बॉलीवुड में अक्सर सेलेब्स चकाचौंध में नजर आते हैं। फिल्मों के साथ-साथ इनकी लग्जरी लाइफ भी चर्चा में बनी रहती है, लेकिन कई बार ऐसा भी देखने को मिला है जब फिल्मों में नाम कमाने के बावजूद एक्टर्स पाई-पाई को मोहताज हो गए थे। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही सितारों के बारे में जिन्होंने फिल्मों में तो खूब नाम कमाया, लेकिन उनका आखिरी समय आर्थिक तंगी में गुजरा।
भगवान आबाजी पालव
भगवान आबाजी पालव की कहानी बेहद दुखद है। भगवान दादा के नाम से मशहूर डायरेक्टर ने फिल्म ‘क्रिमिनल’ से बॉलीवुड में शुरुआत की और गीता बाली के साथ ‘अलबेला’ जैसी हिट फिल्में दीं। राजा की तरह जिंदगी जीने वाले डायरेक्टर की लाइफ में डाउनफॉल तब आया जब उन्होंने ‘झमेला’ और ‘लबेला’ जैसी फिल्में बनाई। यह फिल्में नहीं चली और उन्हें अपना बंगला बेचना पड़ा। साथ ही उन्हें अपनी सात कारें भी बेचनी पड़ी जिनका इस्तेमाल वो अपने आने जाने के लिए किया करते थे। भगवान दादा इतने कर्ज में डूब गए थे कि उन्हें चॉल में शिफ्ट होना पड़ा। 2002 में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
मीना कुमारी
बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा मीना कुमारी को आज कौन नहीं जानता। 6 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वाली मीना ने 1952 में लेखक-निर्देशक कमाल अमरोही से शादी की थी, लेकिन मीना के अफेयर के चलते दोनों का रिश्ता बिखर सा गया। जिसकी वजह से मीना कुमारी शराबी बन गईं और उनका लीवर खराब हो गया। अपनी लाइफ के आखिरी दिनों में मीना ने ‘पाकीज़ा’ में काम किया। यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई, लेकिन रिलीज के एक महीने बाद ही मीना की मौत हो गई। खबरों की माने तो अपने आखिरी दिनों में एक्ट्रेस के पास हॉस्पिटल के बिल भरने तक के पैसे नहीं थे।
ए.के. हंगल
‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई’? इस डायलॉग से फेमस हुए ए.के. हंगल ने कुल 225 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया हैं। ए.के. हंगल की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि उनके पास खुद का इलाज कराने तक के पैसे नहीं थे। जब अमिताभ बच्चन को उनकी हालत के बारे में पता चला तो उन्होंने एक्टर को इलाज के लिए 20 लाख रुपये दिए थे। 2012 में ए.के. हंगल ने 95 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली।
परवीन बाबी
परवीन बाबी ने 1973 में रिलीज हुई फिल्म चरित्र से डेब्यू किया था। अपने 16 साल के के करियर में एक्ट्रेस ने ‘दीवार’, ‘नमक हलाल’, ‘अमर अकबर एन्थोनी’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया। रिपोर्ट्स की माने तो परवीन के आखिरी दिनों में उनके साथ कोई भी नहीं था और वो साइकोलॉजिकल बीमारी से जूझ रही थीं। 2005 में एक्ट्रेस को उनके अपार्टमेंट में मरा पाया गया था।
भारत भूषण
साल 1941 में आई फिल्म ‘चित्रलेखा’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाले भारत भूषण ने कई फिल्मों में काम किया। अपनी एक्टिंग से कालिदास, तानसेन, कबीर और मिर्जा गालिब जैसे कैरेक्टर्स को नया अंदाज देने वाले भूषण का चमकता सितारा इतनी गर्दिश में पड़ गया था कि उन्हें अपना गुजारा चलाने के लिए छोटे-मोटे रोल करना पड़ रहा था। जुए की लत ने उनसे उनकी शानों शौकत भी छीन ली थी, जिसकी वजह से उन्हें अपनी लाइफ के आखिरी दिन चॉल में रहकर गुजारने पड़े। 1992 में एक्टर की मौत हो गई।