हरियाणा के रोहतक में पुलिस चौकी पर पथराव का विवाद बढ़ गया है। नशा तस्करी के शक में महिला की गिरफ्तारी के बाद यह पूरा बवाल हुआ। इस मामले में पुलिस ने भीड़ के खिलाफ नशा बेचने, पुलिस पर जानलेवा हमला करने, सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने जैसी धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली है।
उधर पीड़ित पक्ष का कहना है कि पुलिस की पैसे लेकर उनसे नशे बेचने का धंधा करवाती है। फिर मनमर्जी से केस दर्ज कर गिरफ्तार भी कर लेते हैं। पुलिस ने उनको लाठियों से भी पीटा। हालांकि पुलिस इन सभी आरोपों को झूठा करार दे रही है। एंटी नारकोटिक्स सेल के इंचार्ज बोले की यह मेरी बदली करवाने की साजिश है।
पहले 3 पॉइंट में पूरा मामला पढ़िए
1. पुलिस ने फर्जी ग्राहक भेजा, महिला को पकड़ा
पुलिस के मुताबिक उन्हें इलाके में नशा बिक्री की सूचना मिली थी। इसके बाद स्पेशल टीमें बनाई गईं। इन टीमों ने मंगलवार रात को करतारपुरा, गढ़ी मोहल्ला व खोकराकोट में रेड की। जहां पहले पुलिस ने फर्जी ग्राहक बनाकर नशा तस्कर के पास भेजा। जिससे उसे नशा मिल गया। जिसके बाद पुलिस ने एक महिला को नशा तस्करी के शक में पकड़ लिया।
2. पुलिस और लोगों के बीच हाथापाई
जैसे ही पुलिस ने महिला को पकड़ा तो उसके परिजनों ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने पुलिस का रास्ता रोकते हुए महिला को ले जाने से रोक दिया। जिससे दोनों पक्षों में हाथापाई हो गई। इससे वहां माहौल तनावपूर्ण हो गया।
3. पुलिस वाले जान बचाकर भागे, भीड़ ने चौकी पर पथराव किया
इसके बाद पुलिस ने डंडे दिखाकर लोगों को भगाने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। यह देखकर पुलिस पार्टी को वहां से जान बचाने के लिए भागना पड़ा। इसके बाद पुलिस वाले इंदिरा कॉलोनी पुलिस चौकी आ गए। भीड़ भी उनके पीछे आ गई और पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया।
इलाका निवासी बोले- जिस महिला को पकड़ा, उससे भी पुलिस ने पैसे लिए इलाके के विजयपाल ने बताया कि यहां नशे का धंधा चलता है। पुलिस ही यह काम करवाती है और नशे का धंधा करवाती है। अगर कोई पैसे नहीं देता है तो पुलिस मारपीट करती है। पैसे देने से मना करने पर पुलिस ने मारपीट की। पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज किया। बच्चों पर लगातार केस दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस ने इसे पैसे कमाने का धंधा बनाया हुआ है। जिस महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उससे भी पुलिस ने तीन-चार बार पैसे लिए हुए है।
एंटी नारकोटिक्स सेल इंचार्ज का दावा, महिला को भगाना चाहता था बेटा
एंटी नारकोटिक्स सेल के इंचार्ज एसआई परविंद्र ने बताया कि उन्हें मुखबरी मिली थी की कैलाशो नाम की महिला नशीला पदार्थ बेचने का काम कर रही है। उन्हें पता चला कि वह काले रंग का सूट पहने हुए है। पुलिस ने जब उसका पीछा किया तो महिला ने पुलिस को देखकर रास्ता बदल लिया, लेकिन दूसरी तरफ से भी टीम आ रही थी। टीम में महिला स्टाफ भी था। उन्होंने महिला को रोक लिया।
महिला के हाथ में सामान था। पुलिस टीम महिला को लेकर चौकी की तरफ आ रही थी। वहां पर उनके परिवार के दो-तीन घर हैं। उस समय तो परिवार वाले कुछ बोले नहीं। लेकिन बाद में जब पुलिस चौकी से करीब 20 मीटर दूरी पर एक व्यक्ति ने पीछे से बरसाने आरंभ कर दिए। एक पत्थर पुलिसकर्मी के सिर में लगा। जिसका पता नहीं लगा, लेकिन वे महिला को लेकर चलते रहे।
जब वे चौकी तक पहुंचे तो वहां पर भी आरोपी आ गए। जहां पुलिस पर हमला किया। जब लोग टीम पर हावी होने लगे तो पुलिस ने लोगों को हाथों से दूर किया। लाठी किसी ने नहीं चलाई। महिला का लड़का भी अपनी मां को लेकर भागना चाहता था, लेकिन टीम ने उन्हें भागने नहीं दिया गया। इसके लिए पुलिस वालों ने चोटें भी खाई। जिसके बाद वे आरोपियों को थाने ले आए।