लोकसभा में आज संविधान के 75 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा होगी। आज 12 बजे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इसकी शुरुआत करेंगे। वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी चर्चा के दौरान संसद में अपनी स्पीच दे सकती है।
भाजपा के 12 लीडर इस चर्चा में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 दिसंबर की शाम को इस चर्चा पर अपना जवाब देंगे। सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रियंका के अलावा DMK नेता टीआर बालू, तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा इस चर्चा में हिस्सा लेंगे। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने सांसदों की मौजूदगी के लिए व्हिप जारी किया है।
राज्यसभा में अमित शाह करेंगे चर्चा की शुरुआत
राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को चर्चा होगी। इसकी शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी17 दिसंबर को राज्यसभा में चर्चा पर जवाब देंगे। यहां विपक्ष की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भाषण देंगे।
मोदी ने संसद हमले के शहीदों श्रद्धांजलि दी, राहुल भी मौजूद थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसद हमले के शहीदों को श्रद्धाजलि दी। पीएम के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और राज्यसभा स्पीकर जगदीप धनखड़ मौजूद थे।
23 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के 5 आतंकवादियों ने संसद में हमला किया था। इस हमले में जवानों समेत 14 लोगों कीजान गई थी। हमले का मुख्य आरोपी अफजल गुरु था। सुरक्षा बलों ने हमले में शामिल पांचों आतंकियों को मार गिराया था। अफजल गुरु को तिहाड़ जेल में 9 फरवरी 2013 में फांसी दी गई थी।
खड़गे बोले- चर्चा हो ताकि देश जाने क्या चल रहा है कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हमने ऐसे हालात बना दिए हैं कि संविधान पर चर्चा होनी चाहिए। बहुत सारी असंवैधानिक चीजें चल रही हैं। कई संस्थाओं का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। देश में गवर्नेंस अच्छी नहीं है। हम चाहते हैं कि चर्चा हो ताकि देश को पता चले कि सरकार किस तरह चल रही है।”
दोनों पार्टियों ने अपनी बैठक की, व्हिप जारी किया संविधान पर चर्चा को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने गुरुवार को अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी। इस पर दोनों पार्टियों ने व्हिप भी जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमित शाह, राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी।
इससे पहले शाह ने संसद के अपने ऑफिस में पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू समेत वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की थी। वहीं, कांग्रेस मुख्यालय पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की थी।
विपक्ष ने संविधान पर चर्चा की मांग की, मोदी सरकार के खिलाफ नैरेटिव सेट किया
- विपक्षी नेताओं ने 26 नवंबर, 75वें संविधान दिवस पर संसद के दोनों सदनों में संविधान पर बहस की मांग की थी। कहा था कि देश में हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर इसकी आवश्यकता है।
- राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 27 नवंबर को बताया था कि उन्होंने और राहुल गांधी ने दोनों सदनों के अध्यक्ष को पत्र लिखकर संविधान पर चर्चा कराने की अपील की थी। कहा था कि दोनों सदनों में 2-2 दिनों तक संविधान पर चर्चा कराई जाए।
- विपक्ष ने लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को संविधान विरोधी होने का नैरेटिव सेट किया था। राहुल, प्रियंका, खड़गे, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने आरोप लगाया था कि भाजपा और केंद्र सरकार संविधान को खत्म करना चाहती है। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने संविधान हाथ में लेकर ही लोकसभा में शपथ ली थी।
सरकार ने 2015 से संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान ऑफिशियली अपनाया गया था, लेकिन लागू 26 जनवरी, 1950 को हुआ था। भारत सरकार ने 2015 में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी।
इस साल 26 नवंबर को संविधान सदन (पुरानी संसद) के सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम हुआ था। आयोजन की थीम हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान रखी गई थी। संविधान अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया था।
जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में 1929 में पहली बार पूर्ण स्वराज की शपथ ली गई थी। अंग्रेज सरकार से मांग की गई थी कि 26 जनवरी, 1930 तक भारत को संप्रभु दर्जा दिया जाए। इसके बाद 26 जनवरी, 1930 को पहली बार ‘पूर्ण स्वराज या स्वतंत्रता दिवस’ मनाया गया था।
तब से 1947 में आजादी मिलने तक इस दिन को इसी रूप में मनाया जाता रहा। इस दिन के महत्व की वजह से 1950 में 26 जनवरी को देश का संविधान लागू किया गया और इसे गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।