Solar Eclipse 2021: 10 जून को इस साल का पहला सूर्यग्रहण लगेगा। यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन इस दिन खास संयोग बन रहा है। शनि अमावस्या और वट सावित्री पूजा होने के काण इसका खास महत्व हो गया है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक़ 10 जून को ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि है। इस दिन एक तरफ जहां वट सावित्री व्रत है, वहीं इसी दिन अमावस्या और शनि जयंती भी हैं। ये महत्वपूर्ण हैं। वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग और संतान की लंबी उम्र के व्रत रखती हैं। इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है। इस दिन अमावस्या तिथि भी है तो पितरों के लिए तर्पण कार्य भी इसी दिन किया जाएगा।
धर्म नगरी कुरुक्षेत्र के गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के संचालक डा. रामराज कौशिक ने बताया ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि शनि देव का जन्म हुआ था। इस दिन को शनि जयंती के नाम से जाना जाता है। इस बार 10 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। यह ग्रहण कुल 5 घंटे का होगा और भारत के समय के अनुसार दोपहर 1.42 बजे पर शुरू होकर शाम 6.41 पर समाप्त होगा। भारत में नहीं दिखने के कारण इसका भी सूतक मान्य नहीं होगा ।
अमावस्या प्रारंभ : 9 जून 2021 को दोपहर 01:57 बजे।
अमावस्या समाप्त : 10 जून 2021 को शाम 04:20 बजे।
करनाल के निसिंग के ज्योतिष विद्या केंद्र के अमित मौदगिल का कहना है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक रूप से होगा। कंकणाकृति सूर्य ग्रहण दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका, प्रशांत महासागर और आइसलैंड क्षेत्र में दिखाई देगा। इसका आमजन व राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा।
ग्रहण का सूतक काल
सामान्यत: सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले लगता है। इसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे यज्ञ अनुष्ठान आदि नहीं किए जाते हैं। मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं। जो ग्रहण भारत में दिखाई देगा उसका सूतक काल भी भारत में मान्य होगा। इसका प्रत्यक्ष या परोक्ष असर जनमानस पर पड़ेगा। राजनीति पर भी असर होगा।
वर्ष 2021 में लगेंगे कुल चार ग्रहण