कृति सेनन ने राजनीति के सवाल पर तोड़ी चुप्पी:बोलीं- अगर मेरे दिल में आएगा, तो आऊंगी; फिलहाल अभी के लिए फिल्मों पर ही ध्यान दूंगी

हाल ही में कंगना रनोट को मंडी सीट से बीजेपी का टिकट मिला है। गोविंदा भी शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हुए हैं। ऐसे में कृति ने भी एक इंटरव्यू के दौरान राजनीति में आने के बारे में अपने थॉट शेयर किए।

कृति सेनन ने राजनीति के सवाल पर तोड़ी चुप्पी
जब कृति से सवाल पूछा गया कि क्या वे कभी राजनीति में आना चाहेंगी? इस पर कृति ने कहा- मैंने कभी इसके बारे में सोचा नहीं है। सच कहूं तो मैं इस तरह से नहीं सोचती कि मुझे ये करना है या वो करना है। मैं कोई भी काम तभी करती हूं, जब मेरे अंदर से उसके लिए आवाज निकले। या अगर मेरे अंदर किसी चीज को लेकर बहुत पैशन हो। अगर कभी मेरे दिल में आएगा कि मुझे राजनीति में आना है, तब मैं शायद आ सकती हूं। जाहिर सी बात है कृति ने साफ कर दिया कि फिलहाल उनका राजनीति में आने का कोई प्लान नहीं है, लेकिन फ्यूचर में मन करेगा तो जरूर आएंगी।
कृति सेनन के आने वाले प्रोजेक्ट्स
कृति हाल ही में ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में नजर आई थीं। इस फिल्म में उनके साथ शाहिद कपूर, डिंपल कपाड़िया और धर्मेंद्र भी थे। कृति की 2-3 फिल्में इस साल रिलीज होंगी। उनमें से एक ‘दो पत्ती’ भी है। फिल्म में उनके साथ काजोल भी अहम किरदार में नजर आएंगी। इस मिस्टरी-थ्रिलर फिल्म के डायरेक्टर शशांक चतुर्वेदी हैं।
कृति अपने पहले फोटोशूट के समय बहुत नर्वस थीं
कृति ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने शुरुआती दिनों को याद किया था। उन्होंने कहा- मैं अपने पहले फोटोशूट के दौरान बहुत नर्वस हो गई थी। बाद में शूट थोड़ा खराब हो गया। मैं रोते हुए घर आई थी, क्योंकि इस बात ने मुझे बहुत परेशान कर दिया था कि मैं अच्छा नहीं कर सकी। हालांकि, समय के साथ लोगों में कॉन्फिडेंस आता है। मेरा मानना है कि आप अपनी सफलताओं से ज्यादा अपनी असफलताओं से सीखते हैं। मेरा मंत्र है कि मैं अपनी गलतियों से सीखूं और आगे बढ़ूं।
कृति ने अपनी मां के बारे में भी जिक्र किया
कृति ने हार्पर बाजार को दिए इंटरव्यू में कहा था- मेरी मां एक प्रोफेसर हैं और वो अपने परिवार में काम करने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने अपनी PHD उस दौरान पूरी की, जब वो मुझे जन्म देने वाली थीं। घर में बड़े होने के नाते, कभी कभी आपको उदाहरण बनने के लिए जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं। इसलिए मैंने हमेशा यह महसूस किया है कि मैं जो भी करती हूं, उसमें बेहतर करने की कोशिश करती हूं। मुझे लगता है कि जन्म से ही यह स्वभाव मेरे अंदर है। जब भी कुछ अच्छा नहीं हो पाता मुझे चिड़चिड़ाहट होती है।