भारत ने लॉर्ड्स टेस्ट कैसे गंवाया, 5 कारण:जडेजा-राहुल पर ज्यादा निर्भर हुए, 63 एक्स्ट्रा रन दिए; आर्चर और स्टोक्स की बेहतरीन बॉलिंग

भारत ने लॉर्ड्स स्टेडियम में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट 22 रन से गंवा दिया। 193 रन के टारगेट के सामने मुकाबले के आखिरी दिन टीम इंडिया 170 रन ही बना सकी। इसी के साथ इंग्लैंड ने 5 टेस्ट की सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है।

भारत की हार में बैटर्स का खराब प्रदर्शन सबसे बड़ी वजह रहा। कप्तान शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और करुण नायर दोनों पारियों में फ्लॉप रहे। वहीं टीम के लोअर बैटर्स दोनों ही पारियों में बैट से कमाल नहीं कर सके। गेंदबाजी मजबूत रही, इसके बावजूद टीम पहली पारी में बढ़त नहीं ले सकी। इंग्लिश टीम में जोफ्रा आर्चर की वापसी और लॉर्ड्स की पिच पर टॉस गंवाना भी भारत की हार की वजह बना। भारत ने 63 एक्स्ट्रा रन भी दिए।

भारत की हार के 5 कारण…

कारण-1: राहुल, पंत, जडेजा पर निर्भरता; करुण, यशस्वी, शुभमन नहीं चले

लीड्स और बर्मिंघम टेस्ट में जहां भारत की बैटिंग शानदार रही थी, वहीं लॉर्ड्स टेस्ट में टीम की बैटिंग ने ज्यादा निराश किया। शुरुआती 2 टेस्ट में शुभमन गिल ने 3 और यशस्वी जायसवाल ने 1 शतक लगाया था। इस बार दोनों मिलकर 39 रन ही बना सके। शुरुआती 2 टेस्ट में 1 भी फिफ्टी नहीं लगा सके करुण भी 40 और 16 रन के स्कोर पर आउट हो गए।

यशस्वी, शुभमन और करुण के खराब प्रदर्शन ने केएल राहुल, ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा पर निर्भरता बढ़ा दी। राहुल ने 100 और 39 रन की पारियां खेलीं। पहली पारी में पंत ने 74 बनाए। वहीं जडेजा ने 72 और 61 रन की पारियां खेलीं, लेकिन तीनों को बाकी बैटर्स का साथ नहीं मिला। इसलिए टीम मजबूत स्थिति के बावजूद पहली पारी में बढ़त हासिल नहीं कर पाई।

कारण-2: लोअर ऑर्डर की फ्लॉप बैटिंग, दोनों पारियों में कोलैप्स

पहली पारी में गेंदबाजों ने इंग्लैंड को 387 रन के कम स्कोर पर समेट दिया। भारत का स्कोर एक समय 376/6 था, यहां से टीम ने 11 रन बनाने में ही आखिरी 4 विकेट गंवा दिए। दूसरी पारी में राहुल ही 39 रन बना सके। उन्हें छोड़कर जडेजा ने ही थोड़ी फाइट दिखाई, बाकी बैटर्स 15 से कम रन के स्कोर पर ही पवेलियन लौट गए।

दूसरी पारी में मुकाबला जीतने के लिए भारत को 193 रन ही चाहिए थे। यहां यशस्वी और वॉशिंगटन सुंदर खाता भी नहीं खोल सके। नायर ने 14, शुभमन ने 6, पंत ने 9 और नीतीश रेड्डी ने 13 रन बनाए। टीम ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक 58 रन पर ही 4 विकेट गंवा दिए। फिर पांचवें दिन के पहले सेशन में भी 24 रन बनाने में 3 विकेट गंवा दिए। 112 रन पर 8वां विकेट गिरते ही टीम की हार भी कन्फर्म हो गई।

