अमेरिकी जेलों में 20000 भारतीय कैदी अवैध रूप से बंद:इनसे जबरन करवाई जाती है मजदूरी, मना किया तो अंधेरी कोठरी में बंद करते

अमेरिका की जेलों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय अवैध रूप से बंद हैं। इन जेलों में गैर-दस्तावेजी बंदियों से जबरन मजदूरी करवाई जाती है। इसके जरिए जेल मोटी कमाई करती हैं, लेकिन इन्हें न के बराबर भुगतान करती हैं। मजदूरी करने से मना करने वाले कैदियों को अंधेरी कोठरी में बंद कर दिया जाता है।

एक मानवाधिकार जांच में खुलासा हुआ कि अमेरिकी जेल उद्योग बन चुकी हैं। कैदियों से काम कराकर हर साल 11 बिलियन डॉलर यानी 91 हजार करोड़ रुपए कमाए जाते हैं। हालांकि, कैदियों को केवल एक घंटे के काम का वेतन मिलता है। उनकी साल की न्यूनतम मजदूरी 450 डॉलर तय की गई है।

कैदियों के पास साबुन खरीदने तक के पैसे नहीं
जांचकर्ता जेनिफर ने भास्कर से कहा कि जेल में अवैध रूप से बंद कैदियों की स्थिति दयनीय है। जेलों का दावा है कि उनके पास इतना फंड नहीं होता कि वे इन कैदियों को उचित वेतन दे पाएं। लेकिन हमारी जांच में पता चला है कि कैदियों से मजदूरी करवा जेल अरबों डॉलर की कमाई करते हैं। इसके बाद भी कैदियों का शोषण होता है। कई बार तो कैदियों के पास जेल में साबुन खरीदने या एक फोन करने के पैसे भी नहीं होते।

दरअसल, अमेरिका में निजी कंपनियां जेल चलाती हैं। इन जेलों में जितने ज्यादा कैदी होंगे, कंपनियों को सरकार से उतना ज्यादा फायदा होगा। जेलों का 80% काम इनमें रहने वाले कैदियों से करवाया जाता है। इसमें साफ-सफाई, मरम्मत कार्य, कपड़े धोने जैसे काम शामिल हैं। इसके अलावा बाहर की कंपनियां भी जेलों को टेबल-कुर्सी समेत अन्य सामान बनाने का ठेका देती हैं। यह भी जेल में बंद कैदियों से बनवाए जाते हैं, जो काम करने से मना कर देते हैं तो उन्हें कोठरी में अकेले बंद कर दिया जाता है। कई बार तो परिवार से भी नहीं मिलने दिया जाता।

एक साल में गैर-दस्तावेजी भारतीयों की दोगुनी गिरफ्तारी
मेक्सिको के जरिए अमेरिकी सीमा में घुसे भारतीय मूल के पंजाबी ने बताया कि मैं कैलिफोर्निया की जेल में एक साल तक बंद रहा। ये मेरे लिए किसी बुरे सपने जैसा है। हमें वहां पगड़ी और कड़ा पहनने की अनुमति भी नहीं थी। जो लोग शाकाहारी खाना खाते हैं, उन्हें भी जबरन मांस खाना पड़ रहा है।

वकील हायर नहीं कर पाते तो जमानत नहीं मिलती
सीमा पार कर घुसपैठ करने के अधिकतर मामलों में कैदियों को एक साल के भीतर ही जमानत मिल जाती हैं, लेकिन कई कैदियों के पास वकील हायर करने के पैसे भी नहीं होते हैं, इसलिए उन्हें मजबूरी में जेल में ही रहना पड़ता है। 2022 में अमेरिका में गिरफ्तार हुए 60 हजार में से 40 हजार भारतीयों को जमानत मिल गई, लेकिन 20 हजार अभी भी जेलों में बंद हैं।