झुनझुनवाला के घर-मिल पर 24 घंटे से ED रेड जारी:5 साल से फैक्ट्रियां बंद, कागजी कारोबार में करोड़ों का लेन-देन, CBI भी मार चुकी छापा

वाराणसी के उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई 24 घंटे से जारी है। ईडी शुक्रवार से वाराणसी के नाटी इमली में उनके घर पर मौजूद है। वाराणसी की आशापुर और हिरामन की ऑयल मिल में दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।

साथ ही, दिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कोलकाता, राजस्थान समेत देश में 7 ठिकानों पर पड़ताल जारी है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले 10 साल के लेन-देन के सभी लेजर और फाइलों को जब्त किया गया है।

24 घंटे में ईडी ने 400 कॉपी प्रिंट आउट लिए, जिसमें कंपनी के लेन-देन की जानकारी जुड़ी है। इसके अलावा दीनानाथ और सत्य नारायण झुनझुनवाला से कई राउंड पूछताछ भी कर रही है। उनके लैपटॉप भी जब्त कर लिए हैं और एकाउंटेंट-सीए को भी जांच में सहयोग के लिए कहा है।

सूत्रों की माने तो अब तक ईडी के हाथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लगे हैं। अभी तक किसी को भी अंदर-बाहर जाने की इजाजत नहीं है।

पहले छापामारी की वजह…

  • झुनझुनवाला पर आरोप है कि बोगस कंपनियां और फर्जी दस्तावेज के सहारे 11 बैंकों से 1 हजार करोड़ों का लोन लिया, लेकिन लौटाया नहीं।
  • बैंक को ही गलत बताकर मुकर गए। करोड़ों लेन-देन के बीच उन्होंने ने एक-एक करके सभी फैक्ट्रियों को ताला लगा दिया। मगर कागजों में व्यापार चलता रहा।
  • बैंक से लिए करोड़ों रुपयों को बेनामी संपत्तियों, जमीनों और रियल एस्टेट पार्टनरशिप में लगाया।
  • बनारस के आशापुर, बिहार के सासाराम, मोतिहारी और डेहरी, प.बंगाल के पोर्ट, राजस्थान के जोधपुर, मध्य प्रदेश और मुंबई की कंपनियों पर ताला लगा। फिर सभी इंडस्ट्री बंद हो गई।
  • झुनझुनवाला के घर, ऑफिस-फैक्ट्री में अक्सर आग की घटना सामने आती रही है। 14 मई 2022 को भी नाटी इमली स्थित आवास पर आग लगी थी, जिसमें दस्तावेज जलने की बात कही गई।

ED ने दो लैपटॉप और 100 से अधिक फाइलों को कब्जे में लिया
उद्यमी झुनझुनवाला के खिलाफ 2019 में सीबीआई ने करीब 1000 करोड़ के बैंक फ्रॉड का केस दर्ज किया था। इसमें पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का करीब 900 करोड़ हैं। उनकी कंपनी जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे बड़ी कर्जदार है।

जेवीएल एग्रो ने देशभर में बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक की अलग-अलग बैंक शाखाओं से बड़ा लोन लिया था। आरोप है कि बैंकर्स से मिलीभगत कर लोन लिए और उसे लौटाया नहीं। खास बात यह है कि स्टॉक और बैलेंस शीट की गलत जानकारी देने के बावजूद बैंकों ने करोड़ों की क्रेडिट लिमिट दे दी थी।

अब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ED की एंट्री हुई थी। इसकी जांच में वाराणसी में छापामारी हुई। सूत्रों के मुताबिक, ED ने दो लैपटॉप और 100 से अधिक फाइलों को कब्जे में लिया है।