लखनऊ में ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके केजीएमयू की महिला डॉक्टर से 85 लाख रुपए की ठगी की गई। कॉलर ने डॉक्टर को फोन किया। कार्गो में फर्जी कागजात के साथ ड्रग्स होने की बात कही। फिर सीबीआई ऑफिसर बनकर जेल भेजने की धमकी दी। इससे डरी-सहमी महिला ने 2 घंटे के अंदर 85 लाख रुपए बदमाशों के बताए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए।
केजीएमयू की डॉक्टर सौम्या गुप्ता की शिकायत पर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। साथ ही अलग-अलग बैंक खातों से अभी तक 6 लाख रुपए फ्रीज कराए गए हैं। बाकी 79 लाख रुपए की रकम रिकवर करने के लिए तकनीकी टीम लगी है। मामला लखनऊ के इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट का है।
लखनऊ के इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट में रहने वाले केजीएमयू की डॉ. सौम्या गुप्ता के पास 15 अप्रैल को फोल कॉल आया। सामने वाले व्यक्ति ने कहा कि आपके नाम से एक कार्गो पार्सल बुक है, जिसमें आपत्तिजनक सामान है। इसी फोन कॉल के दौरान ही ठगों ने महिला डॉक्टर को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया और अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कराए।
लखनऊ की महिला डॉक्टर को डराया फिर रुपए ट्रांसफर कराए
पूलिस पूछताछ में डॉक्टर ने कहा कि फोन करने वाले ने खुद को कस्टम ऑफिसर बताया और कहा कि आपके कार्गो में जाली पासपोर्ट, नकली एटीएम कार्ड तथा 140 ग्राम MDM ड्रग्स होने की बात कही। इससे महिला घबरा गई और उनकी बातों पर विश्वास कर लिया।
कुछ देर बात कस्टम ऑफिसर बने व्यक्ति ने दूसरे को फोन दिया, जिसने महिला से कहा कि वह सीबीआई ऑफिसर है। यदि आपने अपने कार्गो की सही जानकारी नहीं दी तो आधे घंटे में पुलिस आपको गिरफ्तार करेगी। इससे घबराई महिला ने उनकी बात मान ली और उन्होंने जो बैंक खाते दिए, उसमें रुपए ट्रांसफर कर दिए।
2 घंटे में कुल 85 लाख रुपए ट्रांसफर कराए गए
गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि महिला डॉक्टर को हमने 2 घंटे तक कॉल पर रखा और बारी-बारी से 85 लाख रुपए ट्रांसफर कराए। बताया कि पूरी जानकारी सोशल मीडिया से निकाली थी। इसके बाद प्लानिंग के तहत उन्हें फोन कॉल किया। वह हमारी बातों में आ गईं। बताया कि हम अलग खाते में इसलिए पैसे ट्रांसफर करते हैं ताकि रिकवरी न होने पाए।
जिन खातों में पैसे ट्रांसफर हुए वहां के बैंक मैनेजर को शक हुआ तो उसने पैसे निकालने से रोक दिया। इसके बाद आरोपी देवाशीष ने नेट बैंकिंग से दूसरे खातों में पैसे जमा कर दिए। हालांकि बाद में इसी बैंक डिटेल से पुलिस उस तक पहुंच पाई।
पुलिस ने फ्रीज कराए बैंक खाते में जमा रकम
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके गिरोह में कई लोग शामिल हैं। ठगी के पैसों को अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है। पुलिस बैंक अकाउंट के सहारे बैंक पहुंची और अभी तक 6 लाख रुपए फ्रीज कराए गए हैं।
एमसीए कर चुका है साइबर फ्रॉड का आरोपी
पुलिस ने मामले की शिकायत पर जांच की। पहले मोबाइल नंबर ट्रेस किया। आरोपी की लोकेशन गोमती नगर विस्तार सेक्टर-6 सुलभ आवास की मिली। वहां से देवाशीष राय पुत्र अशोक राय को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि देवाशीष एमसीए कर चुका और वह मूलरुप से आजमगढ़ जिले के मसौना का रहने वाला है।
वाराणसी में रिटायर्ड महिला टीचर से 3.55 करोड़ रुपए की ठगी
वाराणसी के रथयात्रा स्थित अमलनाथ अपार्टमेंट में रहने वाले अशोक रक्षित की पत्नी शंपा रक्षित सेंट जॉंस मड़ौली की रिटायर्ड शिक्षिका हैं। 8 मार्च 2024 को शंपा रक्षित को सुबह 9 बजे अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी का कर्मचारी बताकर 2 घंटे में फोन बंद होने की जानकारी दी।
यह भी बताया कि अभी आपके पास पुलिस का फोन आएगा। कुछ देर बाद शंपा के नंबर पर महाराष्ट्र के विले पार्ले पुलिस स्टेशन से इंस्पेक्टर विनय चौबे के नाम से फोन आया। ठग ने मोबाइल नंबर को आपराधिक गतिविधियों में शामिल होना बताया।
शंपा ने मना किया तो गिरफ्तारी वारंट की धमकी दी और मुंबई के विले पार्ले पुलिस स्टेशन आने की बात कही। फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर इन साइबर ठगों ने पूरे परिवार को धमकाया। गिरफ्तारी का डर दिखाकर साइबर ठगों ने स्काई ऐप डाउनलोड कराया।
फिर फोन स्क्रीन शेयर कर महिला के बैंक खाते को चेक किया। सभी रुपए आरबीआई में डालने और जांच के बाद पैसे वापस आने का भरोसा दिया। कहा कि आपकी गिरफ्तारी नहीं होगी। उनकी एफडी तुड़वाकर दो खातों से 3.55 करोड़ रुपए ट्रांसफर करा लिए। पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया था।
ठगी की नई तकनीक है डिजिटल अरेस्ट
BHU के साइबर एक्सपर्ट मृत्युंजय सिंह ने बताया कि हाल ही में लगातार लोगों को फोन कर पुलिस इंक्वायरी के नाम पर डराया जाता है। साइबर फ्रॉड लोगों को कई घंटे तक डिजिटली अरेस्ट कर लेते हैं, किसी से बात नहीं करने देते और पुलिस की तरह से इंक्वायरी करके पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं।
उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन से सामने वाले को अपनी बातों में फंसा कर साइबर ठगी की जा रही है। इसे कहते हैं डिजिटल अरेस्ट। साइबर ठग फोन करते हैं कि आपके नाम से या मोबाइल से आपराधिक गतिविधियां हो रहीं या आप का मोबाइल बंद होने वाला है।
यह कहकर आप को मोबाइल स्विच ऑफ करने के लिए कहेंगे और घर में किसी से कोई बातचीत न करने की सलाह देंगे। उसके बाद पैसों की डिमांड या ऑनलाइन एप से अकाउंट खाली कर देंगे।