कारण-3: पिच कठिन होते चली गई

लॉर्ड्स की पिच भी मुकाबला खत्म होते-होते बैटर्स के लिए मुश्किल हो गई। पहले दिन 251 रन बने और 4 विकेट गिरे। यानी औसतन 63 रन बनाने में 1 विकेट गिरा। दूसरे दिन औसत गिरकर 31 पर पहुंच गया। मुकाबले के तीसरे दिन औसत हल्का सा बढ़कर 35 पर पहुंचा। वहीं चौथे दिन 18 पर आ गया।

चौथे दिन इंग्लैंड ने 10 और भारत ने 4 विकेट गंवा दिए। फिर पांचवें दिन के पहले सेशन में भी भारत ने 54 रन बनाने में 4 विकेट गंवा दिए। यानी आखिरी दिन औसत महज 14 रन का हो गया। बल्लेबाजों की परेशानी की बड़ी वजह लॉर्ड्स की बाउंस और स्विंग रही। जो हर दिन के साथ बदलती चली गई। आंकड़ों से भी साफ जाहिर है कि पिच बैटिंग के लिए मुश्किल होती चली गई। इसलिए टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फायदा इंग्लैंड को बखूबी मिला।

कारण-4: जोफ्रा आर्चर की वापसी, स्टोक्स की बॉलिंग

तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने 4 साल बाद इंग्लैंड की टेस्ट टीम में वापसी की है। उन्होंने पहली पारी में अपने पहले ही ओवर में यशस्वी जायसवाल को पवेलियन भेज दिया। उन्होंने 23.2 ओवर में 6 मेडन फेंके और महज 2.22 की इकोनॉमी से रन खर्च कर 2 विकेट झटक लिए।

सेकेंड इनिंग्स में तो आर्चर ने बेहतरीन रिदम हासिल कर ली। उन्होंने फिर एक बार यशस्वी जायसवाल को कैच कराया। फिर मुकाबले के पांचवें दिन ऋषभ पंत और वॉशिंगटन सुंदर को पवेलियन भेज दिया। पंत को उन्होंने बोल्ड किया, वहीं सुंदर का कैच अपनी ही बॉलिंग पर कर लिया। दूसरी पारी में आर्चर को कप्तान बेन स्टोक्स का बखूबी साथ मिला। जिन्होंने 24 ओवर फेंके और महज 48 रन देकर 3 विकेट झटक लिए। स्टोक्स और आर्चर दोनों ने मैच में 5-5 विकेट लिए।

कारण-5: इंग्लैंड का लोअर ऑर्डर; ज्यादा एक्स्ट्रा रन देना

टीम इंडिया के लोअर ऑर्डर बैटर्स जहां पूरी सीरीज में निराश कर रहे हैं, वहीं इंग्लैंड अपने इन्हीं बैटर्स की मदद से ज्यादा स्कोर बना ले रहा है। पहली पारी में टीम ने अपने 7 विकेट 271 रन पर गंवा दिए थे। यहां से ब्रायडन कार्स ने जैमी स्मिथ के साथ पारी संभाली और टीम को 350 के पार पहुंचा दिया।

कार्स ने 56 और स्मिथ ने 51 रन बनाए। कार्स ने तो खुलकर शॉट्स खेले और टीम का स्कोर 387 रन तक पहुंचा दिया। दूसरी ओर भारत 6 विकेट गंवाने के बाद भी 11 रन ही बना सका। दूसरी पारी में दोनों टीमों का लोअर ऑर्डर फ्लॉप रहा।

दोनों पारियां मिलाकर भारत ने एक्स्ट्रा रन भी ज्यादा दिए। टीम ने पहली पारी में 13 लेग बाय छोड़कर 18 एक्स्ट्रा रन दिए। दूसरी पारी में यह बढ़कर 26 हो गए। यानी मैच में 44 एक्स्ट्रा रन। जबकि इंग्लैंड ने 18 रन ही एक्स्ट्रा दिए। लेग बाय के भी एक्स्ट्रा गिनें तो भारत ने 63, जबकि इंग्लैंड ने 30 ही एक्स्ट्रा रन खर्च किए। भारत ने महज 22 रन से मैच गंवाया।