पौराणिक सरस्वती नदी हरियाणा में होगी पुनर्जीवित, जानें क्या है जलप्रवाह सुनिश्चित करने की योजना

प्राचीन काल में विलुप्त हुई वेदों में उल्लिखित सरस्वती को पुनर्जीवित करने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं। इसी कड़ी में नदी किनारे सरोवर बनाए जाएंगे। इसके लिए कई पंचायतों ने जमीन देने की पेशकश की है। एक साल में सरस्वती के उद्गम स्थल आदिब्रदी से लेकर पिहोवा तक 20 बड़े जलाशय (सरोवर) बनाने का लक्ष्य है, ताकि इनमें बरसाती पानी का संचय कर नदी में जल प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके।

सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की योजना के अंतर्गत रामपुरा हेरियां, रामपुरा कंबोयान, बोहली, मछरौली, संगौर, मुकुरपुर व स्योंसर में जलाशय बनाए जाएंगे। रामपुरा कंबोयान में 350 एकड़ भूमि पर बड़ा जलाशय बनाया जाएगा, जिसमें 300 क्यूसिक पानी को इकट्ठा करने की क्षमता होगी। सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड जलाशयों के लिए ग्राम पंचायतों से जमीन लेने की कोशिश में जुटा है। कई पंचायतों ने हामी भी भर दी है, जहां जल्द ही जलाशय बनाने का काम शुरू किया जाएगा।

बहरहाल, सरकार का मुख्य फोकस उद्गम स्थल आद्रिबद्री पर बांध बनाने का है जिसे वर्ष 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सरस्वती नदी में पुन: जलधारा को गति देने के लिए हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर बनने वाले डैम को लेकर इसी महीने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (एमओयू) होना है। सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने को लेकर गंभीर मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही इस डैम को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दे चुके हैं।

सरस्वती नदी के विकास को लेकर सरकार ने 388 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने बताया कि गंदगी से अटी पड़ी सरस्वती में पानी प्रवाहित करने से पहले उसे स्वच्छ करने का मास्टर प्लान भी तैयार कर लिया गया है। कुरुक्षेत्र के पिपली से लेकर गीता की उद्गम स्थली ज्योतिसर तक सफाई अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा शाहाबाद से लेकर इस्माईलाबाद के जलबेड़ा तक मारकंडा के ओवरफ्लो पानी को भी संचित किया जाएगा। इसको लेकर बीबीपुर झील में बड़ा जलाशय बनाने की योजना है।

रोडमैप पर सीएम की मुहर

सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने का रोडमैप तैयार कर लिया गया है। इस प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री मनोहर की मंजूरी मिल चुकी है। योजना के तहत आदिबद्री पर डैम बनाया जाएगा और सरस्वती के किनारे बड़े जलाशय भी बनेंगे। इन जलाशयों में बरसाती सीजन में पानी जमा किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर यह पानी सरस्वती को प्रवाहित भी रखेगा। डैम बनाने को लेकर हिमाचल सरकार से जल्द ही एमओयू किया जाएगा। इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।-धुम्मन ¨सह किरमिच, उपाध्यक्ष, सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड।