मेक-ए-विश इंडिया ने 90,000 बच्चों की विशेज को पूरा किया:इस माइलस्टोन के साथ वर्ल्ड विश डे का जश्न मनाया, गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों की इच्छाएं पूरा करती है ऑर्गेनाईजेशन

मेक-ए-विश फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने ‘वर्ल्ड विश डे 2024’ के अवसर पर 90,000 बच्चों की विश को पूरा करने के अपने माइलस्टोन को सेलिब्रेट किया। यह एक ग्लोबल-नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाईजेशन है, जो पूरे भारत में 3 से 18 साल की उम्र के गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए उनकी लाइफ चेंजिंग विशेज को पूरा करने का काम लंबे समय से कर रही है।

इस ऑर्गेनाईजेशन ने 29 अप्रैल को 29 साल में 90,000 विशेज को पूरा करने के माइलस्टोन तक पहुंचने के साथ वर्ल्ड विश डे भी मनाया है। मेक-ए-विश इंडिया ऑर्गेनाईजेशन – टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) समेत 120 से ज्यादा हॉस्पिटल पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करती है।

मेक-ए-विश इंटरनेशनल द्वारा ग्लोबल लेवल पर 29 अप्रैल को 50 से ज्यादा देशों में वर्ल्ड विश डे मनाया जाता है। यह दिन विशेज की पावर को सेलिब्रेट करने के लिए डेडिकेटेड है। मेक-ए-विश, विशेज की पावर, एबिलिटी और एनर्जी को पहचानता है, जो पॉजिटिव ट्रांसफॉर्मेशन में तब्दील हो सकती है।

गंभीर बीमारियों से पीड़ित इन बच्चों की पूरी की गई हर एक विश उन्हें और उनके परिवारों को आशा, शक्ति और खुशी प्रदान करती है। इलाज करा रहे इन बच्चों का बचपन अस्पताल के चक्कर काटने और दवाइयों के साथ बीतता है। उनकी विशेज ही उन्हें अपने मेडिकल ट्रीटमेंट को पूरा करने का संकल्प देती है। हममें से कई लोग चाहते हैं कि बच्चे स्वस्थ और सुखी जीवन जिएं।

विशेज का एक्सपीरियंस इन बच्चों की ट्रीटमेंट जर्नी का एक अभिन्न अंग है। रिसर्च से पता चलता है कि जिन बच्चों की इच्छाएं यानी विशेज पूरी हो जाती हैं, वे गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए आवश्यक शारीरिक और भावनात्मक ताकत विकसित कर सकते हैं।

चाहे वह एक दिन के लिए राजकुमारी बनने की इच्छा हो, लेम्बोर्गिनी में ड्राइव पर जाने की इच्छा हो, किसी पुलिस अधिकारी से मिलने की इच्छा हो या संगीत वाद्ययंत्र रखने की इच्छा हो। हमारी टीम विश जर्नी के माध्यम से इसे संभव बनाती है। हर विश बच्चे की तरह ही अनोखी होती है।

मेक-ए-विश फाउंडेशन इंडिया की चेयरपर्सन और मैनेजिंग ट्रस्टी पॉलोमी धवन कहती हैं, ‘हम सभी जानते हैं कि इच्छा की उपचार शक्ति बहुत अधिक है। शोध से साबित हुआ है कि एक छोटी सी इच्छा गहरा प्रभाव डालती है। वर्ल्ड विश डे पर, हमें गर्व है कि हम पिछले 29 सालों में भारत के 11 शहरों में 90,000 लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने में सफल रहे हैं। 2025 में 30वें साल में कदम रखते हुए हमारा टारगेट 1,00,000 विशेज तक पहुंचने का है।’

मेक-ए-विश फाउंडेशन इंडिया के CEO मेहर गांडेविया-बिलिमोरिया ने कहा, ‘हमारे बोर्ड और टीम की ओर से हम अपने शुभचिंतकों के अटूट समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहते हैं। हमारी उपलब्धि हमारे दानदाताओं और हितधारकों के हमारे काम में विश्वास की पुष्टि है।’