दिल्ली में कोरोना की महामारी को 14 माह से अधिक समय हो चुका है। इसमें से 13 माह में दिल्ली में लोगों ने कोरोना की जो मार झेली उससे दोगुने और गहरे जख्म महज पिछले 40 दिनों में मिले हैं। इसका कारण यह है कि दिल्ली में कोरोना के मामले 40 दिनों में दोगुने से ज्यादा हो गए। वहीं इस अवधि में 8636 लोग असमय मौत के शिकार हो गए, जो अप्रैल से पहले 13 महीने में कोरोना से हुई कुल मौत के आंकड़े के 78.31 फीसद के बराबर है। मृतकों का यह आंकड़ा तो सरकारी है, जो प्रतिदिन हेल्थ बुलेटिन में जारी होता है। मृतकों की असल संख्या इससे ज्यादा हो सकती है।
कोरोना की इस लहर ने किस कदर कहर बरपाया है इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि इंटरनेट मीडिया से लेकर वाट्सएप के हर ग्रुप में आए दिन किसी न किसी की मौत की सूचनाएं आ जाती है। दिल दहला देने वाला यह हालात लोगों के लिए भूल पाना आसान नहीं होगा। दिल्ली में पिछले साल दो मार्च को कोरोना का पहला मामला आया था। तब से लेकर इस साल 31 मार्च तक 13 महीने में छह लाख 62 हजार 430 मामले आए थे। इसलिए लोग उसे थोड़े कष्ट उठाकर झेल गए थे, लेकिन इस साल अप्रैल से लेकर 10 मई के बीच ही छह लाख 73 हजार 788 मामले आ गए। इस वजह से कुल मामले दोगुने से ज्यादा हो गए हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन व आइसीयू बेड की कमी अब भी बरकरार है। दिल्ली में शायद ही अब कोई ऐसा घर बचा हो जिसके यहां लोग बीमार न पड़े हों। कुछ परिवारों में सभी सदस्यों के संक्रमित होने के मामले भी देखे जा रहे हैं। डॉक्टर भी आशंका जता रहे हैं कि दिल्ली में करीब 75 फीसद लोग कोरोनाा से संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें बीमारी लोगों के अलावा बगैर लक्षण वाले ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें संक्रमण होने का पता नहीं चला।
आंकड़े
31 मार्च 2021 तक
कुल मामले- 6,62,430
मौत- 11027
कुल मृत्यु दर- 1.66 फीसद
10 अप्रैल तक कुल मामले- 13,36,218
- मौतें- 19,663
- कुल मृत्यु दर- 1.47 फीसद
पिछले 40 दिन में आए मामले- 6,73,788
- मौतें- 8636
- मृत्यु दर- 1.28 फीसद