वायनाड लैंडस्लाइड- राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से केंद्र का इनकार:प्रियंका बोलीं- BJP राजनीति कर रही; आपदा में 400 से ज्यादा मौतें हुई थीं

केंद्र ने वायनाड लैंडस्लाइड को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से इनकार कर दिया है। इसको लेकर 10 नवंबर को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने केरल सरकार को लेटर लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि SDRF-NDRF के मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत किसी भी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।

अगस्त में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर वायनाड लैंडस्लाइड को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी। इसके अलावा राहुल गांधी ने भी 7 अगस्त को लोकसभा में यही मांग की थी।

दरअसल, वायनाड में 29 जुलाई की रात करीब 2 बजे और 4 बजे के बीच मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में लैंडस्लाइड हुए थे। इसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

प्रियंका बोलीं- भाजपा पीड़ितों के साथ अन्याय कर रही है कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने X पर एक पोस्ट में कहा कि वायनाड लैंडस्लाइड से हुई तबाही के बावजूद भाजपा सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से इनकार कर रही है। यह केवल लापरवाही नहीं है, यह उन लोगों के साथ अन्याय है, जिन्होंने अकल्पनीय नुकसान झेला है। वायनाड के लोग इससे बेहतर के हकदार हैं।

प्रियंका ने कहा कि PM मोदी ने त्रासदी के समय वायनाड का दौरा किया था और उन्होंने तबाही के असर को खुद देखा। फिर भी उनकी सरकार राजनीति कर रही है और सहायता रोक रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ भी ऐसा ही किया गया, जब वे बहुत संकट में थे।

मोदी बोले थे- ये त्रासदी सामान्य नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त को वायनाड में लैंडस्लाइड प्रभावित इलाके का दौरा किया। पीड़ितों से मुलाकात के बाद उन्होंने CM पिनाराई विजयन और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में PM ने कहा- यह त्रासदी सामान्य नहीं हैं। सैकड़ों परिवार के सपने उजड़ गए। प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है।

राहुल ने वायनाड दौरे के लिए पीएम को धन्यवाद कहा था

नेता प्रतिपक्ष और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने वायनाड दौरे को लेकर PM मोदी को धन्यवाद कहा था। उन्होंने X पर लिखा था- PM के वायनाड जाने का फैसला अच्छा है। मुझे भरोसा है कि जब प्रधानमंत्री लैंडस्लाइड से हुई तबाही खुद देखेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे। राहुल संसद में भी वायनाड हादसे को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर चुके हैं।

वायनाड हादसे को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग प्रधानमंत्री के वायनाड दौरे से एक दिन पहले 9 अगस्त को केरल सरकार ने पुनर्वास और राहत-बचाव के काम के लिए केंद्र से 2,000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मांगी थी। साथ ही वायनाड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी।

राहुल-प्रियंका 1 अगस्त को वायनाड गए थे

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी 1 अगस्त को वायनाड पहुंचे थे। दोनों ने प्रभावित लोगों से बात की। राहुल-प्रियंका चूरलमाला और मेप्पाडी में एक अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मॉर्चुरी भी पहुंचे थे।

राहुल ने कहा था कि यह देख कर दुख हो रहा है कि इतने लोगों ने अपने परिवार और घरों को खो दिया। आज मुझे वैसा ही महसूस हो रहा है, जैसा मेरे पिता के निधन के समय हुआ था।

राहुल ने 2 अगस्त को कहा था कांग्रेस यहां पर 100 से ज्यादा घर बनाएगी। केरल ने इससे पहले ऐसी भीषण त्रासदी कभी नहीं देखी थी। यह एक अलग स्तर की त्रासदी है और इसे अलग तरह से देखा जाना चाहिए।

राहुल दो बार वायनाड के सांसद रहे हैं। वे 2019 और 2024 में यहां से लोकसभा चुनाव जीते। राहुल ने 2024 लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली से जीते दर्ज की। हालांकि, बाद में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी। उनकी जगह प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ने वाली हैं।

घटनास्थल को मैप से समझें..

5 साल पहले भी यहां लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुई थीं 30 जुलाई को लैंडस्लाइड में वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।

वायनाड में लैंडस्लाइड की क्या वजह है वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है। वायनाड की 51% जमीन पहाड़ी ढलाने हैं। यानी लैंडस्लाइड की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है।

वायनाड का पठार वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है। वायनाड में काबिनी नदी है। इसकी सहायक नदी मनंतावडी ‘थोंडारमुडी’ चोटी से निकलती है। लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ।