अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत, 7 महीने की गिरावट के बाद अक्टूबर में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में हुई वृद्धि

भारतीय सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में फरवरी महीने के बाद से पहली बार अक्टूबर में वृद्धि दर्ज की गई है। सेवा क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। ऐसे में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी सकारात्मक संकेत है। अक्टूबर महीने से पहले लगातार सात महीने भारतीय सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट देखी गई थी। कोरोना वायरस संबंधि प्रतिबंधों में छूट के चलते बाजार की स्थिति में सुधार आने से सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में यह वृद्धि हुई है। एक मासिक सर्वे से यह जानकारी सामने आई है।

अक्टूबर महीने में सर्विस पीएमआई 54.1 रही है। सितंबर में यह 49.8 रही थी। इस तरह भारतीय सेवा क्षेत्र का कारोबारी गतिविधि सूचकांक फरवरी के बाद से पहली बार 50.0 के अपरिवर्तन स्तर से ऊपर गया है। आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज पीएमआई के अनुसार, पीएमआई का 50 के स्तर से ऊपर रहना विस्तार को दर्शाता है। वहीं, 50 से नीचे संकुचन को दर्शाता है।

आईएचएस मार्किट की एसोसिएट डायरेक्टर (अर्थशास्त्र) Pollyanna De Lima ने कहा, ‘यह देखना प्रोत्साहित कर रहा है कि भारतीय सेवा क्षेत्र अपने समकक्ष विनिर्माण क्षेत्र के साथ आ रहा है और इस साल के प्रारंभ में कोरोना वायरस महामारी के कारण हुए भारी नुकसान से उबर रहा है।’

लिमा ने आगे कहा, ‘विनिर्माण क्षेत्र में रिकवरी आना अगस्त में शुरू हो गया था और अब सेवा क्षेत्र ने भी रिकवरी शुरू कर दी है। सेवा प्रदाताओं ने अक्टूबर महीने के दौरान नए काम और व्यावसायिक गतिविधि में ठोस विस्तार के संकेत दिए हैं।’

सेवा क्षेत्र की कंपनियों ने नए काम में वृद्धि दर्ज की है, जो उन्होंने सफल मार्केटिंग प्रयासों और मांग में मजबूती के चलते प्राप्त की है।

नौकरियों के मौर्चे पर देखें, तो रोजगार में एक बार फिर मासिक गिरावट दर्ज की गई। लिमा ने कहा, ‘सर्वे के भागिदारों ने बताया कि छुट्टी पर गए वर्कर्स काम पर नहीं लौटे हैं और कोरोना वायरस संक्रमण का डर स्टाफ सप्लाई को लगातार बाधित करता दिखा।’