अयोध्या में 18 जनवरी को पकड़े गए प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस (SFJ) के पकड़े गए तीन सदस्य कनाडा में सुक्खा की हत्या का बदला लेने आए थे। वह पन्नू से लारेंस विश्नोई गैंग के खात्मे के बदले अयोध्या की रेकी कर रहे रहे थे और उनके निर्देश पर कुछ भी करने का तैयार थे।
यह चौकाने वाला खुलासा एटीएस की रिमांड के दौरान राजस्थान निवासी शंकर लाल दुसाद और उसके दो साथी अजीत कुमार शर्मा और प्रदीप ने किए हैं। यह बात सामने आने के बाद एटीएस और भी अलर्ट हो गई है। इसके साथ ही पन्नू और लारेंस विश्नोई और सुक्खा गैंग से जुड़े लोगों के विषय में जानकारी जुटाना शुरू कर दी है।
एटीएस सूत्रों का कहना है कि यह तीनों पन्नू के सीधे संपर्क में थे। इन्होंने ही तीनों को इसके लिए आने-जाने से लेकर रहने-खाने के साथ पूरे खर्च की व्यवस्था की थी।
एटीएस की रिमांड पर खालिस्तानी समर्थकों ने खोले राज
एटीएस राजस्थान के रहने वाले गैंगस्टर शंकर लाल दुसाद, अजीत कुमार शर्मा और प्रदीप पुनिया को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक शंकर लाल दुसाद ने कबूल किया है कि वह जेल में बंद रहने के दौरान सुक्खा गैंग से जुड़ा और उसके लिए काम करने लगा।
सुक्खा की कनाडा में मौत के बाद लारेंस विश्नोई गैंग के हाथ होने की बात सामने आई। इसके बाद से ही उसका गैंग उससे बदला लेने के लिए पन्नू गैंग से मिल गया। इसके बाद उसके खात्में की डील के तहत ही उसने अयोध्या की रेकी शुरू की थी।
एटीएस चीफ मोहित अग्रवाल ने बताया, तीनों खालिस्तानी समर्थकों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। उनके खालिस्तानी पन्नू से लेकर सुक्खा गैंग तक से जुड़े होने की जानकारी जुटाई जा रही है। युपी में किसी भी प्रकार की अराजकता फैलाने वालों से निपटने के लिए एटीएस पूरी तरह से अलर्ट है। सुरक्षा के लिहाज से इस केस से जुड़े तथ्य जरूरत के हिसाब से साझा किए जाएंगे।
अब बताते हैं कैसे गैंगस्टर शंकर लाल दुसाद सुक्खा गैंग के संपर्क में आकर पन्नू से जुड़ा
राजस्थान सीकर के जाजोद का रहने वाला शंकर लाल दुसाद, प्रदीप पुनिया और झुनझुन पत्तूसरी के अजीत कुमार से एटीएस ने पूछताछ की। इसमें तीनों ने बताया कि वह लोग लारेंस विश्नोई से बदला लेना चाह रहे थे।
शंकर लाल दुसाद 21 मार्च 2016 में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद बीकानेर सेंट्रल जेल में 15 मई 2023 तक जेल में रहा। जेल में रहने के दौरान कैदी लखबिन्दर और उसके भांजे पम्मा से दोस्ती हुई।पम्मा के जरिए शंकरलाल दुसाद की सुखबिन्दर उर्फ सुक्खा से वॉट्सऐप के माध्यम से बात होने लगी।
बातचीत के दौरान सुक्खा कहता था कि तुम्हारे गैंग के लोगों एवं खालिस्तानी समर्थकों की हत्या में गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का हाथ है और तुम बदला लेने में हम लोगों की मदद करो। सितम्बर 2023 में कनाडा में सुक्खा की हत्या हो गई।
वहीं राजस्थान में उसके करीबी गैंगस्टर राजेन्द्र जाट उर्फ राजू ठेहट के मारे जाने के बाद शंकर लाल दुषाद ही गैंग को ऑपरेट करने लगा था। सुक्खा गैंग से जुड़े होने के नाते लारेंस विश्नोई गैंग उसको नुकसान न पहुंचाए। और गैंग के खात्मे के लिए पन्नू से मदद मांगी।
इसके बाद ही विदेश में रह रहे खालिस्तानी समर्थक हरमिन्दर सिंह उर्फ लांडा के कहने पर अयोध्या रेकी करने गया। उसने कहा था कि गुरपतवन्त सिंह पन्नू ने कहा है कि अयोध्या जाकर वहाँ रेकी करके नक्शा भेजे तथा उसके निर्देश का इंतजार करे। उसका मकसद पन्नू को अयोध्या की जानकारी और उसके निर्देश पर घटना को अंजाम देकर लारेंस विश्नोई गैंग को खत्म कराना था।