गुजरात पुल हादसे में गुरुवार को मरने वालों का आंकड़ा 14 पहुंच गया। NDRF के तलाशी अभियान में आज सुबह एक शव बरामद हुआ। मिला, जिसे पादरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया गया है। छह लोग अभी भी लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन अभियान जारी है।
हादसे में वडोदरा जिले के मुजपुर गांव के एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। रमेशभाई (पिता), नैतिक (बेटा) और वेदिका (बेटी) भावनगर के बगदाणा जा रहे थे। आज तीनों का अंतिम संस्कार किया गया।
वडोदरा में महिसागर नदी पर बना ब्रिज बुधवार सुबह टूट गया था। पुल टूटने पर दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा नदी में गिर गया। वहीं, एक टैंकर टूटे सिरे पर फंस गया था। स्थानीय लोगों ने नदी में गिरे 8 लोगों को बचा लिया था।
45 साल पुराना यह ब्रिज दक्षिण गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता है। पुल टूटने से भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड जैसे शहरों से सौराष्ट्र पहुंचने में ज्यादा समय लगेगा। अब इसके लिए अहमदाबाद होकर जाना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजन को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार की मदद की घोषणा की।
लोगों ने प्रशासन को जिम्मेदार बताया
हादसे के बाद तुरंत ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और लोगों को रेस्क्यू किया। एक स्थानीय युवक ने बताया, ‘हम सुबह से ही बचाव अभियान चला रहे हैं। अब तक 13 शव बरामद हुए हैं, जिनमें से एक बच्चा है और एक बच्चा लापता है। इस दौरान हमें प्रशासन और अधिकारियों से कोई मदद नहीं मिली है।’
इनका कहना है कि 45 साल पुराने इस पुल की मरम्मत के लिए प्रशासन को कई बार सूचित किया जा चुका है। प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण आज यह हादसा हुआ है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस हादसे के लिए पूरी तरह से प्रशासन ही जिम्मेदार है।
हादसे में बचे लोगों से दिव्य भास्कर की बातचीत…
- बाइक के साथ मैं और मेरा दोस्त नदी में गिरे: हादसे में घायल राजूभाई अठिया ने बताया, “मैं और मेरा दोस्त द्वारका से अंकलेश्वर जा रहे थे। हम पुल पर थे तभी वह अचानक ढह गया और हम बाइक समेत नदी में गिर गए। मैं पानी से बाहर निकला और एक गाड़ी के ऊपर चढ़कर बैठ गया। मेरा दोस्त लापता है। थोड़ी देर बाद लोग नाव लेकर मदद के लिए आए।”
- बाइक के पंक्चर होने से जान बच गई: ब्रिज से गुजर रहे महेशभाई परमार (उम्र 23) भी इस घटना में बाल-बाल बच गए। महेश ने बताया, ‘हम दो दोस्त काम पर जा रहे थे। पुल के पास ही बाइक पंक्चर हो गई। पंक्चर ठीक करवाने के बाद हम ब्रिज पर जैसे ही पहुंचे, तभी अचानक पुल टूट गया। हम तीन-चार गाड़ियों के पीछे थे। देखा तो एक इको कार, एक पिकअप और एक ट्रक पुल से नीचे गिर गए थे। नीचे चीख-पुकार मची थी।’
- गाड़ियां गिरते ही मैंने ब्रेक लगाया: हादसे के चश्मदीद 25 साल के संजयभाई सोमाभाई चावड़ा ने दिव्य भास्कर को बताया कि हम तीन दोस्त बाइक से काम पर जा रहे थे। तभी अचानक मुझे ब्रेक लगाना पड़ा, क्योंकि पुल बीच में से टूट गया था। ब्रेक नहीं लगाते तो हम भी हादसे का शिकार हो गए थे।
- एक महिला डूबती दिखी, हमने उन्हें बचा लिया: स्थानीय अतुल पढियार ने कहा कि हादसे की खबर मिलते ही मैं और मेरे एक साथी तुरंत रिक्शा लेकर वहां पहुंचे। हमने देखा कि लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। एक महिला को डूबते देखा। हम फौरन नदी में पहुंचे और उन्हें बाहर निकाला, उनकी जान बच गई है। अतुल ने बताया कि दो-तीन ड्राइवरों के हाथ-पैर में चोटें आईं। उन्हें अस्पताल भेज दिया गया है। हमने और आसपास के कुछ लोगों ने सात-आठ लोगों को नदी से बाहर निकाला।