महाराष्ट्र में NDA के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूला लगभग तय:भाजपा 27, शिवसेना 14 और NCP 5 सीटों पर लड़ सकती है चुनाव

महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और NCP के गठबंधन के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 27 पर, शिवसेना 14 पर और NCP 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द होने की संभावना है।

इससे पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से BJP 30 से 32 सीटों पर, शिवसेना 10 से 12 और NCP 6 से 8 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। 6 मार्च को अमित शाह की मौजूदगी में मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस में हुई बैठक में यह सहमति बनने की बात सामने आई थी।

वहीं, महाविकास अघाड़ी ने सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगाने के लिए शाम 5 बजे तीनों दलों (कांग्रेस, शिवसेना UBT, NCP शरदचंद्र पवार) की बैठक बुलाई है। कल ही शिवसेना उद्धव गुट ने 17 कैंडिडेट्स का ऐलान किया था। इनमें 3 सीटों पर कांग्रेस के दावेदार टिकट का इंतजार कर रहे थे। इस ऐलान से शरद पवार नाराज हैं।

3 सीटों पर उद्धव गुट के प्रत्याशी, कांग्रेस नेता नाराज
तीन सीटें ऐसी हैं, जहां उद्धव गुट और कांग्रेस के बीच विवाद गहरा गया है। सीट बंटवारे से नाराज कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गए। ये तीन सीटें हैं- मुंबई नॉर्थ-वेस्ट, मुंबई साउथ-सेंट्रल और सांगली।

मुंबई नॉर्थ-वेस्ट से शिवसेना (UBT) के अमोल कीर्तिकर को टिकट मिलने से कांग्रेस के संजय निरुपम नाराज हैं। उन्होंने कहा कि कीर्तिकर खिचड़ी स्कैम का घोटालेबाज है।

मुंबई साउथ-सेंट्रल से उद्धव ठाकरे के करीबी राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई को टिकट दिया गया है। यहां से मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड चुनाव लड़ना चाहती थीं।

वहीं, सांगली से कांग्रेस विश्वजीत कदम को खड़ा करना चाहती थी। उद्धव गुट ने यहां चंद्रहार पाटिल को टिकट दे दिया है।

मराठा आंदोलन नेता मनोज जरांगे के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं प्रकाश आंबेडकर
इधर, वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) नेता प्रकाश आंबेडकर के मराठा आरक्षण नेता मनोज जरांगे पाटिल के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो रही हैं। प्रकाश अंबेडकर ने भी MVA से अलग लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कल 8 कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान किया। मनोज जरांगे 30 तारीख को इस पर अंतिम फैसला लेंगे।

2019 में शिवसेना-भाजपा का 25 साल पुराना साथ टूटा
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर भी 2019 में चुनाव हुए थे। तब शिवसेना और भाजपा साथ थे। BJP 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद शिवसेना ने ढाई-ढाई साल के लिए CM के फॉर्मूले का दांव चला, लेकिन BJP नहीं मानी।

इसके कारण विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद ही उद्धव ने भाजपा के साथ 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया। शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी अलायंस बनाकर सरकार बनाई, उद्धव ठाकरे CM बने थे।

जून 2022 में शिवसेना में दरार, भाजपा जॉइन कर शिंदे CM बने
जून 2022 में एकनाथ शिंदे और शिवसेना के 39 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिवसेना के दो हिस्से हो गए। महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार गिर गई। एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना ली। भाजपा ने शिंदे को मुख्‍यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्‍यमंत्री बनाया।

जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने भी बगावत कर दी। वे नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) तोड़कर 9 विधायकों के साथ भाजपा-शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे। पवार ने 2 जुलाई 2023 को महाराष्ट्र के दूसरे डिप्टी CM के तौर पर शपथ ली थी।