्लिम पक्ष की दो टुक, केस सुनने योग्य ही नहीं
शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने बताया कि हाई कोर्ट के शाही ईदगाह को लेकर एक कोर्ट कमिश्नर का आदेश पारित किया गया था। जबकि हमारा एक प्रार्थना पत्र लंबित है, जिसमें हमने कहा है कि पहले यह तो तय हो कि मुकद्दमा सुनने योग्य है या नहीं। यह प्रार्थना पत्र 7 रूल 11 के अनुसार कोर्ट में दिया गया है।