‘डेल्टा’ वैरिएंट से महामारी की तीसरी लहर का खतरा, 40 फीसद अधिक खतरनाक

देश में महामारी की दूसरी लहर के जिम्मेवार डेल्टा वैरिएंट B.1.617.2 का असर अब कमजोर होने लगा है लेकिन दुनिया के अन्य देशों में अभी यह परेशानी का सबब बना हुआ है। इस वैरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘डेल्टा’ नाम दिया है। इस वैरिएंट से संक्रमण का पहला मामला पिछले साल अक्टूबर में भारत में ही आया था।

कोरोना वायरस के इस डबल म्यूटेंट वैरिएंट ‘डेल्टा’ ने देश में तबाही मचा दी, और लाखों लोगों को चपेट में ले लिया। बता दें कि डेल्टा वैरिएंट के बाद अब नए वैरिएंट के आने की खबरें हैं। WHO का कहना है कि वायरस के अन्य वैरिएंट अल्फा, बीटा, गामा की तुलना में डेल्टा अधिक खतरनाक है और यह कई गुना तेजी से फैलता है। संगठन ने यह भी कहा जिंदगियों के लिए सबसे अधिक घातक भी यही वैरिएंट है।

ब्रिटेन में भी डेल्टा वैरिएंट का खौफ है। यहां महामारी की तीसरी लहर का जिम्मेवार भी इसी वैरिएंट को बताया गया है। यहां के स्वास्थ्य मंत्री मैन हेनकॉक के अनुसार बाकी दोनों वैरिएंट की तुलना में डेल्टा 40 फीसद अधिक खतरनाक है। वहीं सीनियर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में हालिया बढ़ोतरी के पीछे ‘डेल्टा’ है। इसने 21 जून से निर्धारित अनलॉक योजना को और मुश्किल बना दिया है। उन्होंने बताया कि डेल्टा से संक्रमित अस्पताल में भर्ती अधिकतर लोगों को वैक्सीन की डोज नहीं मिली थी।

ब्रिटेन में जिन लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है उनपर भी इसका खतरा है जो चिंता का विषय है। ब्रिटेन में डेल्टा वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां इस वैरिएंट के अब तक कुल 12 हजार से ज्यादा केस मिले हैं।