कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार 1 जुलाई को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पहला भाषण दिया। उन्होंने संविधान की कॉपी दिखाकर अपने भाषण की शुरुआत की। फिर भगवान शिव की तस्वीर दिखाकर राहुल गांधी ने कहा कि सत्य, अहिंसा और साहस ही हमारा हथियार है। शिव का त्रिशूल अहिंसा का प्रतीक है।
इस पर ओम बिरला ने राहुल को टोका। कहा कि ये नियमों के खिलाफ है। राहुल ने कहा, ‘इसके जरिए मैं बताना चाहता हूं कि शिवजी से कभी ना डरने की शक्ति मिलती है।’ वे यहीं नहीं रुके। उन्होंने गुरुनानक, जीसस के अलावा सर्वधर्म संप्रदाय का पोस्टर भी दिखाया। फिर अभय मुद्रा का जिक्र किया।
राहुल ने कहा, जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत… आप हिंदू हो ही नहीं। इस पीएम मोदी ने कहा कि ‘पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है। शाह ने भी आपत्ति जताई।
राहुल ने शिवजी और अभय मुद्रा का जिक्र क्यों किया?
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि शिव जी का चित्र इस सदन में मना है। अगर मैं कह रहा हूं कि मुझे इनसे प्रोटेक्शन मिली, लेकिन आप मुझे रोक रहे हैं। इसके बाद मेरे पास और भी चित्र हैं, मैं सब दिखाना चाहता था। पूरा हिंदुस्तान इस चित्र को जानता समझता है। मैं इस तस्वीर को क्यों लाया, क्योंकि इस तस्वीर में आइडिया टू डिफेंड है। शिवजी के गले में सांप हैं, इसके पीछे का मकसद है किसी से डरना नहीं चाहिए। इसके बाद राहुल ने गुरु नानक की तस्वीर दिखाई। फिर शोर होने लगा।
राहुल ने कहा, ‘कुरान में लिखा है- पैगंबर ने कहा है कि डरना नहीं है। गुरु नानक जी के चित्र में भी आपको अभय मुद्रा दिखेगी। वह भी कहते हैं, डरो मत, डराओ मत। जीसस क्राइस्ट के चित्र में भी अभय मुद्रा है। जीसस ने कहा था कि कोई आपको एक थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो।’