पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में बुधवार को पुलिस हड़ताल पर चली गई। इसके बाद शहर के हाल बेकाबू हो गए। लोगों ने लूटपाट मचाई, दंगे भी भड़क गए। 15 लोगों की मौत हो गई। वहीं, गंभीर हालात को देखते हुए सरकार ने आपातकाल लगा दिया है।
BBC के मुताबिक पुलिस की गैरमौजूदगी में लोगों ने सुपरमार्केट और दुकानों में घुसकर तोड़फोड़ की और सामान उठा कर ले गए। इसके अलावा कुछ उपद्रिवयों ने सड़कों पर खड़ी गाड़ियों और छोटी दुकानों में आग लगा दी।
पुलिस वेतन को लेकर संसद के बाहर प्रदर्शन कर रही थी। इस बीच लोग भी वहां जमा हो गए। ये लोग संसद में घुसने की कोशिश करने लगे। लोगों ने प्रधानमंत्री ऑफिस के कंपाउंड में खड़ी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया।
कम वेतन मिलने पर हड़ताल पर बैठे थे पुलिसकर्मी
पापुआ न्यू गिनी में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है। दूसरी तरफ वेतन बढ़ाने की जगह पुलिसकर्मियों को वेतन 50% तक कम दिया गया। इससे नाराज पुलिसकर्मी संसद के बाहर हड़ताल पर बैठे थे। इसके बाद शहर में हिंसा बढ़ गई। पोर्ट मोरेस्बी जनरल अस्पताल ने राजधानी में आठ मौतों की पुष्टि की। वहीं, पापुआ न्यू गिनी के दूसरे सबसे बड़े शहर- लाए में 7 अन्य लोगों की मौत की सूचना मिली। हिंसा में कुल 15 लोग मारे गए हैं।
प्रधानमंत्री ने माफी मांगी
गुरुवार को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारेप ने देश के नाम संबोधन दिया। कहा- इस तरह की हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा। लोगों ने पुलिस का गैरमौजूदगी का फायदा उठाया है। कानून को तोड़ना गलत है। इससे कुछ हासिल नहीं होगा। लोगों को इस घटना से काफी नुकसान हुआ है। मैं इस पूरी घटना के लिए माफी मांगता हूं।
उन्होंने पुलिस के वेतन को लेकर कहा- कंप्यूटर में आई तकनीकी खराबी के पुलिसकर्मियों का वेतन कम आया है। सरकार ने किसी का वेतन नहीं घटाया है। जल्द तकनीकी खराबी को ठीक किया जाएगा। अगले महीने सबका वेतन पिछले बकाए के साथ मिल जाएगा।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल और हिंसा भड़की
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मार्पे ने कहा- सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैली और लोगों ने इसे सच मान लिया। यही हिंसा की वजह बन गई। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया कि सरकार इनकम टैक्स बढ़ाने वाली है। लोग इससे भड़क गए। सरकार के खिलाफ बातें होने लगीं और लोग हिंसा और प्रदर्शन करने लगे।
गरीब लोगों ने हिंसा बढ़ाई
एक चश्मदीद ने कहा- जिन लोगों ने हिंसा की वो शहर के बाहरी इलाकों से आए थे। इन लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर है। गरीबी के चलते ये पढ़ नहीं पाए इसलिए बेरोजगार भी हैं। जब उन्हें पता चला की पुलिस हड़ताल पर है तो वो शहर में आ गए और दुकानों में तोड़फोड़ करने लगे।
अमेरिका एम्बेसी के पास गोलियां चलीं
BBC के मुताबिक पोर्ट मोरेस्बी स्थिति US एम्बेसी के पास गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी। अस्पताल के स्टाफ ने भी कहा कि उनके पास कुछ घायल आए हैं जिन्हें गोलियां लगी हैं। यह गोलियां किसने चलाईं फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है। चीनी एम्बेसी ने भी शिकायत दर्ज करवाई है कि हिंसा में चीनी नागरिक घायल हुए हैं।
हिंसा रोकने सेना तैनात की
हालात बेहाबू होने के बाद बुधवार शाम को सरकार ने सड़कों पर सेना तैनात कर दी। सैनिकों के एक्शन के बाद हिंसा में कमी आई, लेकिन यह पूरी तरह से अब भी नहीं रुकी है। गंभीर हालात और सेना की तैनाती को देखते हुए पुलिस ने भी बुधवार शाम हड़ताल खत्म की और एक्शन में आ गई।