राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग पर बैन लगाने के तमिलनाडु सरकार के कथित आदेश के खिलाफ आज (22 जनवरी को) तमिलनाडु भाजपा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
इस याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने प्राण प्रतिष्ठा के दौरान राज्य में सभी तरह की पूजा, अर्चना, गरीबों को भोजन कराने के आयोजनों पर बैन लगाया है।
याचिका के मुताबिक, इस आदेश का पालन कराने के लिए सरकार पुलिस की मदद ले रही है और इस आदेश से संविधान में दिए लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
इस याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस भेजा, जिसके जवाब में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि लाइव टेलीकास्ट, पूजा, अर्चना, भोजन के वितरण पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। ये याचिका राजनीति से प्रेरित है।
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार पर आरोप लगाया है कि कामाक्षी मंदिर में बिना वर्दी वाले पुलिसवालों ने LED स्क्रीन को हटा दिया। उन्होंने कहा कि ये हमारे पूजा करने के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि कांचीपुरम जिले में अयोध्या से सीधे प्रसारण के लिए 466 LED स्क्रीन की व्यवस्था की गई थी। इनमें से 400 से अधिक स्थानों पर पुलिस ने प्रसारण को रोकने के लिए या तो स्क्रीन जब्त कर ली है या पुलिस बल तैनाती कर दी है। LED आपूर्तिकर्ता डर के मारे भाग रहे हैं।
वित्त मंत्री ने भी राज्य सरकार पर लगाया था आरोप
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को तमिलनाडु सरकार पर राम मंदिर प्रोग्राम के लाइव स्ट्रीमिंग पर बैन लगाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु में 200 से ज्यादा मंदिर हैं। यहां अयोध्या में होने वाले कार्यक्रमों के लाइव टेलीकॉस्ट पर रोक लगा दी गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस मंदिरों में कार्यक्रम नहीं होने दे रही है। आयोजकों को धमकी दे रही है कि वे पंडाल तोड़ देंगे। यह हिंदू विरोधी काम है। सीतारमण ने सबूत के तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तमिल न्यूजपेपर की एक कटिंग पोस्ट की है।
हालांकि, तमिलनाडु सरकार के मंत्री पीके शेखर बाबू ने ट्वीट करके सीतारमण के आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि केंद्रीय मंत्री अफवाह फैला रही हैं।
सीतारमण के 3 बड़े आरोप…
- तमिलनाडु में लोगों को भजन आयोजित करने, गरीबों को खाना खिलाने, मिठाइयां बांटने और जश्न मनाने से रोका और धमकाया जा रहा है, जबकि वे केवल अयोध्या में राम मंदिर अभिषेक समारोह में PM मोदी को देखना चाहते हैं।
- केबल टीवी ऑपरेटरों को बताया गया है कि लाइव टेलीकास्ट के दौरान बिजली कटौती की संभावना है। सीतारमण ने इसे I.N.D.I.A गठबंधन के सहयोगी DMK का हिंदू विरोधी कदम बताया है।
- तमिलनाडु सरकार अनौपचारिक लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए कानून व्यवस्था के बिगड़ने का दावा कर रही है। यह एक झूठी और फर्जी कहानी है। अयोध्या फैसले के दिन कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं थी। देश-भर यह समस्या उस दिन भी नहीं थी जब माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। तमिलनाडु में रामभक्तों की भावना ने हिंदू विरोधी DMK सरकार को बेहद परेशान कर दिया है।
मंत्री बोले- सीतारमण अफवाह फैला रही हैं
तमिलनाडु के मंत्री पीके शेखर बाबू ने ट्वीट किया कि राज्य में राम भक्तों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। वे भगवान राम के नाम पर पूजा करें। मंदिरों में भोजन दें या प्रसाद चढ़ाएं। वह पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। अफसोस की बात है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अफवाह फैला रही हैं।