हरियाणा में बागी JJP विधायकों का BJP को समर्थन:किरण चौधरी ने उपचुनाव का नामांकन भरा, 20 साल इंतजार के बाद पहुंचेंगी राज्यसभा

हरियाणा के पूर्व CM बंसीलाल की बहू पूर्व विधायक किरण चौधरी ने राज्यसभा सीट के उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री नायब सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली, सह -प्रभारी बिप्लब देब मौजूद रहे।

नामांकन के बाद सीएम नायब सैनी ने कहा कि किरण को जीत के लिए जरूरत से ज्यादा विधायकों ने समर्थन दिया है। जिसमें JJP के बागी जोगीराम सिहाग, अनूप धानक, रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम भी शामिल हैं। इसके अलावा निर्दलीय नयनपाल रावत और हलोपा के गोपाल कांडा भी किरण के समर्थन में हैं।

सीएम ने कहा कि किरण चौधरी का लंबा अनुभव रहा है। वे दिल्ली में विधानसभा की अध्यक्ष भी रही हैं। वह हरियाणा के मुद्दों को प्रमुखता से राज्यसभा में उठाएंगी। किरण के आने से राज्यसभा में हमारी ताकत बढ़ेगी।

किरण चौधरी ने कहा-”मैं बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करती हूं। भाजपा प्रदेश हित के लिए काम करती है। हरियाणा के सारे मुद्दे राज्यसभा में उठाउंगी।”

किरण चौधरी के पास 20 साल बाद राज्यसभा जाने का मौका है। पहले वह तत्कालीन सीएम ओमप्रकाश चौटाला की राजनीति में फंसकर राज्यसभा से चूक गई थी।

किरण चौधरी की राज्यसभा सीट पर जीत पक्की है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस विधानसभा में पर्याप्त विधायक न होने की बात कहकर उम्मीदवार उतारने से इनकार कर चुकी है।

कांग्रेस छोड़ BJP में आने के 2 महीने बाद टिकट
किरण को मंगलवार को BJP ने उम्मीदवार घोषित किया। इससे पहले किरण ने भिवानी के तोशाम से कांग्रेस विधायक के पद से इस्तीफा दिया। जिसे हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने स्वीकार कर लिया।

किरण चौधरी ने बेटी श्रुति चौधरी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट कटने के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी। BJP में शामिल होने के 2 महीने बाद उन्हें राज्यसभा भेजा जा रहा है।

हरियाणा की यह राज्यसभा सीट रोहतक से लोकसभा चुनाव जीते कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्‌डा के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। उनका अप्रैल 2026 तक का था। किरण के राज्यसभा जाने के बाद अब उनकी बेटी श्रुति चौधरी के तोशाम सीट से विधानसभा की दावेदारी पक्की मानी जा रही है।

एक्सपर्ट बोले- अगर नामांकन नहीं हुआ तो 27 को किरण विजेता घोषित होंगी
राज्यसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू हुई थी। इसकी अंतिम तारीख आज यानी 21 अगस्त तक है। 27 अगस्त को कैंडिडेट नाम वापस ले सकेंगे। 3 सितंबर को वोटिंग के बाद ही रिजल्ट जारी होगा।

कानूनी विश्लेषक और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने बताया कि, आज राज्यसभा नामांकन की लास्ट डेट है, यदि किरण चौधरी के अलावा नामांकन कोई नहीं करता है, तो 27 अगस्त को नॉमिनेशन वापसी के दिन राज्यसभा उप चुनाव के लिए नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर आईएएस साकेत कुमार किरण चौधरी को सर्टिफिकेट देंगे।

जानिए.. 20 साल पहले ओपी चौटाला की गुगली में फंस गई थी किरण
किरण की 20 साल पुरानी टीस दूर हुई 20 वर्ष वो राज्यसभा जाने से चूक गई थी। इस बार भाजपा में आने पर उनकी डगर आसान हो गई है। दरअसल, जून 2004 में ओमप्रकाश चैटाला के नेतृत्व में INLD की सरकार थी। तब प्रदेश में राज्यसभा सीटों के लिए हुए द्विवार्षिक चुनाव में किरण चौधरी को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था। किरण उस समय ओमप्रकाश चौटाला की गुगली में फंस गई थी।
हुआ यूं था, कि मतदान से 3 दिन पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतबीर सिंह कादियान ने किरण चौधरी का समर्थन कर रहे 6 विधायकों जगजीत सांगवान, करण सिंह दलाल, भीम सेन मेहता, जयप्रकाश गुप्ता, राजिंदर बिसला और देव राज दीवान को दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था। किरण ने स्पीकर निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन अयोग्य घोषित 6 विधायकों को राज्यसभा चुनाव में वोटिंग का अधिकार नहीं मिला।