टाइटैनिक टूरिस्ट पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में लापता:जहाज का मलबा देखने जा रहे थे चार यात्री, अमेरिका-कनाडा सर्च ऑपरेशन में जुटे

टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली एक टूरिस्ट पनडुब्बी रविवार को अटलांटिक ओशन में लापता हो गई। टाइटेन पनडुब्बी में एक पायलट और 4 पैसेंजर्स सवार थे। सबमरीन को ढूंढने के लिए अमेरिकी और कनाडा के जहाज और प्लेन्स को भेजा गया है। द गार्जियन के मुताबिक, रविवार दोपहर को सबमरीन पानी में उतरने के बाद 1.45 घंटे बाद रडार से गायब हो गई थी।

रॉयटर्स के मुताबिक, ये सबमरीन 96 घंटों तक पानी में रह सकती है। हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि सबमरीन अभी भी पानी में ही है या सतह पर आ चुकी है। अमेरिका-कनाडा की रेस्क्यू टीम ने केप कॉड से करीब 900 मील (1,450 किमी) पूर्व में तलाश शुरू कर दी है। इसके अलावा पानी में सोनार-बॉय भी छोड़े गए हैं, जो 13 हजार फीट की गहराई तक मॉनिटर कर सकते हैं। इसके अलावा कॉमर्शियल जहाजों से भी मदद मांगी जा रही है।

टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए लगते हैं 2 करोड़ रुपए
टाइटैनिक का मलबा देखने जाने के लिए हर व्यक्ति को करीब 2 करोड़ रुपए भरने होते हैं। ये टूर सेंट जोन्स के न्यूफाउंडलैंड से शुरू होता है। इसके बाद ये 2 घंटे में 600 किमी दूर अटलांटिक महासागर पहुंचता है, जहां ओशन के तल पर 3,800 मीटर में टाइटैनिक का मलबा मौजूद है। इस टाइटेन सबमरीन में एक बार में 5 लोग आ सकते हैं।

14-15 अप्रैल, 1912 को डूबा था सबसे बड़ा स्टीम बेस्ड यात्री जहाज
दुनिया का सबसे बड़ा स्टीम बेस्ड यात्री जहाज टाइटैनिक 10 अप्रैल 1912 को अपने पहले सफर पर निकला था। ब्रिटेन के साउथहैप्टन से शुरू हुआ सफर अमेरिका के न्यूयॉर्क में पूरा होना था। 4 दिन बाद 14-15 अप्रैल को ये एक आइसबर्ग से टकराकर अटलांटिक महासागर में डूब गया था। जहाज पर सवार 2,200 यात्रियों और क्रू में से 1,500 से अधिक की मौत हो गई थी। समुद्र में इसके मलबे की खोज 1985 में की गई थी।

फरवरी में जारी हुआ था मलबा देखने जा रहे यात्रियों का वीडियो
इस साल फरवरी में मलबे की पिछली यात्राओं में से एक का वीडियो यूट्यूब पर जारी किया गया था। इसमें 80 मिनट के अनकट फुटेज थे। फिर मई में जहाज के मलबे का पहला फुल साइज 3-D स्कैन भी प्रकाशित किया गया था। हाई रिजॉल्यूशन फोटोज में मलबे को रिकंस्ट्रक्ट किया गया। इसके लिए डीप सी मैपिंग तकनीक का उपयोग किया गया था।

2022 में डीप-सी मैपिंग कंपनी मैगलन लिमिटेड और अटलांटिक प्रोडक्शंस जो प्रोजेक्ट को लेकर डॉक्यूमेंट्री बना रहे हैं, ने फिर रिकंस्ट्रक्शन किया। अटलांटिक के तल पर जहाज के मलबे का सर्वेक्षण करने में 200 घंटे से ज्यादा समय व्यतीत करने वाले विशेषज्ञों ने रिमोटली कंट्रोल्ड पनडुब्बी से स्कैन बनाने के लिए 7 लाख से ज्यादा फोटोज लिए थे।