क्यों योगी सरकार में बढ़ा राजभर का कद:35 सीटों पर प्रभाव वजह; राजभर ने कहा था-मुस्लिम गलत पार्टी के साथ; आगरा के 2 मंत्रियों के विभाग छिने

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को नए मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा किया। मंत्री बने ओम प्रकाश राजभर को विभागों के बंटवारे में खासी अहमियत मिली है। उन्हें 2 महत्वपूर्ण विभाग पंचायती राज व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मिले हैं।

स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति से कारागार लेकर दारा सिंह चौहान को दिया गया है। साथ ही, उन्हें होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी भी मिली है।

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बनाए गए योगेंद्र उपाध्याय के पास मौजूद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अनिल कुमार को दिया गया है।

लोकसभा चुनाव से पहले 5 मार्च को हुए कैबिनेट विस्तार और फिर मंत्रियों के विभाग बंटवारा होने के बाद सियासी चर्चा शुरू हो गई कि आखिर वो कौन सी वजह है कि ओपी राजभर का अहम जिम्मेदारियों से नवाजा गया है।

पूर्वांचल समेत यूपी की 35 सीट पर असर
लोकसभा चुनाव से पहले सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर को पंचायत विभाग देकर कद बढ़ाया है। इसके पीछे राजनीतिक जानकार कहते हैं कि पूर्वांचल समेत यूपी की 35 से ज्यादा लोकसभा सीट पर राजभर का प्रभाव है। इसलिए राजभर को महत्वपूर्ण विभाग देकर उनकी अहमियत बढ़ाई गई है।

बीते दिनों राजभर ने मुसलमान को लेकर बयान दिया था कि मुसलमान गलत पार्टी के साथ हैं, उनका कभी भला नहीं हो पाएगा। प्रदेश सरकार में पंचायती राज के साथ-साथ अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ एवं हज विभाग देकर राजभर के बयान पर भाजपा ने मोहर लगाई है।

ओम प्रकाश राजभर को पिछली बार पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग दिया गया था। इस विभाग को कई अहम विभागों के मुकाबले कम महत्व का माना जाता है।

राजभर के अतिरिक्त, बाकी 3 मंत्रियों को दिए गए विभाग भी कैबिनेट मंत्री के पद में हल्के माने जाते हैं। रालोद के कोटे से मंत्री बने अनिल कुमार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग दिया गया है जबकि भाजपा के सुनील शर्मा को आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग मिला है।

सपा छोड़कर घर वापसी करने वाले दारा के पास कारागार विभाग
पंचायती राज विभाग पहले भूपेंद्र चौधरी के पास था। यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनने के बाद विभाग सीएम योगी ने अपने पास रख लिया था। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले राजभर ने NDA छोड़ सपा का दामन थाम लिया था। वहीं 2017 में दारा सिंह चौहान के पास वन विभाग था।

2022 विधानसभा चुनाव से पहले दारा ने पार्टी से इस्तीफा देकर सपा के साथ हो गए। बाद में सपा छोड़कर घर वापसी की। इस बार दारा सिंह को कारागार विभाग दिया गया है।

BJP ने अपने मंत्रियों के विभाग किए कम
नए मंत्रियों को विभाग देने के लिए मुख्यमंत्री ने दूसरे मंत्रियों के विभाग कम दिए। इससे एक ओर नए मंत्रियों के लिए विभागों का इंतजाम हो गया तो दूसरी ओर कुछ मंत्रियों का कद भी छांट दिया गया। मुख्यमंत्री ने इन मंत्रियों को विभाग देने के लिए दूसरे मंत्रियों के विभागों में कटौती कर दी।

इन मंत्रियों के पास 2-2 विभाग थे। इन मंत्रियों में योगेंद्र उपाध्याय, धर्मपाल सिंह, स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री धर्म वीर प्रजापति हैं। अब इन तीनों का बोझ हल्का किया गया है। धर्मवीर प्रजापति से कारागार लिया गया है। उनके पास होमगार्ड पहले से ही था। अब नागरिक सुरक्षा विभाग भी दिया गया है। धर्मपाल सिंह के पास अब अल्पसंख्यक कल्याण हट गया और पशुधन विभाग, दुग्ध विकास व राजनैतिक पेंशन विभाग बचा है।

सबसे ज्यादा विभाग रखने वाले मंत्री
अभी भी कुछ मंत्रियों के पास कई विभाग हैं। योगी मंत्रिमंडल में शामिल एके शर्मा बतौर मंत्री नगर विकास के साथ-साथ ऊर्जा विभाग भी संभाल रहे हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पास ग्राम विकास, खाद्य प्रसंस्करण, सार्वजनिक उद्यम विभाग है तो उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के पास चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग हैं।

मंत्री जयवीर सिंह के पास पर्यटन व संस्कृति विभाग हैं। मंत्री राकेश सचान के पास एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग हैं। वैसे ज्यादातर मंत्रियों के पास अब एक- एक विभाग ही है।

मुख्यमंत्री योगी के पास अभी हैं 35 विभाग
मुख्यमंत्री योगी ने अपने पास 35 विभाग रखे हैं। इनमें नियुक्ति, कार्मिक, गृह, सतर्कता, आवास एवं शहरी नियोजन, राजस्व, खाद्य एवं रसद, नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, भूतत्व एवं खनिकर्म, अर्थ एवं संख्या, राज्य कर एवं निबन्धन, सामान्य प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, गोपन, सूचना, निर्वाचन, संस्थागत वित्त, नियोजन, राज्य संपत्ति, उप्र पुनर्गठन समन्वय, प्रशासनिक सुधार, कार्यक्रम कार्यान्वयन, अवस्थापना, भाषा, अभाव सहायता एवं पुनर्वास, लोक सेवा प्रबंधन, किराया नियंत्रण, प्रोटोकॉल, सैनिक कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल, नागरिक उड्डयन, न्याय एवं विधायी विभाग धर्मार्थ कार्य शामिल हैं।