प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद देंगे। उनका यह भाषण शाम करीब 5 बजे होगा। दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था। इसमें उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को गिनाया था।
इधर, भाजपा ने तीन लाइन का व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों से सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है।
PM के भाषण से पहले विपक्षी नेताओं के 3 बड़े बयान
- मल्लिकार्जुन खड़गे: कांग्रेस के अध्यक्ष ने महिला आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि आरक्षण विधेयक तो पारित हो गया। लेकिन महिलाओं को आरक्षण लंबे समय के बाद मिलेगा, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। अब तो सरकार के पास बहुमत है। उन्हें ये आरक्षण जल्द से जल्द लागू करना चाहिए।
- ओवैसी: AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रपति के पूरे संबोधन में मुसलमान तो छोड़िए, अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमाल एक बार भी नहीं हुआ। देश की आबादी में 14% हिस्सेदारी रखने वाले मुसलमानों को मोदी सरकार के तहत अपनी पहचान का खतरा नजर आ रहा है। ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि इस सरकार में ‘एक व्यक्ति, एक मजहब, एक विचारधारा और एक भाषा को मजबूत करने का काम किया गया।’
- टीआर बालू: राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का उल्लेख किया, जिसके तहत तीन पड़ोसी देशों के मुस्लिमों को छोड़कर अन्य सभी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। लेकिन श्रीलंकाई तमिल अल्पसंख्यकों को भी इसका लाभ नहीं दिया जा रहा।
खड़गे बोले- अबकी बार 400 पार, हंस पड़े मोदी
बजट सेशन के तीसरे दिन (2 फरवरी) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के एक बयान से पूरे सदन ठहाकों से गूंज उठा। दरअसल, खड़गे महिला प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर बोल रहे थे। इसी बीच उन्होंने प्रधानमंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि बहुमत आपका है। पहले 330-334 थे, अब तो 400 पार हो रहा है।
इस गलती पर सदन में मौजूद राज्यसभा में मौजूद पक्ष और विपक्ष के सांसदों की हंसी छूट गई। खुद PM नरेंद्र मोदी भी खड़गे की इस बात पर खुद को हंसने से नहीं रोक पाए।
ठहाकों के बीच मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने बयान को सुधारने की कोशिश की। लेकिन केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल खड़े हुए और बोले- “आखिरकार आज खड़गे जी ने सच कहा है और सच के अलावा कुछ नहीं कहा है।”
सुरेश ने कहा- तो दक्षिण राज्य अलग देश की मांग को मजबूर होंगे
संसद में 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया। इस पर रिएक्शन देते हुए कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने कहा कि दक्षिण भारत के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि जो पैसा दक्षिण तक पहुंचना चाहिए था, उसे डायवर्ट कर उत्तर भारत में बांटा जा रहा है। अगर इस अन्याय को दूर नहीं किया गया तो दक्षिणी राज्य एक अलग देश बनाने की मांग करने के लिए मजबूर होंगे।
बेंगलुरु ग्रामीण से सांसद सुरेश ने दावा किया कि दक्षिणी राज्यों से लिया जाने वाला टैक्स उत्तर भारत को दिया जा रहा है। साथ ही दक्षिण भारत पर हर मामले में हिंदी थोपी जा रही है। अगर केंद्र कर्नाटक को उसके हिस्से का पैसा दे दे तो यह काफी होगा।