Kisan Andolan: कुंडली और टीकरी बॉर्डर के साथ यूपी गेट से भी किसानों के लिए बुरी खबर, पंजाब का एक किसान भी गायब

तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट, टीकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर से किसानों के लिए बुरी खबर आई। जहां कुंडली बॉर्डर पर बृहस्पतिवार को लगी आग में 3 टेंट जल गए, वहीं, यूपी गेट पर भी धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों के टेंट में बृहस्पतिवार शाम को आग लग गई। मौके पर तैनात अग्निशमनकíमयों ने आग पर काबू पा लिया। कोई हताहत नहीं हुआ। 28 नवंबर से यूपी गेट पर धरना प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस- वे के दिल्ली जाने वाली लेन पर कब्जा कर मंच बना लिया है। इसके पीछे टेंट लगाकर मीडिया सेंटर बनाया गया है। बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे मीडिया सेंटर में अचानक आग लग गई। प्रदर्शनकारियों ने उस पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। अग्निशमनकर्मी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने आग पर काबू पाया।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने साजिश के तहत आग लगाए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट भी किया है। वहीं, मुख्य अग्निशमन अधिकारी गाजियाबाद सुनील कुमार सिंह ने बताया कि आग को फौरन बुझा दिया गया। कोई हताहत नहीं हुआ है।

कृषि कानून विरोधी आंदोलन में शामिल बुजुर्ग लापता

वहीं, सोनीपत में कृषि कानून विरोधी आंदोलन के धरने में शामिल होने आया बुजुर्ग संदिग्ध हालात में गायब हो गया। वह अपने गांव के लोगों के साथ कैंप में सोया था। सुबह को उनका कहीं पर पता नहीं लगने पर परिवार के लोगों को सूचना दी गई। उनके गायब होने की सूचना पर स्वजन और रिश्तेदार कुंडली बार्डर पर पहुंचे। कई दिन की तलाश के बावजूद उनका पता नहीं लग पाया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लखवीर सिंह ने पुलिस को बताया कि वह पंजाब के जिला संगरूर थाना भवानीगढ़ के गांव निदामपुर के रहने वाले हैं। उनके 70 वर्षीय पिता करनैल सिंह धरने में शामिल होने के लिए आए थे। वह आठ अप्रैल की शाम को नौ बजे कुंडली पहुंचे थे।

केएमपी के मांडौठी टोल पर धरनारत किसान आंदोलनकारियों को हटाया

वहीं, केएमपी के मांडौठी टोल पर धरना देने वाले आंदोलनकारियों को बृहस्पतिवार रात को एसडीएम हितेंद्र कुमार ने बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर हटा दिया। टोल प्लाजा से आंदोलनकारियों को हटाकर टोल शुल्क की वसूली दोबारा शुरू करवा दी। एसडीएम ने आंदोलनकारियों से अपील की है कि वे टोल वसूली बंद न करवाएं। मगर आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे टोल फ्री रखेंगे। यहां पर अब आंदोलनकारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।