साउथ कोरिया में 6 घंटे बाद ही मार्शल लॉ खत्म:राष्ट्रपति को हटाने के लिए प्रदर्शन हो रहे, विपक्ष बोला- महाभियोग चलेगा

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने का आदेश वापस ले लिया है। राष्ट्रपति ने 3 दिसंबर की शाम 7 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे और अराजकता की स्थिति पैदा हो गई थी।

इसी बीच देश की नेशनल असेंबली में मौजूद 190 सांसदों ने सर्वसम्मति से इस फैसले पलट दिया, जिसके बाद राष्ट्रपति मार्शल लॉ को हटाने का वादा किया था। 6 घंटे बाद (रात 1 बजे) ही दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ हटा दिया गया।

मार्शल लॉ के आदेश को हटाने के कुछ घंटों बाद ही दक्षिण कोरिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति यून सुक योल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। कोरिया की मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (DPK) ने घोषणा की है कि वह राष्ट्रपति को हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करेगी।

राष्ट्रपति योल को मार्शल लॉ लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी, और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे।

राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है।

इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया। उन्होंने DPK पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।

दक्षिण कोरिया में सिर्फ 6 घंटे में ही क्यों खत्म हुआ मार्शल लॉ राष्ट्रपति योल के मार्शल लॉ के ऐलान के बाद पूरा विपक्ष थोड़ी ही देर में संसद पहुंच गया। मार्शल लॉ कानून को हटाने के लिए संसद में 150 से ज्यादा सांसद होने चाहिए। जब तक सेना संसद पर कब्जे के लिए पहुंची पर्याप्त सांसद संसद पहुंच चुके थे और कार्यवाही शुरू हो गई थी।

हालांकि, सेना ने कार्यवाही रोकने की कोशिश की। सांसद में वोटिंग के लिए जा रहे कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया गया। अंदर घुसने के लिए संसद की खिड़कियां तोड़नी शुरू कीं। लेकिन, जब तक जवान भीतर पहुंचते, नेशनल असेंबली के 300 में से 190 सांसदों ने राष्ट्रपति के मार्शल लॉ वाले प्रस्ताव को मतदान कर गिरा दिया।

दक्षिण कोरिया के संविधान के मुताबिक अगर संसद में सांसदों का बहुमत देश में मार्शल लॉ हटाने की मांग करता है तो सरकार को इसे मानना होगा। संविधान के इसी प्रावधान का विपक्षी नेताओं को फायदा मिला और सेना को अपनी कार्यवाही रोकनी पड़ी।

सेना ने तुरंत संसद को खाली कर दिया और वापस लौट गए। संसद के ऊपर हेलिकॉप्टर और सड़क पर मिलिट्री टैंक तैनात थे, उन्हें वापस जाना पड़ा।