भारत ने नॉर्थ कोरिया में 2021 से बंद अपने दूतावास को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। द ट्रिब्यून के मुताबिक एक टेक्निकल और डिप्लोमैटिक टीम नॉर्थ कोरिया के लिए रवाना हो चुकी है। कुछ कर्मचारी पहले ही नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग पहुंच चुके हैं।
नॉर्थ कोरिया में हमेशा से जासूसी गतिविधियों का डर रहता है। इसे देखते हुए साढ़े तीन साल से बंद भारतीय दूतावास की पहले पूरी तरह से जांच की जाएगी।
भारत ने जुलाई 2021 में प्योंगयांग में अपना दूतावास बंद कर दिया था और राजदूत अतुल मल्हारी गोतसुर्वे पूरे स्टाफ के साथ नई दिल्ली लौट आए थे। हालांकि इसे बंद घोषित नहीं किया था, लेकिन बाद में कहा गया कि कोरोना की वजह से स्टाफ को वापस बुलाया गया है।
इसके बाद लंबे वक्त तक प्योंगयांग स्थित डिप्लोमेटिक मिशन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। 14 महीने पहले अतुल मल्हारी गोतसुर्वे को मंगोलिया में राजदूत के तौर पर नियुक्ति दी गई।
बीते सालों में तेजी से बढ़ा है नॉर्थ कोरिया का महत्व
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बीते कुछ सालों में नॉर्थ कोरिया का महत्व तेजी से बढ़ा है। नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर हथियार और हाइपरसोनिक मिसाइल जैसी टेक्निक पर तेजी से काम कर रहा है। ऐसे में भारत का प्योंगयोग में मौजूद रहना जरूरी है।
2016 में पीएम मोदी ने किम जोग उन को जन्मदिन की बधाई दी
पिछले कुछ सालों में उत्तर कोरिया ने रूस, चीन और ईरान के साथ भी अपनी साझेदारी को मजबूत किया है। अब जबकि भारत के रूस और ईरान दोनों से ही काफी अच्छे रिश्ते हैं, ऐसे में भारत नॉर्थ कोरिया से भी रिश्तों में मजबूती दिखाना चाहता है।
2016 पीएम मोदी ने नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन को ट्विटर (अब X) पर जन्मदिन की बधाई भी दी थी।