पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम बढ़े वजन से डिसक्वालिफाई हुईं हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। उन्होंने रविवार को रोहतक में इसके संकेत दिए। यहां सर्वखाप पंचायत के सम्मान समारोह में विनेश ने कहा कि अब लड़ाई खत्म नहीं, बल्कि शुरू हुई है।
राजनीति के जानकार विनेश के इस कथन के मायने चुनाव लड़ने के संकेत देने के रूप में ही निकाल रहे हैं। इसके साथ ही विनेश झज्जर के डीघल में भी पहुंचीं। वहां भी खाप ने उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान मीडिया से बात करने से पहले ही कह दिया गया कि चुनाव को लेकर कोई सवाल नहीं पूछेगा।
वहीं, कुछ दिन पहले विनेश ने पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा से मुलाकात भी की है। उससे पहले से चर्चा है कि वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो विनेश और चचेरी बहन दंगल गर्ल बबीता फोगाट में चरखी दादरी सीट पर मुकाबला हो सकता है। बबीता इस समय BJP में है।
वहीं रोहतक में सर्वखाप पंचायत ने विनेश को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। सर्वखाप का किसी भी व्यक्ति को सम्मान के रूप में दिया गया यह पहला गोल्ड मेडल है और यह सम्मान विनेश को मिला है।
नांदल खाप के प्रधान ओमप्रकाश नांदल ने बताया कि यह मेडल सोने का है। इसका वजन करीब 5 तोले और कीमत करीब पौने चार लाख रुपए है। इस पर ओलिंपिक के लोगो के साथ सर्वखाप भी लिखवाया गया है।
विनेश फोगाट का वह बयान, जिससे राजनीति में आने के संकेत मिले
विनेश फोगाट ने कहा-” मुझे आज भी याद है कि जब हम धरने पर बैठे थे तो सब लोग हमारे साथ खड़े थे। सबसे पहले यही डर होता है कि अगर मैं किसी के चीज खिलाफ आवाज उठाउंगी तो शायद मेरा परिवार मुझे डांट मारेगा। हम ऐसे दरिंदे के सामने बोलने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी। जब हमें हिम्मत मिली और जब पता लगा कि पूरा परिवार हमारे साथ है तो आज भी हम विश्वास के साथ लड़ रहे हैं। हमें हराने वाला कोई नहीं, सच की हमेशा जीत होती है।
मैं बताना चाहती हूं कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई, लड़ाई तो अभी शुरू हुई है। अपनी बेटियों के मान-सम्मान की लड़ाई अभी चल रही है। हमारे किसी भी ओलिंपिक मेडल से बड़ा हमारी बहनों का मान-सम्मान है। हमारी छोटी-छोटी बहनें जो खेलती है, उनको देखते थे तो डर लगता था कि इनका भविष्य कैसा होगा।
हम अपनी बहनों को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि अब घबराना नहीं है कुश्ती करने में। आपके सामने आपकी बहनें खड़ी हैं, जो दीवार की तरह खड़ी हैं। आपके लिए रास्ता साफ करने के लिए खड़ी हैं। आपको कुश्ती छोड़ने का सोचना भी नहीं हैं। हमारे जो सपने अधुरे रह गए हैं और जो हम नहीं कर पाए, उसे आप पूरा कीजिए, आपको हमसे भी आगे जाना है।’
सम्मान समारोह में विनेश 3 अहम बातें…
1. पिता को याद कर भावुक हुईं, मां को शुक्रिया कहा
गोल्ड मेडल मिलने के कार्यक्रम में जब विनेश फोगाट ने अपने माता-पिता का नाम लिया तो वह भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, ‘मेरे पापा आज जो नहीं हैं, बहुत खुश होंगे। उनकी बेटी सिर्फ उनकी बेटी नहीं है, बल्कि पूरे भारत की बेटी है।’ विनेश ने कहा, ‘मैं अपनी मां का बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्होंने अपनी मेहनत, हिम्मत और संघर्ष से मुझे इतना ताकतवर बना दिया है कि आज मैं किसी भी संघर्ष या स्थिति से निकलूंगी तो हार कर नहीं निकलूंगी।’
2. खुद को बदकिस्मत मान रही थी, सम्मान देख भाग्यशाली समझ रही
विनेश फोगाट ने भावुक होते हुए कहा, ‘मैं खुद को बहुत बदकिस्मत मान रही थी। सोच रही थी कि मेरी किस्मत खराब है, लेकिन मुझे यहां बहुत सम्मान मिला। इसलिए, मैं अपने आप को मानती हूं कि भारत में पैदा होने वाली मैं सबसे भाग्यशाली हूं।’ विनेश ने कहा, ‘परमात्मा मेरे अंदर इतनी शक्ति बनाए रखें कि मुझसे कोई ऐसा काम न हो जिससे मान-सम्मान पर ठेस पहुंचे।
मेरे जैसी हजारों बहनों का हौसला बढ़ता रहे। बहुत मुश्किल होता है एक लड़की का आगे बढ़ पाना, लेकिन समाज और परिवार साथ हो तो लड़की कुछ भी कर जाती है। आप सबके घर में जितनी भी बेटियां हैं, उन्हें आगे बढ़ाएं।’
3. डिसक्वालिफिकेशन पर बात से इनकार किया, संन्यास पर भी क्लियर जवाब नहीं
विनेश फोगाट से जब मीडिया ने पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक बताकर डिस्क्वालीफाई करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अभी इस पर बात करने की स्थिति में नहीं हैं। इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि वह कुश्ती दोबारा लड़ेंगी तो उन्होंने कहा कि अभी वह इस निर्णय को लेकर कुछ नहीं कह सकतीं।
जन्मदिन पर मिला सम्मान
विनेश फोगाट को सर्वखाप से यह सम्मान अपने जन्मदिन पर मिला है। पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण डिस्क्वालिफाई घोषित होने के बाद सर्वखाप ने उन्हें सम्मानित करने का फैसला लिया था। इसे लेकर विभिन्न खापों की बैठक हुई थी। इसके बाद तय हुआ कि विनेश के जन्मदिन यानी 25 अगस्त हो उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
विनेश के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा
इधर, चर्चा है कि विनेश फोगाट विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। बीते शुक्रवार को वह नई दिल्ली में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मिलीं। हालांकि, कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर हुड्डा ने कहा था कि यह काल्पनिक सवाल है। एथलीट सिर्फ एक पार्टी के नहीं होते। वे पूरे देश के होते हैं। अगर कोई पार्टी में शामिल होता है, तो आपको पता चल जाएगा।
हुड्डा ने कहा था कि विनेश के साथ अन्याय हुआ है। उन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए। उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया जाना चाहिए।
फाइनल से पहले डिस्क्वालिफाई की गईं
गौरतलब है कि विनेश ने पेरिस ओलिंपिक में 50KG फ्री-स्टाइल कुश्ती कैटेगरी के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन 7 अगस्त को फाइनल खेलने से पहले 100 ग्राम वजन अधिक पाए जाने पर उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। फाइनल तक पहुंचने के लिए विनेश से दुनिया की अजेय पहलवानों को पटखनी दी थी।
कुश्ती से संन्यास का ऐलान
इसके बाद विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया। इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी डाली थी। उसमें लिखा था, “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।”
भारत लौटने पर ग्रैंड वेलकम
विनेश फोगाट पेरिस से 17 अगस्त को भारत लौटीं। इसके बाद एयरपोर्ट से लेकर उनके गांव बलाली तक 125 किलोमीटर लंबा रोड शो निकाला गया। इस रोड शो में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल हुए थे। जगह-जगह विनेश का ग्रैंड वेलकम किया गया।